Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 14 अप्रैल, 2022 | 14 Apr 2022

राष्ट्रमंडल खेल

वर्ष 2026 राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया प्रांत द्वारा की जाएगी। इन खेलों के दौरान क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा। वर्ष 2026 के खेलों के संस्करणों की मेज़बानी करने हेतु ऑस्ट्रेलिया को छोड़कर किसी अन्य देश ने रुचि नहीं दिखाई। बर्मिंघम (इंग्लैंड) 28 जुलाई से 8 अगस्त तक राष्ट्रमंडल खेलों के वर्ष 2022 के संस्करण की मेज़बानी करेगा। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका को इस साल के संस्करण की मेज़बानी करनी थी, लेकिन उसकी तैयारी में प्रगति की कमी के कारण मेज़बानी का अधिकार वापस ले लिया गया। पहले राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन वर्ष 1930 में हैमिल्टन, कनाडा में किया गया था, जहाँ 11 देशों ने छह खेलों और 59 कार्यक्रमों में भाग लेने के लिये 400 एथलीटों को भेजा था। वर्ष 1930 से हर चार वर्ष बाद (द्वितीय विश्व युद्ध के कारण वर्ष 1942 और वर्ष 1946 को छोड़कर) इन खेलों का आयोजन किया जाता है।

अंतरिक्ष मलबा 

हाल ही में नासा के नवीनतम आंँकड़ों के अनुसार, मार्च 2019 में भारत द्वारा एंटी-सैटेलाइट परीक्षण (Anti-Satellite Tests) किये जाने के बाद जो अंतरिक्ष मलबा उत्पन्न हुआ वह विघटित या क्षय हुआ प्रतीत होता है। इसके कारण अंतरिक्ष मलबे में देश का योगदान पिछले चार वर्षों की समयावधि में सबसे निचले या निम्न स्तर पर आ गया है। अंतरिक्ष में विभिन्न आकारों की बहुत सारी अवांछित वस्तुएँ तैरती रहती हैं। वे रॉकेट के अवशेषों, निष्क्रिय उपग्रहों और अन्य प्रकार के कबाड़ से उत्पन्न होती हैं। इन टुकड़ों को सामूहिक रूप से अंतरिक्ष मलबे के रूप में जाना जाता है। ऑर्बिटल डेब्रिस क्वार्टरली न्यूज़ के नवीनतम अंक, जिसका प्रकाशन नासा के ऑर्बिटल डेब्रिस प्रोग्राम ऑफिस द्वारा किया गया है, के अनुसार, पृथ्वी की निचली कक्षाओं में अंतरिक्ष मलबे के 25,182 टुकड़े विद्यमान हैं। इनमें से भारत के अंतरिक्ष मलबे के टुकड़ों की संख्या केवल 114 है जो विश्व के प्रमुख अंतरिक्ष यात्री देशों में सबसे कम है। इसके अलावा भारत के 103 निष्क्रिय और सक्रिय अंतरिक्षयान पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं। अंतरिक्ष में अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के सबसे अधिक निष्क्रिय और सक्रिय उपग्रह हैं।

कोयला मंत्रालय का वेब पोर्टल

हाल ही में कोयला, खदान एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कोयला मंत्रालय द्वारा विकसित एक वेब पोर्टल लांच किया जो कोयला खदान क्षेत्र में होने वाली दुर्घटनाओं की वास्तविक समय रिपोर्टिंग करने में मददगार साबित होगा। इस पोर्टल का विकास कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) द्वारा दुर्घटनाओं के मूल कारणों का विश्लेषण कर उनकी रोकथाम तथा दुर्घटना की जांँच को सुगम बनाने हेतु किया गया है। यह पोर्टल ऐसी दुर्घटनाओं में कमी करने के उद्देश्य से पूछताछ की अनुशंसाओं को लेकर कोयला कंपनियों द्वारा उठाए जाने वाले कदमों की निगरानी को सुगम बनाएगा। वर्ष 2021-22 के दौरान भारत के कोयला क्षेत्र ने वित्त वर्ष 2020-21 के 716 मिलियन टन (एमटी) की तुलना में 777.23 एमटी का रिकॉर्ड उत्पादन किया जो 8.55 प्रतिशत की वृद्धि को प्रदर्शित करता है।