विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में तीन स्थल शामिल | 22 Dec 2022

हाल ही में गुजरात के वड़नगर शहर, मोढेरा में प्रतिष्ठित सूर्य मंदिर और त्रिपुरा में उनाकोटि की चट्टानों को काट कर बनाई गई मूर्तियों के रूप में इन तीन स्थलों को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन' (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization- UNESCO) की विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में शामिल किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • वड़नगर: 
    • यह गुजरात के मेहसाणा ज़िले में स्थित है और इसकी एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है।
      • इसे चमत्कारपुर, आनंदपुर, स्नेहपुर और विमलपुर भी कहा जाता है, वड़नगर शहर का उल्लेख पुराणों में भी किया गया है।
    • यहाँ कई पुरातात्त्विक संग्रह पाए गए हैं, वड़नगर अपने तोरणों के लिये प्रसिद्ध है, यहाँ 12वीं शताब्दी के सोलंकी युग के लाल और पीले बलुआ पत्थर से निर्मित 40 फीट लंबे स्तंभों की एक जोड़ी है जिसे युद्ध की जीत का जश्न मनाने के उपलक्ष्य में बनाया गया था।
    • 640 ईस्वी में चीनी बौद्ध यात्री ह्वेन त्सांग ने इस शहर का दौरा किया और कहा जाता है कि उसने अपने यात्रा वृत्तांत में इसका उल्लेख किया है।
    • वर्ष 2008-09 में खुदाई के दौरान वड़नगर में एक बौद्ध मठ के अवशेष भी मिले थे।
    • ताना रीरी परफॉर्मिंग आर्ट्स कॉलेज वड़नगर में है, जिसका नाम दो बहनों, ताना और रीरी की वीरता के सम्मान में रखा गया था। अकबर द्वारा अपने दरबार में गाने के लिये कहने पर उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी क्योंकि यह उनके रिवाज के खिलाफ था।
  • मोढेरा का सूर्य मंदिर: 
    • मोढेरा का सूर्य मंदिर मेहसाणा ज़िले के बेचराजी तालुका में रूपन नदी की एक सहायक नदी पुष्पावती के बाएँ किनारे पर स्थित है।
      • यह पूर्वमुखी मंदिर चमकीले पीले बलुआ पत्थरों से बना हुआ है। 
    • मंदिर के विवरण के अनुसार, यह मारू-गुर्जर स्थापत्य शैली में बनाया गया है, जिसमें मुख्य मंदिर (गर्भगृह), एक कक्ष (गढ़मंडप), एक बाहरी कक्ष अथवा सभाकक्ष (सभामंडप या रंगमंडप) और एक पवित्र जलाशय (सूर्य कुंड) जिसे अब रामकुंड कहा जाता है, शामिल हैं।  
      • रामकुंडा एक विशाल आयताकार सीढ़ीदार जलाशय है जो शायद भारत का सबसे भव्य मंदिर जलाशय है। 
    • प्रतिवर्ष विषुव (Equinoxes) के समय सूर्य की किरणें सीधे इस मंदिर के केंद्र/गर्भभाग पर पड़ती हैं। 

