विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन 2025 | 24 May 2025

स्रोत: पी.आई.बी

चर्चा में क्यों?

नीदरलैंड के रॉटरडैम में विश्व हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन 2025 में, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिये वैश्विक केंद्र के रूप में उभरने के लिये भारत की पहलों को रेखांकित किया । 

ग्रीन हाइड्रोजन (GH2) क्या है?

  • ग्रीन हाइड्रोजन: ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन, सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों द्वारा संचालित इलेक्ट्रोलिसिस या बायोमास गैसीकरण के माध्यम से जल को हाइड्रोजन (H₂) और ऑक्सीजन (O₂) में विभाजित करके किया जाता है।
  • अनुप्रयोग: इसके उपयोग में ईंधन सेल इलेक्ट्रिक वाहन (FCEV), उर्वरक और रिफाइनरी क्षेत्र जैसे औद्योगिक उपयोग एवं सड़क रेल जैसे परिवहन क्षेत्र शामिल हैं।
  • हाइड्रोजन के अन्य प्रकार:

हरित हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिये भारत की क्या पहल हैं?

  • राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन: राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन, हरित हाइड्रोजन को बढ़ाने के लिये भारत की प्रमुख नीति है, जिसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक 5 मिलियन टन वार्षिक हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता स्थापित करना है।
    • मिशन का प्रथम चरण वर्ष 2022-23 से वर्ष 2025-26 तक चलेगा, इसके बाद द्वितीय चरण वर्ष 2026-27 से वर्ष 2029-30 तक चलेगा।
  • ग्रीन हाइड्रोजन प्रमाणन योजना (GHCI): GHCI हरित हाइड्रोजन उत्पादन को प्रमाणित करने, पारदर्शिता और बाज़ार की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने तथा भारत के ग्रीन हाइड्रोजन मार्केट को बढ़ावा देने की एक पहल है।
    • अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये  इसे ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) मान्यता प्राप्त कार्बन सत्यापन (Accredited Carbon Verification- ACV) एजेंसी द्वारा सत्यापित किया जाएगा।
  • पर्यावरणीय अनुमति में छूट: हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया संयंत्रों को अनिवार्य पर्यावरणीय अनुमति से छूट प्रदान की गई है, जिससे देरी कम होगी और परियोजना का कार्यान्वयन सरल होगा।
  • ग्रीन हाइड्रोजन हब: पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) ने तीन प्रमुख बंदरगाहों- कांडला, पारादीप और तूतीकोरिन की पहचान की है, जिन्हें ग्रीन हाइड्रोजन हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: भारत ने हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिये प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और निवेश हेतु जापान, ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात के साथ साझेदारी की है।

हाइड्रोजन

  • हाइड्रोजन ब्रह्मांड में सबसे हल्का और सबसे प्रचुर तत्त्व है। यह कमरे के तापमान पर रंगहीन, गंधहीन और अत्यधिक ज्वलनशील गैस है।
  • हाइड्रोजन-आधारित ईंधन की आवश्यकता: ये भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता के लिये महत्त्वपूर्ण हैं (जीवाश्म ईंधन के आयात पर निर्भरता को कम करते हैं), जो नवीकरणीय स्रोतों से एक स्थिर, स्थानीय ऊर्जा स्रोत प्रदान करते हैं।
    • अपशिष्ट जैविक पदार्थों से उत्पादन किसानों और स्थानीय समुदायों के लिये अतिरिक्त आय भी उत्पन्न करता है।

  यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स

प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-सा हाइड्रोजन द्वारा चालित फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहनों से निकलने वाला निर्वातक नली उत्सर्जन है? (2024)

(a) हाइड्रोजन परऑक्साइड (परॉक्साइड)
(b) हाइड्रोनियम
(c) ऑक्सीजन
(d) जल-वाष्प

उत्तर: (d)

प्रश्न. हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहन "निकास" के रूप में निम्नलिखित में से एक का उत्पादन करते हैं: (2010)

(a) NH3
(b) CH4
(c) H2O
(d) H2O2

उत्तर: c