स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 पुरस्कार | 18 Jul 2025

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

भारत के राष्ट्रपति ने स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2024-25 (9वाँ संस्करण) प्रदान किये, जिसका आयोजन आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) द्वारा नई दिल्ली में किया गया।

स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 पुरस्कारों की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?

  • पुनर्गठित प्रारूप एवं सुपर स्वच्छ लीग: समान अवसर सुनिश्चित करने तथा इंदौर (निरंतर 7 वर्षों से नंबर 1 स्थान पर) जैसे निरंतर शीर्ष प्रदर्शन करने वाले शहरों को मान्यता प्रदान करने के लिये, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने एक नई श्रेणी- सुपर स्वच्छ लीग (SSL) शहरों की शुरुआत की।
    • इन SSL शहरों को नियमित रैंकिंग से बाहर रखा गया, ताकि निष्पक्षता बनी रहे और उभरते शहरों को प्रोत्साहन मिल सके।

Swachh _Survekshan _2024-25 _Awards

  • जनसंख्या आधारित शहर वर्गीकरण: पहली बार, जनसंख्या के आधार पर शहरों का वर्गीकरण किया गया, जिससे शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) के बीच निष्पक्ष तुलना और लक्षित सुधार संभव हो सका। शहरों को पाँच श्रेणियों में रैंक किया गया:
    • बहुत छोटे शहर (20,000 से कम जनसंख्या)
    • छोटे शहर (20,000 – 50,000 जनसंख्या)
    • मध्यम शहर (50,000 – 3 लाख जनसंख्या)
    • बड़े शहर (3 – 10 लाख जनसंख्या)
    • मिलियन प्लस शहर (10 लाख से अधिक जनसंख्या)

Swachh _Survekshan _2024-25 _Awards

  • विशेष पुरस्कार:
    • स्वच्छ महाकुंभ 2025 की विशेष पहल के लिये सम्मान: प्रयागराज (महाकुंभ 2025 के दौरान अपशिष्ट प्रबंधन के लिये)
    • सबसे स्वच्छ गंगा नगर: प्रयागराज
    • सफाईमित्र सुरक्षित शहर पुरस्कार: विशाखापत्तनम, जबलपुर और गोरखपुर को सफाईकर्मियों की सुरक्षा तथा गरिमा सुनिश्चित करने के लिये सम्मानित किया गया।
    • सबसे स्वच्छ छावनी बोर्ड (Cantonment Board): सिकंदराबाद छावनी
    • राज्य के प्रॉमिसिंग स्वच्छ शहर: 33 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 35 शहरों को शहरी स्वच्छता में उनकी उल्लेखनीय प्रगति के लिये "प्रॉमिसिंग स्वच्छ शहर" के रूप में मान्यता दी गई।
      • प्रमुख शहरों में राजमुंदरी, पटना, गुवाहाटी, पिंपरी चिंचवड़, आगरा और भुवनेश्वर शामिल हैं।

स्वच्छ भारत मिशन (SBM) के तहत स्वच्छ सर्वेक्षण क्या है?

