तीन दशकों बाद गुजरात में बाघ की वापसी | 21 Nov 2025
गुजरात के रतनमहल वन्यजीव अभयारण्य (WLS) में आधिकारिक रूप से बाघ देखा गया है, जो वर्ष 1989 में बाघ के विलुप्त घोषित होने के बाद से राज्य में पहली पुष्टि है।
- अब गुजरात में शेर, बाघ और तेंदुए तीनों मौजूद हैं तथा बन्नी घासभूमि को प्रोजेक्ट चीता के तहत चीता प्रजनन एवं संरक्षण केंद्र के रूप में तैयार किया जा रहा है।
रतनमहल वन्यजीव अभयारण्य
- स्थान एवं स्थापना: गुजरात के दाहोद ज़िले में मौजूद इस अभयारण्य को रतनमहल स्लॉथ बियर सैंक्चुअरी के नाम से भी जाना जाता है। यह मध्य प्रदेश के झाबुआ और काठीवाड़ा इलाकों की सीमा पर है, जो बाघ की आबादी के लिये जाने जाते हैं।
- इसे वर्ष 1982 में अभयारण्य घोषित किया गया था।
- वनस्पति: इसके निम्न पहाड़ी क्षेत्रों में शुष्क सागौन के वन हैं और बाह्य हिस्सों में शुष्क बाँस के झुरमुटों वाले मिश्रित पर्णपाती वन पाए जाते हैं। यहाँ महुआ और जामुन के वृक्षों की अधिकता है, जो स्लॉथ बियर के मुख्य खाद्य स्रोत हैं।
- जीव-जंतु: यह स्लॉथ बियर के लिये एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण आवास है, जो गुजरात राज्य में इस प्रजाति की सर्वाधिक आबादी को सहारा देता है। यहाँ तेंदुओं की भी बड़ी संख्या पाई जाती है।
- पारिस्थितिक महत्त्व: यह पनम नदी के कैचमेंट का निर्माण करता है, जो दाहोद और पंचमहल ज़िलों में जल संरक्षण और सिंचाई को समर्थन देता है।
| और पढ़ें: अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 2025 |
