Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 26 दिसंबर, 2022 | 26 Dec 2022

वीर बाल दिवस

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री गुरू गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व पर 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की। 26 दिसंबर वह दिन है जब साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह को क्रमशः महज 6 साल एवं 9 साल की छोटी सी उम्र में मुगल सेना द्वारा मार दिया गया था। साहिबजादा अजीत सिंह, साहिबजादा जुझार सिंह, साहिबजादा जोरावर सिंह तथा साहिबजादा फतेह सिंह सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी के चार पुत्र थे। उन्होंने अपनी आस्था को त्यागने के बजाय मौत को प्राथमिकता दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि माता गुजरी, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी और 4 साहिबजादों की वीरता एवं आदर्श लाखों लोगों को ताकत देता है। वे अन्याय के आगे कभी नहीं झुके। उन्होंने एक ऐसी दुनिया की कल्पना की जो समावेशी और सामंजस्यपूर्ण हो। इस अवसर पर कई कार्यक्रम और प्रतियोगिताएँ आयोजित की जा रही हैं। 'साहिबजादे' की कहानियाँ सुनाने वाली झाँकी के साथ सेना का एक बैंड भी मार्च में हिस्सा लेगा। प्रधानमंत्री कार्यक्रम के दौरान लगभग 300 बाल कीर्तनियों के नेतृत्व में "शब्द कीर्तन" में भाग लेंगे तथा दिल्ली के हज़ारों स्कूली बच्चे सोमवार को इंडिया गेट से कर्तव्य पथ तक मार्च पास्ट करेंगे और पूरे भारत को नन्हें साहिबजादों की शहादत का इतिहास बताएंगे।

कृत्रिम हृदय

आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के विशेषज्ञों ने एक कृत्रिम हृदय (Artificial Heart) तैयार किया है, जो हृदय रोग संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिये मददगार साबित होगा। कृत्रिम हृदय या आर्टिफिशियल हार्ट का जानवरों पर परीक्षण अगले साल शुरू होगा। इसके बाद हार्ट ट्रांसप्लांट (Heart Transplant) आसान होगा और गंभीर रोगियों में आर्टिफिशियल हार्ट ट्रांसप्लांट किये  जा सकते हैं। आईआईटी कानपुर तथा देश भर के 10 वैज्ञानिकों और डॉक्टरों की एक टीम ने दो साल में इस कृत्रिम हृदय को तैयार किया है। जानवरों पर परीक्षण फरवरी या मार्च से शुरू होगा। परीक्षण में सफलता के बाद दो वर्षों में मनुष्यों में इसका प्रत्यारोपण किया जा सकेगा।  हृदय रोग तेज़ी से बढ़ रहा है जिसके फलस्वरूप बड़ी संख्या में मरीजों को हृदय प्रत्यारोपण की सलाह दी जाती है,  मरीजों की परेशानी कम करने के लिये यह कृत्रिम हृदय विकसित किया जा रहा है। भारत 80 प्रतिशत उपकरण और इम्प्लांट विदेशों से आयात करता है , केवल 20 प्रतिशत उपकरण एवं इम्प्लांट भारत में निर्मित किये जाते हैं।

मनानाला नल्लाथरवु मंद्रम  योजना

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मेडिकल कॉलेज के छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिये मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने हेतु मनानाला नल्लाथरवु मंद्रम या मनम (MANAM) योजना शुरू की है। इसका उद्देश्य मेडिकल छात्रों को आत्महत्या करने से रोकने के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य से पीड़ित रोगियों के सही उपचार के लिये उन्हें प्रशिक्षित करना है। इस पहल के अंतर्गत छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करने में मदद मिलेगी। इसके लिये एक हेल्पलाइन नंबर 14416 भी जारी की गई है। तमिलनाडु सरकार ने इस पहल का शुभारंभ तिरुचि, पुडुकोट्टई एवं करूर ज़िलों के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में किया है।