होर्मुज जलडमरूमध्य | 25 Jun 2025

स्रोत: द हिंदू

ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के तहत अमेरिका ने ईरान की तीन प्रमुख परमाणु सुविधाओं ( नैटान्ज़, इस्फ़हान और फोराड (Fordow) ) को निशाना बनाया। जवाबी कार्रवाई में ईरान की संसद ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी।

  • अमेरिकी हमले में B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स, GBU-57 बंकर बस्टर बम (मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर्स) और टॉमहॉक मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया।

होर्मुज़ जलडमरूमध्य के विषय में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • परिचय: यह एक संकीर्ण समुद्री मार्ग है जिसकी चौड़ाई लगभग 55 से 95 किलोमीटर के बीच है। यह ईरान एवं अरब प्रायद्वीप के बीच स्थित है और फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी तथा अरब सागर से जोड़ता है।
    • यह मार्ग फारस की खाड़ी के देशों से वैश्विक तेल और तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) के निर्यात के लिये एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण मार्ग के रूप में कार्य करता है।

  • वैश्विक ऊर्जा निर्भरता: यह वैश्विक तेल परिवहन के लिये एक महत्त्वपूर्ण मार्ग है जो विश्व की कुल तेल आपूर्ति का लगभग 20-25% वहन करता है। वर्ष 2024 में, लगभग 20 मिलियन बैरल तेल प्रति दिन  इसके माध्यम से गुजरा था।
    • इस जलडमरूमध्य का उपयोग करने वाले प्रमुख तेल निर्यातकों में सऊदी अरब, ईरान, इराक, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात और कतर शामिल हैं, जबकि इस तेल का 80% से अधिक हिस्सा एशियाई बाज़ारों, मुख्य रूप से भारत, चीन, जापान तथा दक्षिण कोरिया को जाता है।
  • भारत की निर्भरता: भारत का लगभग 40% कच्चा तेल आयात और लगभग 54% LNG आयात इसी मार्ग से होकर गुजरता है।
  • ऐतिहासिक तनावपूर्ण क्षण: हालाँकि हॉर्मुज़ जलडमरूमध्य का पूर्ण रूप से बंद होना इतिहास में कभी नहीं हुआ है, लेकिन इस क्षेत्र ने कई महत्त्वपूर्ण व्यवधानों और तनावपूर्ण घटनाओं को अवश्य देखा है।
    • ईरान-इराक युद्ध (1980-88) के दौरान, दोनों पक्षों ने खाड़ी क्षेत्र में तेल टैंकरों और मालवाहक ज़हाजों पर हमला किया, जिसे टैंकर युद्ध कहा गया। 
    • 2019 में ईरान ने एक ब्रिटिश टैंकर को ज़ब्त किया था और वह भौगोलिक-राजनीतिक तनावों के दौरान, विशेष रूप से 2011–12 में और 2018 के बाद अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते, बार-बार हॉर्मुज़ जलडमरूमध्य को अवरुद्ध करने की धमकी देता रहा है।
  • वैकल्पिक मार्ग और पाइपलाइनें: सऊदी अरब (ARAMCO के माध्यम से) और संयुक्त अरब अमीरात ने ऐसी पाइपलाइनें विकसित की हैं, जो हॉर्मुज़ जलडमरूमध्य को दरकिनार कर देती हैं। वहीं ईरान गोहरे-जास्क पाइपलाइन और जास्क टर्मिनल का उपयोग कर सीधे ओमान की खाड़ी में तेल निर्यात करता है।

B-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स

  • परिचय: यह एक अमेरिकी वायुसेना का रणनीतिक स्टेल्थ बॉम्बर है, जो अपनी लंबी दूरी (6,000 मील), कम अवलोकनीयता और सटीक हमला क्षमताओं के लिये प्रसिद्ध है। 
    • यह अब तक निर्मित सबसे उन्नत और उच्च-लागत वाला विमान है, जिसकी प्रति इकाई लागत 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है।
  • विकास एवं प्रेरण: नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन द्वारा विकसित B-2 ने जुलाई 1989 में अपनी पहली उड़ान भरी तथा 1997 में परिचालन सेवा में प्रवेश किया।
    • कुल 21 B-2 बॉम्बर का निर्माण किया गया, जिनमें से 19 वर्तमान में सक्रिय सेवा में हैं। 
    • इसके चमगादड़ जैसे फ्लाइंग-विंग डिज़ाइन के कारण यह शत्रु की वायु रक्षा प्रणाली से बच निकलने और पता नहीं चलने में सक्षम है।
  • लड़ाकू उपयोग एवं रणनीतिक भूमिका: B-2 बॉम्बर का पहला उपयोग वर्ष 1999 के कोसोवो युद्ध में हुआ था। इसके बाद इसे इराक, अफगानिस्तान, लीबिया, यमन और ईरान में भी तैनात किया गया है।

 मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर्स (GBU-57)

 

   UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न    

प्रिलिम्स:  

प्रश्न. निम्नलिखित में से किसके द्वारा भारत एवं पूर्वी एशिया के बीच नौ संचालन समय (नेविगेशन टाइम) और दूरी अत्यधिक कम किये जा सकते हैं? (2011)
  1. मलेशिया और इंडोनेशिया के बीच मलक्का जलडमरूमध्य को गहरा करना।
  2.  सियाम खाड़ी और अंडमान सागर के बीच क्रा भू संधि जलडमरूमध्य के पार नई नहर खोलना।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2 

उत्तर: B

प्रश्न: यदि कोई व्यक्ति मलक्का जलडमरूमध्य से होकर यात्रा करता है तो उसे निम्नलिखित में से कौन-सा एक मिल सकता है? (2010)

(a) बाली 
(b) ब्रुनेई
(c) जावा 
(d) सिंगापुर

उत्तर: (d)