सेशेल्स कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव (CSC) में शामिल | 24 Nov 2025

स्रोत: द हिंदू 

चर्चा में क्यों?

नई दिल्ली में कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव (CSC) की 7वीं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA)-स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जहाँ सेशेल्स को 6वें पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल किया गया। यह कदम इस समूह के महत्त्वपूर्ण विस्तार को दर्शाता है और हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा में इसकी भूमिका को और सुदृढ़ करता है।

कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव (CSC) के मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • परिचय: CSC एक क्षेत्रीय सुरक्षा समूह है, जिसमें भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, मॉरीशस और सेशेल्स शामिल हैं।
    • इसका उद्देश्य सदस्य देशों द्वारा साझा किये गए अंतर्राष्ट्रीय खतरों और चुनौतियों का समाधान करके क्षेत्रीय सुरक्षा को मज़बूत करना है।
    • यह समूह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (NSA) और डिप्टी-NSA को एक साथ लाकर समन्वित सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देता है।
  • उत्पत्ति और विकास: यह वर्ष 2011 में भारत, मालदीव और श्रीलंका के बीच त्रिपक्षीय समुद्री सुरक्षा सहयोग के रूप में शुरू हुआ।
    • वर्ष 2014 के बाद भारत–मालदीव तनाव और बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्यों के कारण इसकी गतिविधियाँ धीमी पड़ गईं।
    • वर्ष 2020 में CSC के रूप में पुनर्जीवित और पुनः ब्रांडेड किया गया। मॉरीशस (2022), बांग्लादेश (2024) और सेशेल्स (2025) के साथ सदस्यता का विस्तार किया गया।
  • उद्देश्य: सदस्य देशों से जुड़े सामान्य हितों वाले अंतर्राष्ट्रीय खतरों और चुनौतियों का समाधान करते हुए क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देना।
  • सहयोग के स्तंभ:
    • समुद्री सुरक्षा और संरक्षा
    • आतंकवाद और उग्रवाद का मुकाबला
    • तस्करी और अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराधों से निपटना
    • साइबर सुरक्षा और महत्त्वपूर्ण अवसंरचना की रक्षा
    • मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR)
  • संस्थागत संरचना: इसका एक स्थायी सचिवालय कोलंबो में स्थित है, जो समूह के लिये निरंतरता और समन्वय सुनिश्चित करता है।
    • CSC सदस्य देशों के NSA और डिप्टी-NSA की बैठकों के माध्यम से कार्य करता है।
  • भारत के लिये महत्त्व: CSC छह समान विचारधारा वाले तटीय राज्यों के बीच समन्वित समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी सहयोग और साइबर अनुकूलता को बढ़ावा देकर भारतीय महासागर क्षेत्र में भारत के रणनीतिक प्रभाव को मज़बूत करने के लिये महत्त्वपूर्ण है।
    • नियमित NSA-स्तरीय संवाद को संस्थागत रूप देकर, CSC भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति और SAGAR (सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीज़न) दृष्टि को सुदृढ़ करता है तथा एक अधिक स्थिर, सुरक्षित और नियम-आधारित क्षेत्रीय व्यवस्था के निर्माण में योगदान देता है।

सेशेल्स

  • सेशेल्स एक संप्रभु द्वीप राष्ट्र और 155 द्वीपों वाला द्वीपसमूह राज्य है, जो पश्चिमी हिंद महासागर में, मेडागास्कर के उत्तर-पूर्व में और मुख्य भूमि अफ्रीका के पूर्वी तट पर स्थित है।
    • सेशेल्स के द्वीप मस्कारेन पठार पर स्थित हैं, जो हिंद महासागर में एक विस्तृत पनडुब्बी पठार है।
  • यह अफ्रीका का सबसे छोटा और सबसे कम आबादी वाला देश है। 
  • राजधानी: विक्टोरिया (माहे द्वीप पर)।
  • भारत के लिये सामरिक महत्त्व:  यह हिंद महासागर में महत्त्वपूर्ण समुद्री व्यापार मार्गों पर स्थित है और समुद्री डकैती विरोधी अभियानों, समुद्री सुरक्षा और नीली अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • सेशेल्स भारत के सागर विज़न और हिंद महासागर कूटनीति में एक महत्त्वपूर्ण साझेदार है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव (CSC) क्या है?

CSC इंडियन ओशन देशों—इंडिया, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, मॉरीशस और सेशेल्स—का एक रीज़नल सिक्योरिटी ग्रुप है, जो समुद्री और ट्रांसनेशनल सिक्योरिटी चुनौतियों से निपटने के लिये मिलकर कार्य करने पर फोकस करता है।

2. CSC के लिये सेशेल्स की सदस्यता क्यों ज़रूरी है?

सेशेल्स की स्ट्रेटेजिक लोकेशन और बड़ा EEZ, CSC के वेस्टर्न IOR फुटप्रिंट को मज़बूत करते हैं, जिससे भारत की SAGAR पहल के तहत समुद्री निगरानी, ​​एंटी-पायरेसी सहयोग और ब्लू इकोनॉमी पार्टनरशिप बढ़ती हैं।

3. CSC के तहत सहयोग के पाँच पिलर क्या हैं?

CSC समुद्री सुरक्षा और संरक्षा, आतंकवाद-रोधी और उग्रवाद-रोधी प्रयासों, मानव तस्करी तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराध से निपटने, साइबर सुरक्षा और महत्त्वपूर्ण अवसंरचना की रक्षा तथा मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) पर केंद्रित है।

4. CSC भारत के हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में रणनीतिक उद्देश्यों का समर्थन कैसे करता है?

NSA-स्तर के संवाद और परिचालन सहयोग को संस्थागत बनाकर, CSC भारत की क्षेत्रीय सुरक्षा प्रदाता के रूप में भूमिका को मज़बूत करता है, बाहरी प्रभाव का मुकाबला करता है और नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था को बढ़ावा देता है।