स्मार्ट इंडिया हैकथॉन | 26 Aug 2022

भारत के प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2022 के ग्रैंड फिनाले को संबोधित किया।

स्मार्ट इंडिया हैकथॉन:

  • परिचय:
    • स्मार्ट इंडिया हैकथॉन (SIH) की शुरुआत वर्ष 2017 में हुई थी।
    • स्मार्ट इंडिया हैकथॉन एक राष्ट्रव्यापी पहल है जो छात्रों को दैनिक जीवन में आने वाली समस्याओं को हल करने के लिये एक मंच प्रदान करती है और इस प्रकार उत्पाद नवाचार पारितंत्र और समस्या-समाधान की दृष्टिकोण का विकास करती है।
      • SIH 2017 से उच्च शिक्षा के छात्रों के लिये हर वर्ष दो प्रारूपों- SIH सॉफ्टवेयर और SIH हार्डवेयर संस्करण में आयोजित किया जाता है
      • पहले चार संस्करण SIH2017, SIH2018, SIH2019 और SIH2020, विशेष रूप से पूरे भारत के इंजीनियरिंग छात्रों में नवाचार, लीक से हटकर सोचने की क्षमता को बढ़ावा देने में बेहद सफल साबित हुए।
    • स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन शिक्षा मंत्रालय, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE), पर्सिस्टेंट सिस्टम्स और इंटर इंस्टीट्यूशनल इनक्लूसिव इनोवेशन सेंटर (i4C) की एक पहल है।
  • लक्ष्य:
    • इसका उद्देश्य छात्रों में उत्पाद नवाचार, समस्या-समाधान और लीक से हटकर सोचने की संस्कृति को विकसित करना है।
  • स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (SIH) 2022:
    • SIH के लिये पंजीकृत टीमों की संख्या पहले संस्करण में लगभग 7,500 से चार गुना बढ़कर चल रहे पाँचवें (2022) संस्करण में लगभग 29,600 हो गई है।
    • SIH 2022 ग्रैंड फिनाले में भाग लेने के लिये 15,000 से अधिक छात्र और संरक्षक 75 नोडल केंद्रों का भ्रमण कर रहे हैं।
    • 2900 से अधिक स्कूलों और 2200 उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्र समापन में 53 केंद्रीय मंत्रालयों के 476 समस्यायों से निपटेंगे, जिसमें मंदिर के शिलालेखों की ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (ओसीआर) और देवनागरी लिपियों में अनुवाद, खराब होने वाले खाद्य पदार्थों के लिये शीत आपूर्ति शृंखला (Cold Supply Chain) एवं आपदा प्रभावित क्षेत्रों में IoT-सक्षम जोखिम निगरानी प्रणाली, बुनियादी ढाँचे और सड़कों की स्थिति का हाई-रिज़ॉल्यूशन 3D मॉडल शामिल है।
    • इस वर्ष स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन - जूनियर को स्कूली छात्रों के लिये एक पायलट के रूप में प्रस्तुत किया गया है ताकि स्कूल स्तर पर नवाचार की संस्कृति का निर्माण किया जा सके और समस्या-समाधान दृष्टिकोण विकसित किया जा सके।

स्रोत: पी.आई.बी.