स्वच्छ सर्वेक्षण

  • परिचय: स्वच्छ सर्वेक्षण, MoHUA द्वारा वर्ष 2016 से आयोजित किया जा रहा है। यह स्वच्छ भारत मिशन–शहरी (SBM-U) के अंतर्गत विश्व का सबसे बड़ा शहरी स्वच्छता और सफाई सर्वेक्षण है।
    • स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार प्रतिवर्ष उन शहरों और शहरी स्थानीय निकायों (ULB) को दिये जाते हैं जो स्वच्छ सर्वेक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं।
  • उद्देश्य: इसका उद्देश्य नागरिक सहभागिता को बढ़ावा देना, स्वच्छता के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना और प्रदर्शन के आधार पर प्रतिस्पर्द्धात्मक संघवाद को प्रोत्साहित करना है।
  • प्रमुख विशेषताएँ:
    • शुरुआत में केवल 73 शहरों के साथ आरंभ हुआ यह सर्वेक्षण अब 2024–25 संस्करण में 4,589 शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) को कवर करता है।
    • शहरों का मूल्यांकन कचरा पृथक्करण, प्रोसेसिंग, सार्वजनिक स्थलों की स्वच्छता और नागरिक फीडबैक जैसे मापदंडों के आधार पर किया जाता है।
    • 9वाँ संस्करण अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक आयोजित किया गया।
  • स्वच्छ सर्वेक्षण 2025: स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 के पुनर्गठित ढाँचे के तहत, संकेतकों को सरल और 10 व्यापक वर्गों में पुनः संरचित किया गया है, जिसमें पर्यटन स्थलों, अधिक भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों और सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया गया है।
    • वर्ष 2025 का वार्षिक विषय (थीम) है: “ कचरे को कम करना, संसाधनों और उत्पादों का पुनः उपयोग करना और पुनर्चक्रण करना (Reduce, Reuse, Recycle- 3R)”, जो 3R और चक्रीय अर्थव्यवस्था (सर्कुलर इकोनॉमी) पर आधारित जयपुर घोषणा (मार्च 2025, 12वें क्षेत्रीय 3R एवं सर्कुलर इकोनॉमी फोरम) के अनुरूप है।
    • नई प्रविष्टियाँ जैसे प्रोजेक्ट ग्राउंडिंग, सिटी ट्रांसपोर्ट यूनिट (CTU) ट्रांसफॉर्मेशन और विद्यालय स्तर पर मूल्यांकन जोड़े गए हैं, जिससे बच्चों में स्वच्छता के मूल्यों का विकास किया जा सके।

स्वच्छ भारत मिशन (SBM):

  • परिचय: स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत 2 अक्तूबर, 2014 को एक राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान के रूप में हुई थी। यह दो भागों में विभाजित है:
    • SBM-ग्रामीण जल शक्ति मंत्रालय के अधीन
    • SBM-शहरीआवास और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) के अधीन
    • इस मिशन को स्वच्छ भारत कोष (CSR और परोपकारी योगदान के लिये) के माध्यम से वित्तीय सहायता प्राप्त होती है।
  • उद्देश्य: इसका प्रारंभिक उद्देश्य 2 अक्तूबर, 2019 तक भारत को खुले में शौच से मुक्त (ODF) बनाना था, जिसके लिये बड़े पैमाने पर शौचालय निर्माण और व्यवहार परिवर्तन अभियान चलाए गए।
    • SBM-ग्रामीण चरण-II (2020–21): इसका लक्ष्य वर्ष 2024–25 तक ODF प्लस स्थिति प्राप्त करना है, जो ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के माध्यम से ग्रामीण स्वच्छता को सशक्त करता है।
    • SBM-शहरी 2.0 (2021): इस चरण में ध्यान कचरा मुक्त शहरों, मलमूत्र और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, गंदे पानी के उपचार और क्षमता निर्माण पर है, ताकि शहरी स्वच्छता परिणामों को दीर्घकालिक रूप से बनाए रखा जा सके।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. भारत में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है? (2019)

(a) अपशिष्ट उत्पादक को पाँच कोटियों में अपशिष्ट अलग-अलग करने होंगे।
(b) ये नियम केवल अधिसूचित नगरीय स्थानीय निकायों, अधिसूचित नगरों तथा सभी औद्योगिक नगरों पर ही लागू होंगे।
(c) इन नियमों में अपशिष्ट भराव स्थलों तथा अपशिष्ट प्रसंस्करण सुविधाओं के लिये सटीक और विस्तृत मानदंड उपबंधित हैं।
(d) अपशिष्ट उत्पादक के लिये यह आज्ञापक होगा कि किसी एक ज़िले में उत्पादित अपशिष्ट, किसी अन्य ज़िले में न ले जाया जाए।

उत्तर: (c)