थोक मूल्य सूचकांक और अपस्फीति | 17 Nov 2025
भारत का थोक मूल्य सूचकांक (आधार वर्ष: 2011-12) अक्तूबर 2025 में 27 महीने के निचले स्तर पर आ गया और सितंबर में -0.13% की तुलना में -1.21% की अपस्फीति में चला गया। यह गिरावट खाद्य पदार्थों और कच्चे पेट्रोलियम की कम कीमतों, ईंधन और विनिर्मित वस्तुओं की कम कीमतों तथा वर्ष 2025 के वस्तु एवं सेवा कर (GST) सुधारों के प्रभाव के कारण हुई।
- अपस्फीति, मुद्रास्फीति के विपरीत है। यह अर्थव्यवस्था में वस्तुओं और सेवाओं के समग्र मूल्य स्तरों में निरंतर और सामान्य गिरावट को संदर्भित करता है।
थोक मूल्य सूचकांक के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- परिचय: WPI थोक विक्रेताओं द्वारा अन्य व्यवसायों को थोक में बेचे गए माल की कीमतों में परिवर्तन को ट्रैक करता है।
- ट्रैक की गई कीमतें निर्मित उत्पादों हेतु फैक्ट्री मूल्य, कृषि वस्तुओं के लिये कृषि-बाज़ार (मंडी) मूल्य और खनिजों के लिये खान मूल्य हैं।
- WPI बास्केट में शामिल प्रत्येक वस्तु को दिया गया भार, शुद्ध आयात के लिये समायोजित उत्पादन मूल्य पर आधारित है। WPI बास्केट में सेवाएँ शामिल नहीं हैं।
- WPI बास्केट की संरचना: इसमें तीन प्रमुख समूहों अर्थात् प्राथमिक वस्तुएँ, ईंधन एवं विद्युत तथा विनिर्मित उत्पाद के अंतर्गत आने वाली वस्तुएँ शामिल हैं।
- प्राथमिक वस्तुएँ (आधार वर्ष: 2011-12): इसमें खाद्य वस्तुएँ, गैर-खाद्य वस्तुएँ, खनिज तथा कच्चा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस शामिल हैं।
- प्राथमिक वस्तुओं का WPI बास्केट में दूसरा सबसे अधिक भार (22.62) है।
- ईंधन और बिजली (आधार वर्ष: 2011-12): इसमें कोयला, खनिज तेल और बिजली शामिल हैं।
- WPI बास्केट में ईंधन और बिजली का भार सबसे कम (13.15) है।
- निर्मित उत्पाद (आधार वर्ष: 2011-12): इसमें 22 औद्योगिक उप-समूह शामिल हैं।
- WPI बास्केट में विनिर्मित उत्पादों का भार सबसे अधिक (64.23) है।
- WPI खाद्य सूचकांक (भार 24.38) उत्पादक स्तर पर खाद्य वस्तुओं के मूल्य परिवर्तनों पर नज़र रखता है। इसमें प्राथमिक वस्तु समूह से खाद्य वस्तुएँ और निर्मित उत्पाद समूह से खाद्य उत्पाद शामिल हैं।
- प्राथमिक वस्तुएँ (आधार वर्ष: 2011-12): इसमें खाद्य वस्तुएँ, गैर-खाद्य वस्तुएँ, खनिज तथा कच्चा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस शामिल हैं।
- संकलन: सभी वस्तुओं के लिये अनंतिम मासिक थोक मूल्य सूचकांक प्रत्येक माह (यदि 14 तारीख को अवकाश हो तो अगले कार्य दिवस पर) की 14 तारीख को जारी किया जाता है।
- WPI को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग के अंतर्गत आर्थिक सलाहकार कार्यालय द्वारा संकलित एवं जारी किया जाता है।
- आयात-निर्यात का प्रबंधन: WPI उन सभी लेन-देन को शामिल करता है जो पहले बिंदु पर बड़े पैमाने पर बिक्री के समय होते हैं और वस्तुओं के भार घरेलू उत्पादन तथा निवल आयात के आधार पर तय किये जाते हैं।
- एकमात्र अपवाद कच्चा तेल है, जहाँ केवल घरेलू उत्पादन को ही गिना जाता है, क्योंकि आयात कहीं अधिक है, कच्चे तेल का भारत के थोक बाज़ार में कारोबार नहीं होता है तथा इसके पेट्रोलियम व्युत्पन्न पहले से ही ईंधन और ऊर्जा के अंतर्गत शामिल हैं।
- WPI का महत्त्व: WPI अर्थव्यवस्था में कीमतों की गति पर नज़र रखने में सहायता करता है और नाममात्र GDP तथा अन्य आर्थिक चर को वास्तविक मूल्यों में बदलने के लिये एक महत्त्वपूर्ण डिफ्लेटर के रूप में कार्य करता है।
- यह व्यापार, राजकोषीय और आर्थिक नीतियों के निर्माण में मार्गदर्शन प्रदान करता है तथा निर्माण, मशीनरी आदि जैसे क्षेत्रों में दीर्घकालिक अनुबंधों की एस्केलेशन क्लॉज़ में व्यापक रूप से उपयोग होता है। व्यवसाय और विश्लेषक भी मूल्य समायोजन के लिये इस पर निर्भर रहते हैं।
