Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 10-अगस्त, 2022 | 10 Aug 2022

22वें राष्ट्रमंडल खेल संपन्न  

राष्‍ट्रमंडल खेलों के अंतिम दिन 08 अगस्त को भारत ने चार स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीता। 22वें राष्‍ट्रमंडल खेलों का आयोजन 28 जुलाई से 8 अगस्त, 2022 तक बर्मिंघम (इंग्लैंड) में किया गया और 08 अगस्त, 2022 को भव्‍य समारोह के साथ समापन हुआ। 11 दिन तक चले इस आयोजन में 72 देशों के पाँच हज़ार से अधिक खिलाडि़यों ने भाग लिया। समापन समारोह की शुरुआत सोहिल ओशन कलर सीन की संगीतमय प्रस्‍तुति के साथ हुई। राष्‍ट्रीय ध्‍वज के साथ भारतीय दल का नेतृत्‍व मुक्‍केबाज़ निकहत ज़रीन और टेबिल टेनिस खिलाडी अचंता शरत कमल ने किया। बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने महिला एकल का खिताब अपने नाम किया, जबकि लक्ष्‍यसेन ने पुरुष एकल में विजय प्राप्‍त की। पुरुष युगल मुकाबले में चिराग शेट्टी तथा सात्विकसाईराज रनकीरेड्डी ने तीसरा स्‍वर्ण पदक दिलाया। टेबल टेनिस में अचंता शरत कमल ने स्‍वर्ण पदक हासिल किया, जबकि जी. साथियान ने पुरुष एकल का कांस्‍य पदक जीता। पुरुष हॉकी में भारतीय टीम को रजत पदक मिला। समापन के बाद राष्‍ट्रमंडल खेल संघ का ध्‍वज ऑस्‍ट्रेलिया के विक्‍टोरिया प्रांत को सौंप दिया गया। विक्‍टोरिया प्रांत वर्ष 2026 में अगले राष्‍ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी करेगा। भारत 22 स्‍वर्ण, 16 रजत और 23 कांस्‍य पदक समेत कुल 61 पदक जीतकर चौथे स्‍थान पर रहा। भारत की पदक तालिका में कुश्‍ती का सर्वाधिक योगदान रहा। भारतीय पहलवानों ने 6 स्‍वर्ण पदक सहित 12 पदक जीते, भारोत्‍तोलन में 10 पदक मिले। ऑस्‍ट्रेलिया 67 स्‍वर्ण, 57 रजत और 54 कांस्‍य पदक सहित कुल 178 पदक जीतकर पदक तालिका में सबसे ऊपर रहा, जबकि मेज़बान इंग्‍लैंड 175 पदक के साथ दूसरे स्‍थान पर रहा।

75वाँ राष्‍ट्रीय स्‍थल: पादांग 

सिंगापुर में 9 अगस्त, 2022 को नेताजी सुभाषचन्‍द्र बोस से जुड़े स्‍थल पादांग को 75वाँ राष्‍ट्रीय स्‍थल घोषित किया गया। पादांग से नेताजी सुभाषचन्‍द्र बोस ने जुलाई 1943 में ‘दिल्ली चलो' का नारा दिया था। सिंगापुर 9 अगस्त, 2022 को अपना 57वाँ राष्‍ट्रीय दिवस मना रहा है। सिंगापुर के राष्‍ट्रीय धरोहर बोर्ड ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि सुदृढ़ राष्‍ट्रीय, ऐतिहासिक और सामाजिक महत्त्व के कारण पादांग को स्‍थल संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत उच्‍च स्‍तर का संरक्षण प्रदान किया जाएगा। इसके लिये अधिसूचना जारी कर दी गई है। पादांग का सिंगापुर में रह रहे भारतीय समुदाय के लिये विशेष महत्त्व है। यहाँ पर भारतीय सिपाहियों ने अपना पहला शिविर स्‍थापित किया था। इस स्‍थल से नेताजी ने आज़ाद हिन्‍द फौज के हज़ारों सिपाहियों को कई बार संबोधित किया। युद्ध के बाद नेताजी ने पादांग के दक्षिण में आज़ाद हिन्‍द फौज स्‍मारक स्‍थल स्‍थापित किया था। रास बिहारी बोस के निमंत्रण पर सुभाष चंद्र बोस 13 जून, 1943 को पूर्वी एशिया आए। उन्हें इंडियन इंडिपेंडेंस लीग का अध्यक्ष पद तथा इंडियन नेशनल आर्मी (INA) जिसे लोकप्रिय रूप से 'आज़ाद हिंद फौज' कहा जाता है, की कमान सौंपी गई। INA का गठन पहली बार मोहन सिंह और जापानी मेजर इवाइची फुजिवारा द्वारा किया गया था, इसमें मलय (वर्तमान मलेशिया) अभियान एवं सिंगापुर में जापान द्वारा बंदी बनाए गए ब्रिटिश-भारतीय सेना के सैनिक शामिल थे।

इथेनॉल संयंत्र  

10 अगस्त, 2022 को प्रधानमंत्री हरियाणा के पानीपत में दूसरी पीढ़ी के इथेनॉल संयंत्र का वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्‍यम से लोकार्पण करेंगे। यह संयंत्र देश में जैव ईंधन के उत्‍पादन और उपयोग को बढ़ावा देने के सरकार के विभिन्न उपायों के अनुकूल है जो ऊर्जा क्षेत्र को अधिक सुलभ, सक्षम एवं कुशल बनाने के प्रयासों  के अनुरूप है। दूसरी पीढ़ी के इस इथेनॉल संयंत्र का निर्माण भारतीय तेल निगम लिमिटेड ने 900 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से किया है। यह परियोजना ‘कचरे से कंचन’ उत्‍पादित करने के भारत के प्रयासों में एक नया अध्‍याय जोड़ेगी। इसके तहत लगभग दो लाख टन पराली से प्रतिवर्ष तीन करोड़ लीटर इथेनॉल बनाया जा सकेगा और लगभग तीन लाख टन कार्बन डाईऑक्‍साइड के बराबर ग्रीन हाऊस गैसों का उत्‍सर्जन कम करने में भी मदद मिलेगी। इथेनॉल  प्रमुख जैव ईंधनों में से एक है, जो प्रकृतिक रूप से खमीर अथवा एथिलीन हाइड्रेशन जैसी पेट्रोकेमिकल प्रक्रियाओं के माध्यम से शर्करा के किण्वन द्वारा उत्पन्न होता है। इथेनॉल को गैसोलीन में मिलाकर यह कार चलाने के लिये आवश्यक पेट्रोल की मात्रा को कम कर सकता है जिससे आयातित महंँगे और प्रदूषणकारी पेट्रोलियम पर निर्भरता को कम किया जा सकता है। इथेनॉल अपेक्षाकृत निम्न प्रदूषणकारी ईंधन है जो पेट्रोल की तुलना में कम लागत पर समान दक्षता प्रदान करता है।