प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (PMAY-U) 2.0 | 30 May 2025
प्रमुख बिंदु
- शुरुआती वर्ष: 2024 (PMAY-U मूल रूप से वर्ष 2015 में आरंभ हुई थी)
- नोडल मंत्रालय: आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA)
- प्रकार: केंद्र प्रायोजित योजना
- ब्याज सब्सिडी योजना (ISS) घटक केंद्रीय क्षेत्रक योजना है
- पात्रता: ऐसे EWS/LIG/MIG परिवार जिनके पास पक्का मकान नहीं है; वार्षिक आय ₹9 लाख तक
- लाभ: सभी मौसमों के लिये पक्के मकानों हेतु सब्सिडी
- लक्ष्य: 1 करोड़ शहरी परिवारों को (निर्माण, क्रय, किराया के माध्यम से) आवास उपलब्ध कराना
- कुल परिव्यय: ₹10 लाख करोड़ (₹2.3 लाख करोड़ केंद्रीय सहायता)
PMAY-U 2.0 की मुख्य विशेषताएँ और पात्रता क्या हैं?
- PMAY-U 2.0 (2024): PMAY-U 2.0 (2024) मूल प्रधानमंत्री आवास योजना - शहरी (PMAY-U) का नवीन संस्करण है, जिसे संपूर्ण भारत में शहरी परिवारों के लिये किफायती आवास सुनिश्चित करने हेतु वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था।
- इस योजना का उद्देश्य एक करोड़ गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिये सभी मौसमों के अनुकूल पक्के मकानों का निर्माण, खरीद या किराए पर देना है।
- कार्यान्वयन: यह योजना पाँच वर्षों में राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों एवं प्राथमिक ऋण संस्थानों (PLIs) द्वारा लागू की जाएगी।
- सरकार ने ₹10 लाख करोड़ के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है, जिसमें ₹2.30 लाख करोड़ सब्सिडी सहायता के रूप में होंगे।
- पात्रता एवं लाभार्थी मापदंड: पात्र परिवारों के किसी भी सदस्य के नाम पर देश में कहीं भी पक्का मकान नहीं होना चाहिये।
- यह योजना आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (EWS), निम्न आय वर्ग (LIG) एवं मध्यम आय वर्ग (MIG) के परिवारों को लक्षित करती है।
- EWS परिवारों की वार्षिक आय ₹3 लाख तक होनी चाहिये, जबकि LIG परिवारों की आय ₹3 से ₹6 लाख के बीच।
- योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार MIG परिवारों की वार्षिक आय ₹6 लाख से ₹9 लाख के बीच निर्धारित की गई है।
- वे वयस्क सदस्य जो कमाते हैं लेकिन जिनके नाम पर कोई संपत्ति नहीं है, उन्हें अलग परिवार के रूप में पात्र माना जाएगा।
- कवरेज क्षेत्र: यह योजना जनगणना 2011 में अधिसूचित सभी वैधानिक नगरों तथा राज्य सरकारों द्वारा उसके पश्चात् अधिसूचित नगरों को शामिल करती है।
- PMAY-U 2.0 के अंतर्गत अधिसूचित योजना क्षेत्रों एवं शहरी विकास अथवा औद्योगिक प्राधिकरणों के अधीन क्षेत्र भी सम्मिलित हैं।

PMAY-U 2.0 के प्रमुख घटक क्या हैं?
- लाभार्थी-नेतृत्व निर्माण (BLC): BLC के अंतर्गत पात्र EWS परिवारों को अपनी स्वयं की खाली भूमि पर मकान निर्माण हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
- राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश भूमिहीन परिवारों को निर्माण पात्रता के लिये भूमि अधिकार (पट्टा) प्रदान कर सकते हैं।
- साझेदारी में किफायती आवास (AHP): AHP के तहत लाभार्थियों को सार्वजनिक या निजी निकायों के साथ साझेदारी में निर्मित मकानों के स्वामित्व हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
- स्वीकृत निजी परियोजनाओं में सभी मानदंडों को पूरा करने वाले आवासों की खरीद हेतु रिडीमेबल वाउचर प्रदान किये जाते हैं।
- नवाचार प्रौद्योगिकियों के उपयोग हेतु 1,000 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से प्रौद्योगिकी नवाचार अनुदान (TIG) प्रदान किया जाता है।
- नवीन प्रौद्योगिकियों के लिये 3,000 रुपए प्रति वर्ग मीटर का केंद्रीय TIG और 2,000 रुपए प्रति वर्ग मीटर का राज्य अनुदान प्रदान किया जाता है।
- किफायती किराए के आवास (ARH): ARH का उद्देश्य प्रवासी श्रमिकों, छात्रों, निराश्रित व्यक्तियों तथा शहरी बेघर लोगों को स्वच्छ किराए के आवास उपलब्ध कराना है।
- इस परियोजना को दो मॉडलों के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है, जिसमें खाली पड़े मकानों का रूपांतरण और नए निर्माण शामिल हैं।
- मॉडल 1 के अंतर्गत शहरों में सरकारी खाली मकानों का उपयोग सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) व्यवस्था के माध्यम से किया जाता है।
- मॉडल 2 सार्वजनिक या निजी एजेंसियों को नए किराए के आवासों के निर्माण, संचालन और अनुरक्षण की अनुमति देता है।
- PMAY (U) के अंतर्गत इन-सीटू स्लम पुनर्विकास के तहत पात्र झुग्गीवासियों को प्रति मकान ₹1 लाख का स्लम पुनर्विकास अनुदान प्रदान किया जाता है।
- ब्याज सब्सिडी योजना (ISS): ISS के अंतर्गत ₹25 लाख तक के गृह ऋण पर, जहाँ मकान की लागत ₹35 लाख से अधिक न हो, 4% ब्याज सब्सिडी दी जाती है।
- यह सब्सिडी गृह ऋण की पहली ₹8 लाख राशि पर लागू होती है और इसे 12 वर्षों की अवधि में चुकाया जाता है।
- अधिकतम ₹1.80 लाख की सब्सिडी लाभार्थी के खाते में पाँच वार्षिक किस्तों में अंतरित की जाती है।

PMAY-U 2.0 का वित्तपोषण और कार्यान्वयन कैसे होता है?
