नॉथोपेगिया जीवाश्म पत्तियाँ | 21 Jun 2025

स्रोत: पी.आई.बी

असम के माकुम कोलफील्ड में 24-23 मिलियन वर्ष पूर्व (ओलिगोसीन युग के अंत में) नॉथोपेगिया के जीवाश्म पत्ते खोजे गए।

  • शोधकर्त्ताओं ने जीवाश्मों की पहचान करने और क्षेत्र की प्राचीन जलवायु का पुनर्निर्माण करने के लिये आधुनिक प्रजातियों के साथ रूपात्मक तुलना, पहचान के लिये क्लस्टर विश्लेषण और CLAMP (क्लाइमेट लीफ एनालिसिस मल्टीवेरिएट प्रोग्राम) का उपयोग किया।

नॉथोपेगिया:

  • नॉथोपेगिया एनाकार्डिएसी परिवार से  संबंधित फूल देने वाले पौधों की एक प्रजाति है, जिसमें आम भी शामिल है
    • इसमें अनेक उष्णकटिबंधीय वृक्ष प्रजातियाँ शामिल हैं, जो अपने पारिस्थितिक और औषधीय महत्त्व के लिये मूल्यवान हैं।
  • वर्तमान वितरण: वर्तमान में, नॉथोपेगिया विशेष रूप से पश्चिमी घाट में पाया जाता है, जो प्रायद्वीपीय भारत में यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त जैवविविधता वाला हॉटस्पॉट है।
  • वानस्पतिक विशेषताएँ: ये पत्तियाँ जालीदार शिराविन्यास वाली चौंड़े आकार की होती हैं तथा आमतौर पर गर्म, आर्द्र उष्णकटिबंधीय जलवायु के अनुकूल होती हैं। 
  • ये जीवाश्म पश्चिमी घाट में वर्तमान नॉथोपेगिया प्रजाति से काफी समानता दर्शाते हैं।
  • पूर्वोत्तर में विलुप्त होने के कारण:
    • हिमालय के टेक्टोनिक उत्थान के कारण इस क्षेत्र में बड़े जलवायु परिवर्तन हुए है।
    • तापमान, वर्षा और वायु के पैटर्न में परिवर्तन ने उत्तर-पूर्व को नॉथोपेगिया जैसी उष्णकटिबंधीय प्रजातियों के लिये अनुपयुक्त बना दिया है।
    • परिणामस्वरूप, यह प्रजाति पूर्वोत्तर में विलुप्त हो गई, लेकिन जलवायु की दृष्टि से स्थिर पश्चिमी घाटों में जीवित रही, जो जलवायु-संचालित प्रजातियों के प्रवास का एक उदाहरण है।

माकुम कोयला क्षेत्र:

  • असम के तिनसुकिया ज़िले के मार्गेरिटा में स्थित यह पूर्वोत्तर भारत का एकमात्र कोयला उत्पादक क्षेत्र है। 
  • यह एक महत्त्वपूर्ण पुरावनस्पति विज्ञान स्थल भी है, जो तृतीयक काल के जीवाश्म अभिलेखों से समृद्ध है।

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