टैंटेलम | 22 Nov 2023

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), रोपड़ के शोधकर्त्ताओं की एक टीम ने पंजाब में सतलुज नदी की रेत में उल्लेखनीय गुणों वाली एक दुर्लभ धातु टैंटेलम (Tantalum- Ta) की खोज की है।

टैंटेलम से संबंधित मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • खोज:
    • टैंटेलम एक दुर्लभ धातु है जिसका परमाणु क्रमांक 73 है। इसकी खोज सबसे पहले वर्ष 1802 में स्वीडिश रसायनशास्त्री एंडर्स गुस्ताफ एकेनबर्ग ने की थी।

  • गुण:
    • यह भूरे रंग की भारी है तथा इसकी प्रकृति अत्यधिक संक्षारण प्रतिरोधी होती है जो हवा के संपर्क में आने पर ऑक्साइड परत बनाती है।
    • शुद्ध टैंटेलम लचीला होता है, जिससे इसे बिना टूटे पतले तारों के रूप में खींचा जा सकता है।
    • 150 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर रासायनिक हमले के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी, यह धातु केवल हाइड्रोफ्लोरिक एसिड, फ्लोराइड आयनों के साथ अम्लीय समाधान और मुक्त सल्फर ट्राइऑक्साइड से प्रभावित होती है।
    • टैंटेलम का गलनांक भी अत्यंत उच्च होता है।
  • टैंटेलम के उपयोग:
    • इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र:
      • टैंटेलम से बने कैपेसिटर छोटे आकार में अधिक विद्युत भंडारण के लिये महत्त्वपूर्ण हैं, जो पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लियेआदर्श हैं।
      • खान मंत्रालय के विशेषज्ञों की एक समिति ने भारत के लिये 30 महत्त्वपूर्ण खनिजों के संग्रह को मान्यता दी है, जिसमें टैंटेलम भी शामिल है।
      • इसका उपयोग रासायनिक संयंत्रों, परमाणु ऊर्जा संयंत्रों, हवाई जहाज़ों और मिसाइलों के घटक बनाने हेतु भी किया जाता है।
    • प्लैटिनम के लिये स्थानापन्न:
      • इसका गलनांक उच्च होता है और इसे अक्सर प्लैटिनम के विकल्प के रूप में उपयोग किया जाता है, जो अधिक महँगा है।
    • चिकित्सा अनुप्रयोग:
      • अमेरिकी ऊर्जा विभाग के अनुसार, टैंटेलम शारीरिक तरल पदार्थों के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता और इसका उपयोग कृत्रिम जोड़ों जैसे सर्जिकल उपकरण तथा प्रत्यारोपण के लिये किया जाता है।
    • कटिंग-एज सामग्री:
      • टैंटेलम कार्बाइड (TaC) और ग्रेफाइट का मिश्रण सबसे कठोर सामग्रियों में से एक है, जिसका उपयोग हाई-स्पीड कटिंग मशीन के किनारों पर किया जाता है।

सतलुज में टैंटेलम की खोज का क्या महत्त्व है?

  • सतलुज नदी की रेत में टैंटेलम की खोज से संकेत मिलता है कि भारत में टैंटेलम का एक संभावित स्रोत हो सकता है, जो आयात पर निर्भरता को कम कर सकता है और घरेलू आपूर्ति बढ़ा सकता है।
    • भारत अपनी अधिकांश टैंटेलम धातु संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और जर्मनी से आयात करता है।
  • टैंटेलम की खोज से भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।