Sun-Temple

  • उनाकोटि की पत्थरों को काट कर बनाई गई मूर्तियाँ:
    • यह एक शैव तीर्थ स्थल है जो 7वीं अथवा 9वीं शताब्दी का है।
    • उनाकोटि का अर्थ है एक करोड़ से एक कम और कहा जाता है कि इतनी ही संख्या में चट्टानों को काटकर बनाई गई नक्काशी यहाँ उपलब्ध है।
    • हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान शिव एक करोड़ देवी-देवताओं के साथ काशी जा रहे थे, तो उन्होंने इस स्थान पर रात्रि विश्राम किया था।  
      • उन्होंने सभी देवी-देवताओं को सूर्योदय से पहले जागने और काशी के लिये प्रस्थान करने को कहा।
      • ऐसा कहा जाता है कि सुबह शिव के अलावा कोई और नहीं उठा, अतः भगवान शिव दूसरों को पत्थर की मूर्ति बनने का श्राप देते हुए स्वयं काशी के लिये निकल पड़े।
      • नतीजतन, उनाकोटि में एक करोड़ से भी कम पत्थर की मूर्तियाँ और नक्काशियाँ हैं।
    • उनाकोटी में पाए गए चित्र दो प्रकार के हैं, अर्थात् चट्टानों को काट कर बनाए गए नक्काशीदार चित्र और पत्थर से बने चित्र
      • चट्टानों को काट कर बनाए गए नक्काशीदार चित्रों के ठीक बीच में शिव का सिर और गणेश की विशाल आकृतियाँ उल्लेखनीय हैं।  
        • शिव के सिर को 'उनाकोटिश्वर कालभैरव' के रूप में जाना जाता है।
        • शिव के मस्तक के दोनों तरफ दो महिलाओं की पूर्ण आकृतियाँ हैं - एक शेर पर खड़ी दुर्गा की और दूसरी ओर अन्य महिला आकृति।
        • इसके अलावा नंदी बैल की तीन विशाल प्रतिमाएँ ज़मीन में आधी दबी हुई पाई गई हैं।
    • 'अशोकाष्टमी मेला' के नाम से प्रसिद्ध एक भव्य मेला प्रतिवर्ष अप्रैल के महीने में आयोजित किया जाता है, जिसमें हज़ारों तीर्थयात्री आते हैं।

Unnakotishwar

यूनेस्को की अस्थायी सूची:

  • यूनेस्को की अस्थायी सूची उन संपत्तियों की सूची है, जिन पर प्रत्येक पक्षकार नामांकन के लिये विचार करना चाहती है। 
    • यूनेस्को के संचालनात्मक दिशा-निर्देश (Operational Guidelines), 2019 के अनुसार, किसी भी स्मारक/स्थल को विश्व विरासत स्थल (World Heritage Site) की सूची में अंतिम रूप से शामिल करने से पहले उसे एक वर्ष के लिये इसकी अस्थायी सूची में रखना अनिवार्य है।
    • इसमें नामांकन हो जाने के बाद इसे विश्व विरासत केंद्र (World Heritage Centre) को भेज दिया जाता है।
  • भारत में अब अस्थायी सूची में 52 स्थल हैं।

विश्व विरासत स्थल:

  • यूनेस्को की विश्व विरासत सूची (World Heritage List) में विभिन्न क्षेत्रों या वस्तुओं को शामिल किया गया है।
  • यह सूची यूनेस्को द्वारा वर्ष 1972 में अपनाई गई ‘विश्व सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण से संबंधित कन्वेंशन’ नामक एक अंतर्राष्ट्रीय संधि में सन्निहित है।
    • विश्व विरासत केंद्र वर्ष 1972 में हुए कन्वेंशन का सचिवालय है।
  • यह पूरे विश्व में उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्यों के प्राकृतिक और सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण को बढ़ावा देता है।
  • इसमें तीन प्रकार के स्थल शामिल हैं: सांस्कृतिक, प्राकृतिक और मिश्रित।
    • सांस्कृतिक विरासत (Cultural Heritage) स्थलों में ऐतिहासिक इमारत, शहर स्थल, महत्त्वपूर्ण पुरातात्त्विक स्थल, स्मारकीय मूर्तिकला और पेंटिंग कार्य शामिल किये जाते हैं।
    • प्राकृतिक विरासत (Natural Heritage) में उत्कृष्ट पारिस्थितिक और विकासवादी प्रक्रियाएँ, अद्वितीय प्राकृतिक घटनाएँ, दुर्लभ या लुप्तप्राय प्रजातियों के आवास स्थल आदि शामिल किये जाते हैं।
    • मिश्रित विरासत (Mixed Heritage) स्थलों में प्राकृतिक और सांस्कृतिक दोनों प्रकार के महत्त्वपूर्ण तत्त्व शामिल होते हैं।
  • भारत में यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त कुल 40 विरासत धरोहर स्थल (32 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित) हैं। इनमें शामिल धौलावीरा का हड़प्पा शहर और काकतीय रुद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर सबसे नए हैं।

  UPSC  सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQs)  

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों में से कौन सा सही है? (2021)

