Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 15 अक्तूबर, 2022 | 15 Oct 2022

विश्व छात्र दिवस

 प्रतिवर्ष 15 अक्तूबर को ‘विश्व छात्र दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्तूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उन्होंने वर्ष 2002 से वर्ष 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। वे न केवल एक सुविख्यात एयरोस्पेस वैज्ञानिक थे, बल्कि महान शिक्षक भी थे, जिन्होंने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) तथा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ काम किया था। डॉ. कलाम वर्ष 1962 में ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ से जुड़े तथा वहाँ उन्हें प्रोजेक्ट डायरेक्टर के तौर पर भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह (SLV- lll) प्रक्षेपास्त्र बनाने का श्रेय हासिल हुआ। अब्दुल कलाम भारत के मिसाइल कार्यक्रम के जनक माने जाते हैं, वे ‘आम जनमानस के राष्ट्रपति’ के तौर पर प्रसिद्ध हैं। डॉ. कलाम ने अपने ‘सादा जीवन, उच्च विचार’ के दर्शन से भारत समेत दुनिया भर के लाखों युवाओं को प्रेरित किया है। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने डॉ. कलाम के जन्म दिवस को चिह्नित करते हुए वर्ष 2010 में 15 अक्तूबर को विश्व छात्र दिवस के रूप में नामित किया था। डॉ. कलाम की उपलब्धियों को इस बात से समझा जा सकता है कि उन्हें भारत एवं विदेशों के 48 विश्वविद्यालयों और संस्थानों द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था। उन्होंने वर्ष 1992 से वर्ष 1999 तक प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में भी कार्य किया। डॉ. कलाम को वर्ष 1981 में पद्म भूषण, वर्ष 1990 में पद्म विभूषण और वर्ष 1997 में ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।  

विधि मंत्रियों और सचिवों का अखिल भारतीय सम्मेलन

प्रधानमंत्री ने 15 अक्तूबर, 2022 को नई दिल्ली में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research- CSIR) की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में प्रख्यात वैज्ञानिक, उद्योगपति और विज्ञान संबंधी मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। यह बैठक CSIR की गतिविधियों की समीक्षा करने और इसके भविष्य के कार्यक्रमों पर विचार-विमर्श करने के लिये प्रत्येक वर्ष आयोजित की जाती हैं। प्रधानमंत्री इस परिषद के अध्यक्ष हैं। CSIR के अनुसंधान प्रयास अब मुख्य रूप से हरित ऊर्जा प्रौद्योगिकी, रोज़गार उपलब्ध कराने और ग्रामीण क्षेत्रों में आय को बढ़ाने पर केंद्रित हैं।  औद्योगिक क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता को मज़बूत करना, बुनियादी ढाँचे का विकास व महत्त्वपूर्ण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधारित मानव संसाधन विकसित करना भी परिषद की ज़िम्मेदारी है। CSIR विजन 2030 के अनुसार, परिषद के पुनरुद्धार और राष्ट्रीय विन@2047 के अनुरूप भारत को एक वैज्ञानिक महाशक्ति तथा आत्मनिर्भर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।  CSIR ने उद्योग के साथ संबंध मज़बूत किये हैं। CSIR के अरोमा मिशन और जम्मू एवं कश्मीर में बैंगनी क्रांति ने भारत को आयातक के बजाय निर्यातक में बदल दिया है।

नारियल समुदाय के किसानों का सम्मेलन

14 अक्तूबर, 2022 कोयंबटूर में आयोजित ‘नारियल समुदाय के किसानों के सम्मेलन’ में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने देश में नारियल की खेती को बढ़ावा देने के लिये नारियल समुदाय से जुड़े किसानों को हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। विगत वर्षों में अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में जो प्रयास किये गए हैं, उनके फलस्‍वरूप  कृषि व प्रसंस्‍करण क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियाँ विकसित हुई हैं तथा उपलब्‍ध प्रौद्योगिकियों को उन्‍नत  बनाया गया है। कृषि अर्थव्यवस्था में नारियल की खेती का योगदान अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है। नारियल की खेती में भारत अग्रणी है व दुनिया के तीसरे बड़े उत्पादकों में से एक है। नारियल प्रसंस्‍करण गतिविधियों में तमिलनाडु प्रथम स्थान पर है एवं नारियल की खेती के क्षेत्रफल की दृष्टि से कोयम्बटूर प्रथम स्थान पर है, जहाँ 88,467 हेक्‍टेयर क्षेत्र में नारियल की खेती की जाती है। नारियल विकास बोर्ड छोटे-सीमांत किसानों को एकीकृत कर त्रिस्तरीय किसान समूह का गठन  कर रहा है। राज्‍य में वर्तमान में 697 नारियल उत्पादक समितियाँ, 73 नारियल उत्पादक संघ एवं 19 नारियल उत्पादक कंपनियाँ हैं। भारत में प्रतिवर्ष 3,638 मिलियन नारियल की प्रसंस्‍करण क्षमता के साथ 537 नई प्रसंस्‍करण इकाइयाँ स्‍थापित करने हेतु समर्थन दिया जा रहा है, इनमें से 136 इकाइयाँ तमिलनाडु की हैं। यह सफलता बोर्ड द्वारा देश में कार्यान्वित मिशन कार्यक्रम के माध्यम से प्राप्त हुई है।