विनोबा भावे | 04 Dec 2018

स्वतंत्र वही हो सकता है जो अपना काम अपने आप कर लेता है!
केवल अंग्रेजी सीखने में जितना श्रम करना पड़ता है, उतने श्रम में भारत की सभी भाषाएँ सीखी जा सकती हैं!