रिसैट-2 | 05 Nov 2022

हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के RISAT-2 उपग्रह (रडार इमेजिंग सैटेलाइट) द्वारा जकार्ता के पास हिंद महासागर में अनुमानित प्रभाव बिंदु पर पृथ्वी के वायुमंडल में अनियंत्रित पुन: प्रवेश किया गया।

  • RISAT-2 भारत का पहला "आई इन द स्काई" उपग्रह है जिसके माध्यम से घुसपैठ और आतंकवाद विरोधी अभियानों के हिस्से के रूप में देश की सीमाओं की निगरानी होती है।

risat-2

RISAT-2:

  • परिचय:
    • रिसैट-2 का मुख्य सेंसर (जिसे 'जासूसी' उपग्रह माना जाता है) इज़रायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज़ का एक X -बैंड सिंथेटिक-एपर्चर रडार था।
    • रिसैट-1 उपग्रह के लिये स्वदेश में विकसित हो रहे सी-बैंड में देरी होने के कारण वर्ष 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद रिसैट-2 को अधिक तेज़ी से विकसित किया गया था। भारत के पहले समर्पित इस टोही उपग्रह में दिन-रात कार्य करने के साथ-साथ सभी मौसमों में निगरानी करने की क्षमता है।
    • इसका उपयोग समुद्र में सैन्य खतरा माने जाने वाले जहाज़ों को ट्रैक करने के लिये भी किया जाता था।
  • प्रक्षेपण:
    • लगभग 300 किलोग्राम वज़न वाले रिसैट-2 को 20 अप्रैल, 2009 को PSLV-C12 प्रक्षेपण यान द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।
  • महत्त्व:
    • रिसैट-2 ने 13 वर्षों से अधिक समय तक लाभकारी पेलोड डेटा प्रदान किया।
      • इसके प्रवेश के बाद से विभिन्न अंतरिक्ष अनुप्रयोगों के लिये रिसैट-2 की रडार पेलोड सेवाएँ प्रदान की गईं।
    • रिसैट-2 अंतरिक्षयान कक्षीय संचालन को कुशल और इष्टतम तरीके से पूरा करने के लिये इसरो की क्षमता का एक स्पष्ट उदाहरण है।
      • जैसा कि रिसैट-2 ने 13.5 वर्षों के भीतर फिर से प्रवेश किया, इसने अंतरिक्ष मलबे के लिये सभी आवश्यक अंतर्राष्ट्रीय शमन दिशा-निर्देशों का पालन किया, जो बाहरी अंतरिक्ष की दीर्घकालिक स्थिरता के प्रति अंतरिक्ष एजेंसी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इसरो की आगामी परियोजनाएँ:

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न: 

प्रश्न. भारत के उपग्रह प्रक्षेपण यान के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. PSLVs पृथ्वी संसाधनों की निगरानी के लिये उपयोगी उपग्रहों को लॉन्च करते हैं, जबकि GSLVs को मुख्य रूप से संचार उपग्रहों को लॉन्च करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
  2. PSLVs द्वारा प्रक्षेपित उपग्रह पृथ्वी पर किसी विशेष स्थान से देखने पर आकाश में उसी स्थिति में स्थायी रूप से स्थिर प्रतीत होते हैं।
  3. GSLV Mk-III एक चार चरणों वाला प्रक्षेपण यान है जिसमें पहले और तीसरे चरण में ठोस रॉकेट मोटर्स का उपयोग तथा दूसरे व चौथे चरण में तरल रॉकेट इंजन का उपयोग किया जाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 2
(d) केवल 3

उत्तर: (a)

स्रोत: द हिंदू