अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट केस रो बनाम वेड | 29 Jan 2024

22 जनवरी 1973 को संयुक्त राज्य अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय ने रो बनाम वेड मामले में फैसला सुनाया कि गर्भपात का अधिकार एक मूल अधिकार है।

  • न्यायालय ने फैसला सुनाया कि निजता के संवैधानिक अधिकार में महिला का यह चुनने का अधिकार भी शामिल है कि उसे गर्भपात कराना है या नहीं। न्यायालय ने एक महिला के गर्भ को समाप्त करने की क्षमता पर निजता और स्वतंत्रता के संवैधानिक सिद्धांतों को लागू किया।
  • हालाँकि सरकार अभी भी गर्भावस्था के चरण के आधार पर गर्भपात को विनियमित या प्रतिबंधित कर सकती है।
    • इस फैसले में यह भी कहा गया है कि कोई व्यक्ति भ्रूण के व्यवहार्य अवस्था में आने तक गर्भपात का विकल्प चुन सकता है, जो आमतौर पर गर्भधारण के 24 से 28 सप्ताह के बीच होता है।
  • रो बनाम वेड से पहले, पूरे देश में गर्भपात अवैध था। वर्ष 1973 के फैसले के बाद से कई राज्यों ने गर्भपात के अधिकारों पर प्रतिबंध लगा दिया।
  • सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2022 में रो बनाम वेड के फैसले को पलटते हुए फैसला सुनाया कि अब गर्भपात कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है। कोर्ट ने मिसिसिपी के उस कानून को बरकरार रखा जिसमें गर्भावस्था के 15 सप्ताह के बाद के गर्भपात पर प्रतिबंध लगाया गया
  • इस फैसले ने 50 साल पुरानी कानूनी स्थिति को पलटते हुए अलग-अलग राज्यों के लिये गर्भपात के अधिकारों में कटौती या प्रतिबंध लगाने का मार्ग प्रशस्त किया।

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