Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 13 अक्तूबर , 2020 | 13 Oct 2020

हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली कार का सफल ट्रायल 

वायु प्रदूषण और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने को लेकर तेज़ होती मांग के बीच भारत को इस दिशा में एक बड़ी सफलता मिली है। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research-CSIR) और केपीआइटी टेक्नोलॉजी (KPIT Technologies) ने हाइड्रोजन ईंधन सेल से देश की पहली प्रोटोटाइप कार चलाने का सफल परीक्षण किया है। हाइड्रोजन ईंधन सेल पूरी तरह से देश में ही विकसित ईंधन सेल स्टैक पर आधारित है। विदित है कि हाइड्रोजन ईंधन सेल तकनीक में विद्युत ऊर्जा पैदा करने के लिये हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के बीच रासायनिक प्रतिक्रिया कराई जाती है। इसमें पेट्रोल या गैस जैसे पारंपरिक जीवाश्म ईंधनों का प्रयोग नहीं किया जाता। ईंधन सेल स्टैक से मतलब विद्युत ऊर्जा पैदा करने वाली बैटरियों से है, जिन्हें एकत्र करने के लिये अधिक जगह की ज़रूरत नहीं पड़ती। इसे सात सीटों वाली कार में आसानी से फिट किया जा सकता है। इस ईंधन सेल तकनीक की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह सिर्फ पानी का उत्सर्जन करती है, इस तरह अन्य वायु प्रदूषकों के साथ ही हानिकारक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में भी कटौती करती है। यह तकनीक 65-75 डिग्री सेल्सियस तापमान पर भी काम करती है जो वाहन चलाने के वक्त पैदा होने वाली गर्मी सहन कर सकती है। 

इमोमाली रहमान

मध्य एशियाई देश ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान (Emomali Rahmon) एक बार फिर इस पद के लिये चुने गए हैं। लंबे समय से ताजिकिस्तान की कमान संभाल रहे रहमान का कार्यकाल सात वर्ष का होगा। चुनाव अधिकारियों के अनुसार,  रहमान को चुनाव में जबर्दस्त जन समर्थन प्राप्त हुआ है। ताजिकिस्तान के चुनाव आयोग ने मतों की गिनती के बाद बताया कि राष्ट्रपति पद के लिये हुए मतदान के परिणामों में इमोमाली रहमान ने 90.9 प्रतिशत मतों के साथ जीत दर्ज की है। सोवियत संघ के विघटन के उपरांत रहमान वर्ष 1992 से ही ताजिकिस्तान की सत्ता पर काबिज हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में हुए संवैधानिक जनमत संग्रह के जरिये राष्ट्रपति बनने की सीमा समाप्त कर दी गई थी। ऐसे में वह जितनी बार चाहें राष्ट्रपति पद के लिये चुनाव में प्रतिभाग कर सकते हैं।

रोज-ब्रेस्टेड ग्रूजबीक्स

पेन्सिलवेनिया के पाउडरमिल नेचुरल रिज़र्व (Powdermill Nature Reserve) में पक्षी विज्ञानियों की एक टीम ने रोज़-ब्रेस्टेड ग्रूज़बीक्स (Rose-Breasted Grosbeaks) नामक एक दुर्लभ चिड़िया की खोज की है। विशेष तथ्य यह है कि इस चिड़िया के शरीर के एक भाग में नर चिड़ियों जैसे काले और बड़े पंख हैं, वहीं दूसरे भाग में मादा चिड़ियों जैसे भूरे रंग के पंख हैं,  जो मादा चिड़िया का एक लक्षण है। शोधकर्त्ताओं के अनुसार,  ऐसी चिड़िया का जन्म तब होता है, जब नर के दो शुक्राणु मादा के ऐसे अंडे से मिलते हैं, जिसमें दो न्यूक्लियस होते हैं। ऐसी स्थिति में भ्रूण में नर और मादा दोनों के गुणसूत्र आ जाते हैं। ऐसा चिड़ियों में कम ही होता है। लगभग 64 वर्ष पूर्व अमेरिका के पाउडरमिल एविएशन रिसर्च सेंटर में ऐसा मामला सामने आया था। यह चिड़िया उत्तरी अमेरिका में पाई जाती है। यदि यह प्रवास करती है तो मैक्सिको और दक्षिणी अमेरिका में भी पहुँच जाती है। यह चिड़िया कार्डिनल परिवार से संबंधित है। वैज्ञानिकों के अनुसार, आमतौर पर चिड़ियों में दाहिने हिस्से वाली ओवरी ही सक्रिय होती है। इस चिड़िया में भी दाहिना हिस्सा ही मादा वाला है। इसलिये यह अंडे भी दे सकती है और प्रजनन भी कर सकती है।