Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 18 सितंबर, 2021 | 18 Sep 2021

आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु भारत-इटली के बीच समझौता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग के लिये भारत तथा इटली गणराज्य के बीच समझौता-ज्ञापन को मंज़ूरी दी है। आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग संबंधी यह समझौता भारत की तरफ से ‘राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण’ (NDMA) और इटली गणराज्य के ’डिपार्टमेंट ऑफ सिविल प्रोटेक्शन ऑफ दी प्रेसीडेंसी ऑफ दी काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स’ के बीच किया गया है। इस समझौता-ज्ञापन के तहत एक ऐसी प्रणाली का निर्माण किया जाएगा, जिससे भारत एवं इटली, दोनों देशों को आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण लाभ होगा। इसके तहत दोनों देशों को एक-दूसरे की आपदा प्रबंधन प्रणालियों से लाभ प्राप्त करने और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में तैयारी, प्रतिक्रिया एवं क्षमता निर्माण को मज़बूत करने में मदद मिलेगी। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत में आपदा प्रबंधन के लिये शीर्ष वैधानिक निकाय है। इसका ओपचारिक रूप से गठन 27 सितंबर, 2006 को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत हुआ जिसमें अध्यक्ष के रूप में प्रधानमंत्री और नौ अन्य सदस्य होते हैं और इनमें से एक सदस्य को उपाध्यक्ष के पद पर नियुक्त जाता है। इसका प्राथमिक उद्देश्य प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं के दौरान प्रतिक्रियाओं में समन्वय स्थापित करना और आपदा-प्रत्यास्थ (आपदाओं में लचीली रणनीति) व संकटकालीन प्रतिक्रिया हेतु क्षमता निर्माण करना है।

शेफाली जुनेजा

शेफाली जुनेजा को ‘अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन’ (ICAO) की विमानन सुरक्षा समिति की अध्यक्ष के रूप में चुना गया है। वह इस रणनीतिक समिति का नेतृत्त्व करने वाली पहली महिला हैं। भारत को यह दायित्त्व 12 वर्ष के अंतराल के बाद मिला है। शेफाली जुनेजा ने इससे पूर्व वर्ष 2012 से वर्ष 2019 तक नागरिक उड्डयन मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में भी कार्य किया है। उन्होंने ‘एयर इंडिया समूह’ की कंपनियों जैसे एयर इंडिया एक्सप्रेस और एलायंस एयर में निदेशक मंडल के रूप में भी काम किया है। शेफाली जुनेजा वर्ष 1992 बैच की ‘भारतीय राजस्व सेवा’ अधिकारी हैं, जिन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय में शामिल होने से पूर्व एक सिविल सेवक के तौर पर सरकार में कई संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण कार्यों, अर्द्ध-न्यायिक पदों और प्रशासनिक तथा वित्तीय पदों पर कार्य किया है। यह संयुक्त राष्ट्र की एक विशिष्ट एजेंसी है, जिसकी स्थापना वर्ष 1944 में राज्यों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन अभिसमय (शिकागो कन्वेंशन) के संचालन तथा प्रशासन के प्रबंधन हेतु की गई थी। इसका एक उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय हवाई परिवहन की योजना एवं विकास को बढ़ावा देना है ताकि दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन की सुरक्षित तथा व्यवस्थित वृद्धि सुनिश्चित हो सके।

मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिवस

महाराष्ट्र में प्रतिवर्ष 17 सितंबर को ‘मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यह दिवस हैदराबाद के निज़ाम के भारतीय सैनिकों द्वारा पराजित होने के बाद मराठवाड़ा क्षेत्र के भारतीय संघ में विलय की वर्षगाँठ को चिह्नित करता है। गौरतलब है कि 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई तो रियासतों को नव निर्मित राष्ट्रों- भारत और पाकिस्तान में से किसी एक में शामिल होने अथवा स्वतंत्र रहने का विकल्प दिया गया था। कुछ ही समय में हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर जैसी कुछ रियासतों को छोड़कर अधिकांश रियासतों का भारतीय संघ में विलय हो गया। निज़ाम मीर उस्मान अली खान बहादुर के शासन में हैदराबाद ने स्वतंत्र रहने का निर्णय किया। भारतीय संघ की एकता के लिये किसी भी चुनौती को समाप्त करने हेतु भारत सरकार ने हैदराबाद रियासत को शामिल करने के लिये ‘ऑपरेशन पोलो’ की शुरुआत की, हैदराबाद की तत्कालीन रियासत में तेलंगाना, मराठवाड़ा और कर्नाटक के चार ज़िले शामिल थे। इस अभियान की शुरुआत के बाद 17 सितंबर, 1948 को निज़ाम की सेना के प्रमुख ‘अल इदरीस’ ने आत्मसमर्पण कर दिया। कुछ ही समय में निज़ाम ने भी आत्मसमर्पण कर दिया और हैदराबाद रियासत को भारतीय संघ में शामिल कर लिया गया। 

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस

दुनिया भर में रोगी सुरक्षा के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने और स्वास्थ्य देखभाल के प्रति आम जनमानस की प्रतिबद्धता को मज़बूत करने हेतु प्रतिवर्ष 17 सितंबर को ‘विश्व रोगी सुरक्षा दिवस’ का आयोजन किया जाता है। 72वीं विश्व स्वास्थ्य सभा ने मई 2019 में ‘रोगी सुरक्षा पर वैश्विक कार्रवाई’ पर संकल्प को अपनाकर 17 सितंबर को ‘विश्व रोगी सुरक्षा दिवस’ की स्थापना की थी। ‘विश्व रोगी सुरक्षा दिवस’ रोगी सुरक्षा पर वार्षिक वैश्विक मंत्रिस्तरीय शिखर सम्मेलन की एक शृंखला की आधारशिला है जो वर्ष 2016 में लंदन में शुरू हुई थी। वर्ष 2021 में ‘विश्व रोगी सुरक्षा दिवस’ का आयोजन ‘सुरक्षित मातृत्त्व एवं नवजात देखभाल’ विषय के साथ किया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आँकड़ों के मुताबिक, प्रतिदिन लगभग 810 महिलाओं की मृत्यु गर्भावस्था एवं प्रसव संबंधी परिहार्य कारणों से हो जाती है। इसके अलावा, स्वास्थ्य देखभाल की कमी के कारण प्रतिदिन पाँच वर्ष से कम उम्र के लगभग 6700 शिशुओं की मृत्यु होती है, जो कि कुल मौतों का 47 प्रतिशत है। इस दिवस का लक्ष्य प्रसव एवं प्रसव के दौरान सभी महिलाओं तथा नवजात शिशुओं को होने वाले अनावश्यक जोखिम एवं क्षति को कम करना है, साथ ही यह गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के प्रावधान की भी वकालत करता है।