Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 27 अक्तूबर, 2021 | 27 Oct 2021

भारत-स्वीडन नवाचार दिवस

26 अक्तूबर, 2021 को भारत और स्वीडन द्वारा 8वाँ नवाचार दिवस आयोजित किया गया। इस ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं और ‘ग्रीन ट्रांज़िशन’ के संभावित समाधानों पर चर्चा की। जलवायु परिवर्तन पर चर्चा के उद्देश्य से आयोजित इस एक दिवसीय कार्यक्रम को नौ हिस्सों में विभाजित किया गया था। सत्र के दौरान जलवायु के अनुकूल समाधान प्रस्तुत करने हेतु डिजिटल प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लागू करने के लिये विचारों का आदान-प्रदान भी किया गया। ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन 'एक्सेलरेटिंग इंडिया-स्वीडन ग्रीन ट्रांज़िशन' थीम के तहत किया गया। भारत-स्वीडन नवाचार दिवस की मेज़बानी ‘इंडिया अनलिमिटेड’ द्वारा स्वीडन में भारत के दूतावास, भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और स्वीडन-भारत व्यापार परिषद के सहयोग से की गई थी। गौरतलब है कि भारत और स्वीडन के बीच ऐतिहासिक द्विपक्षीय संबंध हैं। स्वीडन उन देशों में शामिल है, जिन्होंने वर्ष 1947 में सर्वप्रथम भारत की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी। वर्ष 1949 में दोनों देशों ने अपने औपचारिक राजनयिक संबंध स्थापित किये। स्वीडन ने कोलकाता, चेन्नई और मुंबई में मानद वाणिज्य दूतावास भी स्थापित किये हैं। 

इन्फेंट्री दिवस

भारतीय सेना प्रत्येक वर्ष 27 अक्तूबर को ‘इन्फेंट्री दिवस’ के रूप में आयोजित करती है, क्योंकि इसी दिन सिख रेजिमेंट की पहली बटालियन की दो इन्फेंट्री कंपनियों को पाकिस्तानी सेना द्वारा समर्थित आक्रमणकारियों से कश्मीर को मुक्त कराने के लिये दिल्ली से श्रीनगर भेजा गया था। इस कार्रवाई का आदेश तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा तब दिया गया था, जब जम्मू-कश्मीर रियासत के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह ने जम्मू-कश्मीर को भारत में शामिल करने के लिये ‘इंस्‍ट्रूमेंट ऑफ एक्‍सेशन’ यानी विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर किये थे। महाराजा हरि सिंह ने 26 अक्तूबर, 1947 को इंस्‍ट्रूमेंट ऑफ एक्‍सेशन पर हस्ताक्षर किये और 27 अक्तूबर, 1947 को भारतीय सेना की दो इन्फेंट्री कंपनियाँ जम्मू-कश्मीर पहुँच गईं। दरअसल विभाजन के दौरान जम्मू-कश्मीर रियासत को भारत अथवा पाकिस्तान में शामिल होने का विकल्प दिया गया था लेकिन उस समय के शासक महाराजा हरि सिंह ने इसे एक स्वतंत्र राज्य के रूप में रखने का फैसला किया। वर्ष 1947 में पाकिस्तान के पख्तून आदिवासियों ने जम्मू-कश्मीर पर हमला कर दिया और पाकिस्तान की सेना ने इस हमले का पूरा समर्थन किया था तथा आक्रमणकारियों को रसद, हथियार एवं गोला-बारूद मुहैया कराया था। 

राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव

‘छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड’ द्वारा 28 अक्तूबर से रायपुर में ‘राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव’ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय नृत्य समूह हिस्सा लेंगे। छत्तीसगढ़ सरकार की ‘पर्यटन विकास योजना’ के तहत आयोजित इस तीन दिवसीय उत्सव में उज़्बेकिस्तान, नाइज़ीरिया, श्रीलंका, युगांडा, सीरिया, माली, फिलिस्तीन और किंगडम ऑफ एस्वातिनी आदि देशों के विविध आदिवासी समुदायों के कलाकार शामिल होंगे। इसके अलावा इस महोत्सव में छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचलों- बस्तर, दंतेवाड़ा, बिलासपुर, मैनपुर और जशपुर आदि के कलाकार भी अपना विशिष्ट इतिहास, संस्कृति और परंपराएँ पेश करेंगे। वर्ष 2019 में आयोजित ‘राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव’ के पहले संस्करण में भारत के 25 राज्यों और छह अतिथि देशों के आदिवासी समुदायों ने हिस्सा लिया था। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में भारत की कई स्वदेशी जनजातियाँ हैं, जो राज्य की जीवंत संस्कृति में योगदान देती हैं। ‘राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव’ का उद्देश्य जनजातीय संस्कृति की विशिष्टता को बढ़ावा देना और जनजातीय जीवन की समृद्धि एवं विविधता को प्रदर्शित करना है। 

ओटो विख्तर्ले

विश्व प्रसिद्ध टेक कंपनी गूगल ने हाल ही में चेक केमिस्ट ‘ओटो विख्तर्ले’ की 108वीं जयंती पर डूडल बनाकर उन्हें सम्मानित किया। ओटो विख्तर्ले को आधुनिक सॉफ्ट कॉन्टैक्ट लेंस का आविष्कार करने के लिये जाना जाता है, जिसे वर्तमान में दुनिया भर में अनुमानित 140 मिलियन लोगों द्वारा उपयोग किया जा रहा है। वर्ष 1913 में चेक गणराज्य (तत्कालीन ऑस्ट्रिया-हंगरी) के प्रोस्टेजोव में जन्मे ओटो विख्तर्ले ने वर्ष 1936 में ‘प्राग इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी’ से जैविक रसायन विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी। उन्होंने 1950 के दशक में ‘प्राग इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी’ में एक प्रोफेसर के रूप में कार्य किया। वर्ष 1961 में ओटो विख्तर्ले ने विश्व का पहला सॉफ्ट कॉन्टैक्ट लेंस तैयार किया।