समुद्र प्रदक्षिणा | 12 Sep 2025

स्रोत: पी.आई.बी. 

रक्षा मंत्री ने विश्व के पहले तीनों सेनाओं की महिला नौकायन अभियान ‘समुद्र प्रदक्षिणा’ को हरी झंडी दिखाई, जो नारी शक्ति, सशस्त्र बलों की एकजुटता, आत्मनिर्भर भारत और भारत के समुद्री दृष्टिकोण का प्रतीक है। 

  • यह अभियान कैप्टन दिलीप डोंडे (2009-10), कमांडर अभिलाष टॉमी (2012-13), और भारतीय नौसेना की नाविका सागर परिक्रमा (2017-18) और नाविका सागर परिक्रमा-II (2024-25) द्वारा भारत की पूर्व की गई परिक्रमा यात्राओं पर आधारित है। 
  • अभियान: इस दल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल अनुजा वरुडकर कर रही हैं। इसमें 10 महिला अधिकारी शामिल हैं, जो स्वदेशी रूप से निर्मित भारतीय सेना नौकायन पोत (IASV) त्रिवेणी पर 9 माह तक नौकायन करेंगी और लगभग 26,000 समुद्री मील की दूरी तय करेंगी। 
    • उनका मार्ग दो बार भूमध्य रेखा (Equator) को पार करेगा तथा तीन महत्त्वपूर्ण केप (ल्यूविन (Leeuwin), हॉर्न (Horn) और गुड होप (Good Hope)) की परिक्रमा करेगा, जिसमें चुनौतीपूर्ण दक्षिणी महासागर और ड्रेक पैसेज (Drake Passage) भी शामिल हैं। 
    • वे फ्रेमेंटल (ऑस्ट्रेलिया), लिटलटन (न्यूज़ीलैंड), पोर्ट स्टेनली (कनाडा) और केप टाउन (दक्षिण अफ्रीका) में अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाहों पर रुकेंगी, जिससे भारत की समुद्री कूटनीति को सुदृढ़ता मिलेगी। 
    • इस अभियान का एक वैज्ञानिक आयाम भी है, जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान (NIO) के सहयोग से माइक्रोप्लास्टिक, समुद्री जैव विविधता और महासागरीय स्वास्थ्य पर अध्ययन किया जाएगा। 
  • वैश्विक मानक: यह अभियान वर्ल्ड सेलिंग स्पीड रिकॉर्ड काउंसिल के नियमों का पालन करता है, जिसमें सभी देशांतर रेखाओं को पार करना, भूमध्य रेखा को पार करना और केवल पाल की सहायता से 21,600 समुद्री मील से अधिक की दूरी पूरी करना शामिल है। इसमें नहरों या यांत्रिक शक्ति वाले परिवहन का उपयोग नहीं किया जाता, जिससे यह वास्तविक सहनशक्ति की परीक्षा बन जाता है।
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