संशोधित शक्ति नीति 2025 | 15 May 2025
स्रोत: पी.आई.बी
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने कोयले की उपलब्धता बढ़ाने और विद्युत क्षेत्र में कारोबार को आसान बनाने के लिये कोयला आवंटन हेतु संशोधित शक्ति नीति को स्वीकृति दी।
- शक्ति नीति (वर्ष 2017) का उद्देश्य नामांकन-आधारित प्रणाली से नीलामी या टैरिफ-आधारित बोली-प्रक्रिया की ओर बढ़कर कोयला आवंटन को पारदर्शी बनाना है।
- संशोधित नीति की मुख्य विशेषताएँ: इसमें कारोबार को आसान बनाने के लिये आठ पुरानी श्रेणियों के स्थान पर दो सुव्यवस्थित विंडो- विंडो-I और विंडो-II की शुरुआत की गई है।
- विंडो-I (अधिसूचित मूल्य पर कोयला): संयुक्त उद्यमों (JV) और सहायक कंपनियों सहित सरकारी स्वामित्व वाले ताप विद्युत संयंत्रों के लिये कोयले की आपूर्ति निश्चित मूल्य पर की जाएगी।
- विंडो-II (अधिसूचित मूल्य से अधिक प्रीमियम): विद्युत उत्पादक अधिसूचित मूल्य से अधिक प्रीमियम पर नीलामी के माध्यम से कोयला प्राप्त कर सकते हैं।
- उन्हें दीर्घकालिक (25 वर्ष तक) या अल्पकालिक (12 महीने तक) अनुबंधों के माध्यम से विद्युत बेचने में लचीलापन प्रदान करना।
- कोयला: भारत में विश्व का 5 वाँ सबसे बड़ा कोयला भंडार है और यह दूसरा सबसे बड़ा कोयला उपभोक्ता है।
- कोयला अभी भी महत्त्वपूर्ण है, जो भारत के ऊर्जा मिश्रण में 55% का योगदान देता है तथा 74% से अधिक विद्युत उत्पादन को शक्ति प्रदान करता है।
- ओडिशा, झारखंड और छत्तीसगढ़ भारत के शीर्ष तीन कोयला समृद्ध राज्य हैं , जिनके पास देश के कुल कोयला भंडार का लगभग 69% हिस्सा है।
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