- वित्तपोषण एवं लागत साझा करना: PMAY-U 2.0 को केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में लागू किया गया है, केवल ब्याज सब्सिडी योजना (ISS) को छोड़कर, जिसे केंद्रीय क्षेत्रक योजना के रूप में क्रियान्वित किया जाता है।
- इस योजना में लागत साझेदारी केंद्र, राज्य और लाभार्थी के बीच निर्धारित अनुपात में होती है, जो क्षेत्रीय श्रेणी पर निर्भर करती है।
- जिन केंद्रशासित प्रदेशों में विधानमंडल नहीं है, वहाँ संपूर्ण लागत केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाती है (100:0 अनुपात)।
- पूर्वोत्तर राज्य, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर एवं पुदुचेरी में 90:10 लागत साझेदारी का अनुपात लागू होता है।
- अन्य राज्यों के लिये 60:40 का अनुपात निर्धारित है, जिसमें राज्य की हिस्सेदारी अनिवार्य है।
- AHP/BLC घटकों के अंतर्गत प्रति इकाई ₹2.50 लाख की सहायता दी जाती है, साथ ही तकनीकी उपयोग के लिये अतिरिक्त अनुदान भी प्रदान किया जाता है।
- प्रौद्योगिकी और नवाचार समर्थन: एक समर्पित प्रौद्योगिकी नवाचार उप-मिशन (TISM) जो हरित, आपदा-रोधी और लागत प्रभावी प्रौद्योगिकियों के उपयोग का समर्थन करता है।
- राज्यों को PMAY-U 2.0 के लाभ प्राप्त करने हेतु सुलभ आवास नीति अपनानी होती है, जिससे सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा मिल सके।
- निगरानी और प्रशासन: एक रीयल-टाइम डैशबोर्ड के माध्यम से भौतिक एवं वित्तीय प्रगति, मकान निर्माण की स्थिति और केंद्रीय निधियों के वितरण की निगरानी की जाती है।
- BHUVAN और Bharat Map प्लेटफॉर्म के साथ Geo-tagging की सुविधा जुड़ी हुई है, जो भूमि स्तर पर निर्माण की पुष्टि सुनिश्चित करती है।
- एक मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (MIS) के माध्यम से सभी हितधारकों को जोड़कर मांग सर्वेक्षण, निधि प्रवाह एवं लाभार्थी डेटा को ट्रैक किया जाता है।
- डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से विनिर्माण स्थिति के अनुसार सहायता सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में पहुँचाई जाती है।
- वर्ष 2024 में लॉन्च किया गया एकीकृत PMAY-U 2.0 वेब पोर्टल आवेदनों, भुगतान तथा परियोजना की प्रगति को ऑनलाइन ट्रैक करने में सहायक है।
- कार्यान्वयन में स्थानीय शहरी स्थानीय निकाय (ULBs) परियोजनाओं को तैयार करते हैं, जिन्हें राज्य स्तरीय समितियों द्वारा अनुमोदन प्राप्त होता है।
- MoHUA (आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय) नियमित समीक्षा बैठकें आयोजित करता है, जिनमें भूमि अधिग्रहण, अनुमोदन और लाभार्थी भागीदारी जैसी चुनौतियों का समाधान किया जाता है।
- अन्य योजनाओं के साथ अभिसरण: राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों को PMAY-U 2.0 को AMRUT 2.0, स्मार्ट सिटी मिशन, स्वच्छ भारत, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, पीएम विश्वकर्मा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, पीएम स्वनिधि, आयुष्मान भारत, उज्ज्वला, उजाला जैसी योजनाओं एवं राज्यस्तरीय योजनाओं के साथ संरेखित करने हेतु प्रोत्साहित किया जाता है।
नवीनतम अद्यतन
- मार्च 2025 तक PMAY-U 2.0 के तहत आयोजित पहली केंद्रीय स्वीकृति एवं निगरानी समिति (CSMC) की बैठक में 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 3.52 लाख से अधिक मकानों को स्वीकृति दी गई।
- इनमें से 2.67 लाख से अधिक मकान विशेष रूप से महिलाओं, जिसमें अविवाहित महिलाएँ एवं विधवाएँ शामिल हैं, के लिये स्वीकृत किये गए जबकि 90 मकान ट्रांसजेंडर लाभार्थियों को आवंटित किये गए।
- जनवरी 2025 तक, प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (PMAY-U) ने 2015 से अब तक कुल 118.64 लाख घर मंज़ूर किये हैं, जिनमें से 90.25 लाख से अधिक घर पूर्ण होकर लाभार्थियों को वितरित किये जा चुके हैं।
- वर्तमान में यह योजना भारत के सभी महानगरों सहित 4,618 शहरों एवं शहरी स्थानीय निकायों को कवर करती है।