- WPI और CPI के बीच अंतर: WPI थोक स्तर पर होने वाले मूल्य परिवर्तनों को दर्शाता है, जबकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) खुदरा स्तर पर उपभोक्ताओं द्वारा सामना किये जाने वाली कीमतों में बदलाव को मापता है।
- WPI वस्तुओं के दामों में शुरुआती बदलावों का संकेत देता है, जबकि CPI जीवनयापन की लागत का आकलन करने हेतु अधिक प्रासंगिक होता है।
- CPI को सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) जारी करता है, जबकि WPI को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय प्रकाशित करता है।
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पहलू / मानदंड |
WPI (थोक मूल्य सूचकांक) |
CPI (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) |
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बास्केट |
केवल वस्तुओं/कमोडिटीज़ को शामिल करता है |
वस्तुओं और सेवाओं दोनों को शामिल करता है |
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मूल्य स्तर |
थोक कीमतों को देखता है (व्यापारियों/थोक विक्रेताओं के बीच लेन-देन) |
खुदरा कीमतों को देखता है (उपभोक्ताओं और परिवारों द्वारा चुकाई गई कीमतें) |
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आधार वर्ष |
2011–12 |
2012 |
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प्रकाशक |
आर्थिक सलाहकार का कार्यालय (Office of Economic Adviser) |
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (Central Statistical Office) |
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संदर्भ वर्ष |
वित्तीय वर्ष (Financial Year) |
कैलेंडर वर्ष (Calendar Year) |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: थोक मूल्य सूचकांक (WPI) क्या मापता है?
WPI एक निश्चित वस्तुओं की टोकरी/बास्केट के लिये थोक स्तर की कीमतों में औसत परिवर्तन को ट्रैक करता है। इसमें प्राथमिक वस्तुएँ, ईंधन एवं ऊर्जा और विनिर्मित उत्पाद शामिल होते हैं।
प्रश्न 2: WPI किसके द्वारा जारी किया जाता है?
इसे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत DPIIT (उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग) के आर्थिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा मासिक रूप से संकलित और जारी किया जाता है।
प्रश्न 3: WPI में कच्चे तेल को अलग तरीके से क्यों लिया जाता है?
केवल घरेलू उत्पादन को ही गिना जाता है क्योंकि कच्चा तेल घरेलू थोक बाज़ार में व्यापार नहीं होता और इसका आयात घरेलू उत्पादन से कहीं अधिक है।
प्रश्न 4: WPI, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) से कैसे भिन्न है?
WPI थोक स्तर पर मूल्य परिवर्तन मापता है, जबकि CPI खुदरा कीमतों और जीवन यापन की लागत को दर्शाता है। CPI को MoSPI (सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय) द्वारा जारी किया जाता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
प्रिलिम्स
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)
- खाद्य वस्तुओं का ‘उपभोक्ता मूल्य सूचकांक’ (CPI) भार (Wegitage) उनके ‘थोक मूल्य सूचकांक’ (WPI) में दिये गए भार से अधिक है।
- WPI, सेवाओं के मूल्यों में होने वाले परिवर्तनों को शामिल नहीं करता है, जैसा कि CPI करता है।
- भारतीय रिज़र्व बैंक ने अब मुद्रास्फीति के मुख्य मान तथा प्रमुख नीतिगत दरों के निर्धारण हेतु WPI को अपना लिया है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: (a)
