ट्री एम्बुलेंस | 30 Dec 2023

स्रोत: हिन्दुस्तान टाइम्स

हाल ही में, दिल्ली नगर निगम (MCD) के बागवानी विभाग द्वारा दिल्ली में अपने ट्री एम्बुलेंस का विस्तार करने की योजना बनाई है, जिसका लक्ष्य वर्ष 2024 तक मौजूदा संख्या को तीन गुना करके 12 करना है।

  • 12 प्रशासनिक क्षेत्रों में से प्रत्येक को एक ट्री एम्बुलेंस सौंपी जाएगी, जिससे समय के साथ कुशल वृक्ष देखभाल के लिये शहर की क्षमता में वृद्धि होगी।

ट्री एम्बुलेंस क्या है?

  • परिचय:
    • ट्री एम्बुलेंस एक पहल है जिसे “पृथ्वी को बचाने की दृष्टि” के साथ “पेड़ों को बचाने” का समर्थन करने के लिये शुरू किया गया है।
    • भारत के उपराष्ट्रपति द्वारा अंतर्राष्ट्रीय जैविक विविधता दिवस, 2019 (22 मई को मनाया गया) के अवसर पर चेन्नई में ट्री एम्बुलेंस के पहले चरण का उद्घाटन किया गया।
    • ट्री एम्बुलेंस, वनस्पतिशास्त्रियों, वानिकी विशेषज्ञों, बागवानों, स्वयंसेवकों और वृक्ष सर्जनों द्वारा चलाए जाते हैं साथ ही उन लोगों को मुफ्त सेवाएँ प्रदान करते हैं जो इसकी हेल्पलाइन पर कॉल करके रुग्ण वृक्षों और पौधों को बचाने में सहायता का अनुरोध करते हैं।
  • उद्देश्य:
    • इस पहल का प्रस्ताव चेन्नई स्थित पर्यावरणविद् के अब्दुल गनी द्वारा किया गया था, जिन्हें “ग्रीन मैन ऑफ इंडिया” के रूप में जाना जाता है।
    • यह पहल वरदा तथा गाजा चक्रवात के कारण नष्ट हुए पेड़ों को पुनः लगाकर जलवायु परिवर्तन का सामा करने के लिये एक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
    • ट्री एम्बुलेंस को “प्राथमिक चिकित्सा उपचार, बीज बैंकिंग, बीज बॉल वितरण, उखाड़े गए वृक्ष हेतु रोपण, पौधे वितरण, वृक्षारोपण में सहायता, पेड़ों को स्थानांतरित करना एवं वृक्षों का सर्वेक्षण करना निर्जीव वृक्षों को हटाना” जैसी सेवाएँ प्रदान करने का भी कार्य सौंपा गया है।
  • महत्त्व:
    • संपूर्ण भारत में ट्री एम्बुलेंस सेवाएँ शुरू की जा रही हैं, जो अस्वस्थ पौधों का उपचार कर रही हैं।
    • यह कार्य शहरी ताप द्वीपोंको कम करके भारत के शहरों के ताप को कम करने में मदद कर रहा है।
    • ट्री एंबुलेंस जैवविविधता के संरक्षण में भी भूमिका निभा रही हैं।