Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 24 नवंबर, 2021 | 24 Nov 2021

वर्चुअल विज्ञान प्रयोगशाला

देश भर के वैज्ञानिकों को छात्रों के साथ जोड़ने वाले 'सीएसआईआर जिज्ञासा' कार्यक्रम के तहत बच्चों के लिये भारत की पहली वर्चुअल विज्ञान प्रयोगशाला शुरू की गई है। यह वर्चुअल प्रयोगशाला एक नई शुरुआत है, जो कि देश की ‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ के अनुरूप है और देश के प्रत्येक हिस्से में छात्रों को विज्ञान के अभिनव प्रयोग करने में मदद करेगी। इस नई सुविधा से केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और सरकारी स्कूलों के छात्रों को काफी फायदा होगा। ‘वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद’ (CSIR) द्वारा इस प्लेटफॉर्म को 'सीएसआईआर जिज्ञासा' कार्यक्रम के तहत ‘आईआईटी बॉम्बे’ के साथ संयुक्त तौर पर विकसित किया गया है, जो स्कूली छात्रों को प्रयोगशाला अनुसंधान के साथ कक्षा में सीखने की सुविधा प्रदान करता है। इस वर्चुअल लैब का मुख्य उद्देश्य स्कूली छात्रों को वैज्ञानिक प्रयोगों, शिक्षाशास्त्र आधारित सामग्री, वीडियो, चैट फोरम, एनिमेशन, गेमिंग, क्विज़ के साथ एक ऑनलाइन इंटरेक्टिव माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शोध करने में मदद करना है। प्रारंभ में यह सामग्री केवल अंग्रेज़ी में उपलब्ध होगी, लेकिन जल्द ही इसे हिंदी एवं अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराया जाएगा। यह वर्चुअल प्लेटफॉर्म सीएसआईआर प्रयोगशालाओं का एक आभासी दौरा प्रदान करेगी और छात्रों को अनुसंधान के बुनियादी ढाँचे के बारे में बताएगी, जो अन्यथा सुरक्षा मानकों को देखते हुए अपेक्षाकृत कठिन होगा।

‘मेन-सीक्वेंस रेडियो पल्स एमिटर’ तारे

खगोलविदों के एक समूह ने पुणे के पास स्थित ‘जाइंट मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप’ (GMRT) का उपयोग करके 'MRPs' या मेन-सीक्वेंस रेडियो पल्स एमिटर नामक एक दुर्लभ वर्ग के आठ सितारों की खोज की है। 'मेन-सीक्वेंस रेडियो पल्स एमिटर’ असामान्य रूप से मज़बूत चुंबकीय क्षेत्रों और बहुत तीव्र तारकीय हवा के साथ सूर्य की तुलना में अधिक गर्म तारे हैं। वे प्रकाशस्तंभ की तरह चमकीले रेडियो स्पंदनों का उत्सर्जन करते हैं। ‘जाइंट मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप’ एक रेडियो टेलीस्कोप है, जो पुणे से 80 किमी. दूर ‘खोदद’ में स्थित है। इसमें 30 एंटेना होते हैं, जिनमें से प्रत्येक 45 मीटर व्यास का होता है और यह ‘टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च’ द्वारा संचालित है। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (NCRA-TIFR) का नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स भारत में रेडियो खगोल विज्ञान का प्रमुख संस्थान है। 

गाओफेन-11(03)

चीन ने हाल ही में ‘लॉन्ग मार्च 4बी’ रॉकेट से अपना तीसरा ‘गाओफेन-11(03)’ रिकोनिसेंस उपग्रह लॉन्च किया है। गाओफेन-11(03) में ऑप्टिकल रिज़ॉल्यूशन के साथ विशिष्ट उपग्रह शामिल हैं, जिन्हें शीर्ष अमेरिकी जासूसी उपग्रहों के समान माना जा सकता है। यह वर्ष 2021 में चीन का 44वाँ लॉन्च था। गाओफेन-11(03) उच्च-रिज़ॉल्यूशन ऑप्टिकल इमेजिंग ‘गाओफेन-11’ उपग्रहों की शृंखला में तीसरा है। गाओफेन-11 शृंखला में पहला उपग्रह जुलाई 2016 में लॉन्च किया गया था और उसके बाद दूसरा उपग्रह सितंबर 2020 में लॉन्च किया गया। गाओफेन-11(03) उपग्रह सन-सिंक्रोनस ऑर्बिट में काम करेगा। इसका उपयोग मुख्य रूप से भूमि सर्वेक्षण, भूमि अधिकारों की पुष्टि, सड़क नेटवर्क डिज़ाइन, शहर नियोजन, फसल उपज अनुमान और आपदा रोकथाम एवं शमन के लिये किया जाएगा। 

बालेश्वर/बालासोर: सर्वश्रेष्ठ समुद्री ज़िला

हाल ही में ‘विश्व मत्स्य दिवस’ के अवसर पर बालेश्वर/बालासोर (ओडिशा) को देश का ‘सर्वश्रेष्ठ समुद्री ज़िला पुरस्कार’ दिया गया। आंध्र प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ समुद्री राज्य का पुरस्कार दिया गया, जबकि बीते वर्ष यह पुरस्कार ओडिशा को दिया गया था। सर्वश्रेष्ठ अंतर्देशीय/इनलैंड राज्य का पुरस्कार तेलंगाना को दिया गया, जबकि मध्य प्रदेश के बालाघाट को सर्वश्रेष्ठ अंतर्देशीय/इनलैंड ज़िला घोषित किया गया। वहीं सर्वश्रेष्ठ पहाड़ी राज्य, पूर्वोत्तर राज्य और ज़िला पुरस्कार क्रमशः त्रिपुरा, असम और बोंगाईगाँव ने जीते। ध्यातव्य है कि सरकार ने वर्ष 2024-25 तक मत्स्य पालन क्षेत्र से एक लाख करोड़ का निर्यात लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसे प्राप्त करने हेतु सरकार द्वारा तमाम प्रयास किये जा रहे हैं, जिसमें विभिन्न राज्यों और ज़िलों के प्रयासों को मान्यता देना भी शामिल है। ये पुरस्कार केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन मंत्रालय द्वारा प्रदान किये जाते हैं।