(a) अजंता की गुफाएँ वाघोरा नदी के घाट में स्थित हैं।
(b) सांची स्तूप चंबल नदी के घाट में स्थित है।
(c) पांडु-लीना गुफा मंदिर नर्मदा नदी के घाट में स्थित हैं।
(d) अमरावती स्तूप गोदावरी नदी के घाट में स्थित है।

उत्तर: (a)

व्याख्या:

  • ये गुफाएँ महाराष्ट्र में औरंगाबाद के पास वाघोरा नदी के पास सह्याद्रि पर्वतमाला (पश्चिमी घाट) में रॉक-कट गुफाओं की एक शृंखला के रूप में स्थित हैं। इसमें कुल 29 गुफाएँ (सभी बौद्ध) हैं, जिनमें से 25 को विहार या आवासीय गुफाओं के रूप में, जबकि 4 को चैत्य या प्रार्थना हॉल के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। गुफाओं का विकास 200 ई.पू. से 650 ईस्वी के मध्य हुआ था। वाकाटक राजाओं जिनमें हरिसेना एक प्रमुख था, के संरक्षण में अजंता की गुफाएँ बौद्ध भिक्षुओं द्वारा उत्कीर्ण की गई थीं। अजंता की गुफाओं की जानकारी चीनी बौद्ध यात्रियों फाहियान (चंद्रगुप्त द्वितीय के शासनकाल के दौरान 380- 415 ईस्वी) और ह्वेन त्सांग (सम्राट हर्षवर्धन के शासनकाल के दौरान 606 - 647 ईस्वी) के यात्रा वृतांतों में पाई जाती है। इन गुफाओं में आकृतियों को फ्रेस्को पेंटिंग का उपयोग करके दर्शाया गया था। इन गुफाओं के चित्रों में लाल रंग की प्रचुरता है किंतु नीले रंग की अनुपस्थिति है। इन चित्रों में सामान्यतः बुद्ध और जातक कहानियों को प्रदर्शित किया गया है। इन गुफाओं को वर्ष 1983 में यूनेस्को ने विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
  • बौद्ध स्मारक पांडवलेनी गुफाएँ, जिन्हें पांडु-लीना गुफाओं और त्रिरश्मी गुफाओं के नाम से भी जाना जाता है, 24 रॉक-कट गुफाओं का एक समूह है। ये नासिक शहर की त्रिवश्मी पहाड़ी के उत्तरी मुख पर स्थित हैं। नासिक शहर गोदावरी नदी के तट पर स्थित है।
  • अमरावती स्तूप एक हाथी को वश में करते हुए भगवान बुद्ध को मानव रूप में दिखाता है। स्तूप, साँची स्तूप की तुलना में लंबा है और एक विशाल गोलाकार गुंबद के साथ-साथ चार मुख्य दिशाओं में फैले हुए ऊँचे मंच हैं। अमरावती स्तूप कृष्णा नदी के पास स्थित है।

अतः विकल्प (a) सही है।


प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2019)

मशहूर स्थल                                      नदी

  1. पंढरपुर                                       चंद्रभागा
  2. तिरुचिरापल्ली                                कावेरी
  3. हम्पी                                            मलप्रभा

उपर्युक्त युग्मों में से कौन-से सही सुमेलित हैं?

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 2 और 3 
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a)

व्याख्या:

  • पंढरपुर श्री विठ्ठल और रुक्मिणी का पवित्र स्थान है। इसे भारत की दक्षिणी काशी और महाराष्ट्र राज्य के कुलदैवता के नाम से भी जाना जाता है। चंद्रभागा (भीमा) नदी शहर से होकर बहती है। अतः युग्म 1 सही सुमेलित है।
  • कावेरी नदी के तट पर स्थित तिरुचिरापल्ली तमिलनाडु का चौथा सबसे बड़ा शहर है। यह प्रारंभिक चोलों का गढ़ था जो बाद में पल्लवों के अधीन हो गया। अत: युग्म 2 सही सुमेलित है।
  • हम्पी कर्नाटक राज्य में होस्पेट शहर के पास स्थित भारत में यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल है। यह तुंगभद्रा नदी के दक्षिणी तट पर स्थित है। अतः युग्म 3 सुमेलित नहीं है।
  • अतः विकल्प (a) सही है।

स्रोत: द हिंदू