PM ई-ड्राइव योजना | 24 May 2025

स्रोत: पी.आई.बी

चर्चा में क्यों?

सतत् स्वच्छ शहरी गतिशीलता की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम के रूप में, भारी उद्योग मंत्रालय (MHI) प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक ड्राइव रेवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एनहांसमेंट (PM E-DRIVE) योजना के तहत इलेक्ट्रिक बसें प्रमुख शहरों जैसे बेंगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली और अहमदाबाद में तैनात करेगा।

PM ई-ड्राइव योजना क्या है?

  • परिचय: PM ई-ड्राइव एक प्रमुख योजना है जिसे कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया गया है, जिसका परिव्यय 10,900 करोड़ रुपए है जो अक्तूबर 2024 से मार्च 2026 तक प्रभावी रहेगा।
  • मुख्य घटक:
    • लक्षित लाभार्थी: उन्नत बैटरी वाले वाणिज्यिक और निजी इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहन , ई-एम्बुलेंस, स्क्रैपिंग प्रमाण पत्र वाले ई-ट्रक और सार्वजनिक परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक बसें।
    • लक्षित लाभार्थी: उन्नत बैटरी वाले वाणिज्यिक एवं निजी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर, ई-एम्बुलेंस, स्क्रैपिंग प्रमाण-पत्र वाले ई-ट्रक तथा सार्वजनिक परिवहन हेतु इलेक्ट्रिक बसें।
    • मांग प्रोत्साहन: पीएम ई-ड्राइव योजना इलेक्ट्रिक वाहनों पर मांग प्रोत्साहन प्रदान करती है, जिसकी सीमा फैक्ट्री मूल्य के 15% या प्रति वाहन एक निश्चित सीमा, जो भी कम हो, तक सीमित है। 
    • केवल निर्दिष्ट सीमा से कम कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहन ही पात्र हैं।
  • चार्जिंग अवसंरचना विकास: इस योजना का उद्देश्य प्रमुख शहरों और चुनिंदा राजमार्गों पर 72,300 सार्वजनिक फास्ट चार्जर स्थापित करना है ताकि EV अपनाने को बढ़ावा दिया जा सके।
  • MHI के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) EV उपयोगकर्ताओं के लिये स्लॉट बुक करने, भुगतान करने और चार्जर की उपलब्धता की जाँच करने के लिये एक डिजिटल "सुपर ऐप" विकसित करेगी।
  • परीक्षण एजेंसियों का उन्नयन: इस योजना में हरित गतिशीलता को समर्थन देने हेतु उन्नत प्रौद्योगिकियों के साथ MHI के तहत परीक्षण एजेंसियों को उन्नत करने हेतु 780 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं।
  • पात्रता: केवल उन्नत बैटरी वाले इलेक्ट्रिक वाहन ही प्रोत्साहन हेतु पात्र हैं। आंतरिक निधि हस्तांतरण को रोकने के लिये सरकार द्वारा खरीदे गए इलेक्ट्रिक वाहनों को इसमें शामिल नहीं किया गया है।
  • वाहनों को केंद्रीय मोटर यान नियम (CMVR), 1989 के तहत पंजीकृत होना चाहिये।
  • e-2Ws और e-3Ws को योजना वैधता (अक्तूबर 2024 – मार्च 2026) के भीतर निर्मित और पंजीकृत किया जाना चाहिये। 
  • ई-वाहनों की बिक्री में वृद्धि:  MHI भारत के नेट-ज़ीरो 2070 लक्ष्य का समर्थन करने के लिये इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने को बढ़ावा दे रहा है। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) और पीएम ई-ड्राइव जैसी योजनाओं के तहत, वर्ष 2024-25 में  e-2W की बिक्री बढ़कर लगभग 5.7 लाख यूनिट हो गई है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)   

मेन्स

प्रश्न. भारत में तीव्र आर्थिक विकास के लिये कुशल और किफ़ायती शहरी जन परिवहन कैसे महत्त्वपूर्ण है? (2019)