प्रतिरक्षा कोशिकाओं को उत्पन्न करने हेतु AI-डिज़ाइन किये गए प्रोटीन | 05 Aug 2025

स्रोत: TH

हार्वर्ड के वैज्ञानिकों द्वारा AI-डिज़ाइन किये गए प्रोटीन का उपयोग करते हुए बड़ी संख्या में प्रतिरक्षा कोशिकाएँ (इम्यून सेल्स) विकसित की गई हैं, जिससे कैंसर और वायरल संक्रमण जैसे रोगों के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत किया गया है।

  • उन्होंने नौच सिग्नलिंग पाथवे (Notch Signalling Pathway)  के लिये एक कृत्रिम सक्रियकर्त्ता विकसित किया है, जो प्रतिरक्षा पूर्वज कोशिकाओं को टी-सेल्स में बदलने के लिये महत्त्वपूर्ण है।
  • नौच सिग्नलिंग शरीर में ऊतकों के संतुलन और स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है।
  • प्रोजेनिटर सेल्स स्टेम कोशिकाओं और परिपक्व कोशिकाओं के बीच मध्यवर्ती कोशिकाएँ होती हैं, जो विभाजित होकर विशिष्ट कोशिका प्रकारों में बदलती हैं तथा ऊतक विकास एवं पुनर्जनन के लिये आवश्यक होती हैं।

AI-डिज़ाइन किये गए प्रोटीन

  • प्रणाली: AI-आधारित प्रोटीन डिज़ाइन तकनीकों का उपयोग करते हुए, शोधकर्त्ताओं ने ऐसे कृत्रिम प्रोटीन सक्रियकर्त्ता विकसित किये जो मानव शरीर के अंदर उपयोग हेतु सुरक्षित और प्रभावी हैं।
  • डेविड बेकर को उनके कंप्यूटेशनल प्रोटीन डिज़ाइन के क्षेत्र में प्रमुख कार्य के लिये वर्ष 2024 का रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसमें AI तकनीकों का इस्तेमाल किया गया।
  • प्रभाव और अनुप्रयोग:
  • प्रयोगशाला बायोरिएक्टरों में बड़ी मात्रा में टी-सेल्स (T cells) के उत्पादन को संभव बनाया, जिससे CAR-T उपचार में मदद मिली।
  • पशु परीक्षणों में, इन प्रोटीनों ने टी सेल प्रतिक्रिया को बेहतर किया और दीर्घकालिक मेमोरी टी-सेल्स को बढ़ावा दिया, जिससे टीकों की प्रभावशीलता में वृद्धि हुई।
  • भविष्य की उपचार विधियों में इन लक्षित प्रोटीन डिज़ाइनों की मदद से टी कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं से जोड़ा जा सकेगा, एंटी-ट्यूमर प्रतिरक्षा को बढ़ाया जा सकेगा साथ ही ट्यूमर-जनित प्रतिरक्षा दमन का मुकाबला किया जा सकेगा।

टी-सेल्स:

  • टी-सेल्स श्वेत रक्त कोशिकाओं (WBC) का एक प्रकार हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली के लिये अत्यंत महत्त्वपूर्ण होते हैं तथा रोगजनकों की पहचान करने तथा उन पर प्रतिक्रिया देने की ज़िम्मेदारी निभाते हैं।

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