Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 13 नवंबर, 2020 | 13 Nov 2020

ऑयल पाम परियोजना

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऑयल पाम परियोजना (Oil Palm Project) की शुरुआत की है, जो कि राज्य में झूम खेती (Jhum Cultivation) का विकल्प हो सकती है। ऑयल पाम की बागवानी उष्ण क्षेत्र के लिये काफी उपयुक्त है और राज्‍य सरकार ने पाम ऑयल की खेती के लिये चंदेल, चूड़ाचाँदपुर, इम्फाल पश्चिम, विष्णुपुर, उखरूल और थाउबल ज़िलों में 66,652 हेक्‍टेयर भूमि का चयन किया है। राज्‍य सरकार ने शुरू में 200 हेक्टेयर भूमि पर पाम ऑयल की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया है और इसके लिये केंद्र सरकार की सहायता से मिज़ोरम तथा आंध्र प्रदेश से बीज की खरीद की जाएगी। ध्यातव्य है कि राज्य में इस परियोजना को तिलहन और पाम तेल पर राष्ट्रीय मिशन के तहत लागू किया जा रहा है। केंद्र सरकार के तिलहन और पाम तेल पर राष्ट्रीय मिशन का उद्देश्य खाद्य तेलों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही अन्य देशों को निर्यात करना भी है। ध्यातव्य है कि भारत पाम ऑयल का सबसे बड़ा उपभोक्ता एवं आयातक है। भारत में पाम ऑयल की खपत वर्ष 2001 के 3 मिलियन टन से बढ़कर वर्तमान में लगभग 10 मिलियन टन हो गई है।

राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस

13 नवंबर, 2020 को देश भर में 5वें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया गया। भारत में प्रत्येक वर्ष धनवंतरी जयंती (धनतेरस) के अवसर पर राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत वर्ष 2016 में आयुष मंत्रालय द्वारा की गई थी। इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य वर्तमान पीढ़ी में आयुर्वेद के प्रति जागरूकता पैदा करना और समाज में चिकित्सा के आयुर्वेदिक सिद्धांतों को बढ़ावा देना है। इस दिवस को सर्वप्रथम वर्ष 2016 में मनाया गया था। वर्ष 2019 में यह दिवस 25 अक्तूबर को मनाया गया था। वर्ष 2020 के लिये राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस की थीम ‘कोविड-19 के लिये आयुर्वेद ‘ (Ayurveda for Covid-19) रखी गई है। ध्यातव्य है कि आयुर्वेद प्राचीन भारतीय प्राकृतिक और समग्र वैद्य-शास्त्र चिकित्सा पद्धति है। संस्कृत भाषा में आयुर्वेद का अर्थ है ‘जीवन का विज्ञान’ (संस्कृत मे मूल शब्द आयुर का अर्थ होता है ‘दीर्घ आयु’ या आयु और वेद का अर्थ ‘विज्ञान’ से है।

विश्व निमोनिया दिवस

प्रत्येक वर्ष 12 नवंबर को वैश्विक स्तर पर विश्व निमोनिया दिवस (World Pneumonia Day) का आयोजन किया जाता है। इस दिवस की शुरुआत सर्वप्रथम वर्ष 2009 में ‘ग्लोबल कोएलिशन अगेंस्ट चाइल्ड निमोनिया’ द्वारा निमोनिया के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से की गई थी। निमोनिया फेफड़ों में एक गंभीर संक्रमण की स्थिति है, जो कि बैक्टीरिया के कारण होता है। चूँकि निमोनिया फेफड़ों का संक्रमण है, इसलिये इसके सबसे आम लक्षण खाँसी, साँस लेने में परेशानी और बुखार हैं। निमोनिया से पीड़ित बच्चों में तेज साँस लेने जैसे लक्षण पाए जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, निमोनिया के कारण वैश्विक स्तर पर 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की सबसे अधिक मृत्यु होती है।

ऑस्ट्रेलिया-भारत जल केंद्र

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान- गुवाहाटी (IIT-G) और यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न सिडनी ने संयुक्त तौर पर ऑस्ट्रेलिया-भारत जल केंद्र का शुभारंभ किया है। ऑस्ट्रेलिया-भारत जल केंद्र, ऑस्ट्रेलियाई और भारतीय भागीदारों को जल संरक्षण के क्षेत्र में अवसरों का पता लगाने और अनुसंधान तथा शिक्षा के क्षेत्र में दीर्घकालिक सहयोग स्थापित करने में सक्षम बनाएगा। इस केंद्र में मुख्यतः जल अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग स्थापित करने, जल संरक्षण में एक संयुक्त मास्टर स्तर का प्रोग्राम शुरू करने, कार्यशालाओं का आयोजन और सरकारी एजेंसियों तथा अन्य प्रतिभागियों को जल संरक्षण के क्षेत्र में अल्पकालिक प्रशिक्षण प्रदान करने का कार्य किया जाएगा।