Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 07 सितंबर, 2020 | 07 Sep 2020

स्वदेशी हाइपरसोनिक टेक्‍नोलॉजी डिमोनस्‍ट्रेटर व्‍हीकल

ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम परीक्षण रेंज में हाइपरसोनिक तकनीक का सफलतापूर्वक परीक्षण करने के पश्चात् अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत ऐसा करना वाला चौथा देश बन गया है। गौरतलब है कि यह स्वदेशी तकनीक ध्वनि की गति से छह गुना तेज़ रफ्तार से यात्रा करने वाली मिसाइलों के विकास की ओर मार्ग प्रशस्त करेगी। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) मानव रहित स्क्रैमजेट प्रदर्शन विमान है। भविष्य की लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों के लिये उपयोग होने के अलावा इस प्रौद्योगिकी के कई अन्य अनुप्रयोग भी हैं। इसका उपयोग कम लागत पर उपग्रहों को लॉन्च करने के उद्देश्य से भी किया जा सकता है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोनट्रेटर व्‍हीकल (HSTDV) के सफल परीक्षण के लिये रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन को बधाई देते हुए बताया कि इस व्‍हीकल में स्‍वदेश में विकसित स्क्रैमजेट प्रोपल्शन प्रणाली का उपयोग किया गया है। 

इंटरनेशनल डे ऑफ क्‍लीन एयर फॉर ब्‍लू स्‍काई

07 सितंबर, 2020 को पहली बार विश्व भर में इंटरनेशनल डे ऑफ क्‍लीन एयर फॉर ब्‍लू स्‍काई (International Day of Clean Air for Blue Skies) का आयोजन किया गया। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य सभी स्तरों यथा- व्यक्ति, समुदाय, निगम और सरकार आदि पर इस संबंध में जन जागरूकता बढ़ाना है कि स्वच्छ हवा, स्वास्थ्य, उत्पादकता, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण की दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण है। साथ ही इस दिवस का उद्देश्य वायु गुणवत्ता जैसे महत्त्वपूर्ण विषय पर कार्य करने वाले विविध अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों को एक साथ लाने के लिये एक रणनीतिक गठबंधन तैयार करना भी है, ताकि प्रभावी वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिये राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोणों को गति मिल सके। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने 74वें सत्र के दौरान 19 दिसंबर, 2019 को इंटरनेशनल डे ऑफ क्‍लीन एयर फॉर ब्‍लू स्‍काई आयोजित करने का संकल्प अपनाया था। 

खादी अगरबत्ती आत्मनिर्भर मिशन

सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, केंद्र सरकार ने खादी अगरबत्ती आत्मनिर्भर मिशन (Khadi Agarbatti Aatmanirbhar Mission) के विस्तार की योजना बनाई है। गौरतलब है कि इसी वर्ष 30 जुलाई को लागू हुए इस कार्यक्रम में अब तक केवल निजी अगरबत्ती निर्माताओं के माध्यम से कारीगरों को स्वचालित अगरबत्ती बनाने की मशीन और पाउडर मिक्सिंग मशीन उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा था, किंतु अब इस मिशन के तहत अगरबत्ती उत्पादन के अन्य पक्षों जैसे इनपुट और कच्चे माल की आपूर्ति सुनिश्चित करने आदि पर भी ध्यान दिया जाएगा। खादी अगरबत्ती आत्मनिर्भर मिशन (KAAM) के रूप में नामित इस कार्यक्रम का उद्देश्य पूरे देश में बेरोज़गार और प्रवासी श्रमिकों के लिये रोज़गार पैदा करना है, साथ ही इससे घरेलू अगरबत्ती उत्पादन में काफी वृद्धि होगी। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने खादी अगरबत्ती आत्मनिर्भर मिशन (KAAM) कार्यक्रम को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत डिज़ाइन किया है। आँकड़ों के अनुसार, देश में अगरबत्ती की वर्तमान खपत लगभग 1,490 मीट्रिक टन प्रतिदिन है। फिर भी भारत में अगरबत्ती का उत्पादन प्रतिदिन सिर्फ 760 मीट्रिक टन ही होता है। मांग और पूर्ति के बीच के इस अंतर को चीन तथा वियतनाम से आयात के माध्यम से पूरा किया जाता है।

जॉनी बक्शी

05 सितंबर, 2020 को दिग्गज फिल्म निर्माता जॉनी बक्शी (Johnny Bakshi) का 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। जॉनी बख्शी ने मुख्य रूप से फिल्मों का निर्माण किया और उन्हें रावण (1984), फिर तेरी कहानी याद आई (1993) तथा मंज़िलें और भी हैं (1974) जैसी फिल्मों के लिये एक निर्माता के तौर पर उनकी भूमिका को याद किया जाता है। निर्देशक के तौर पर उन्होंने कुल दो फिल्मों- वर्ष 1992 की डाकू और पुलिस तथा वर्ष 1994 की खुदाई, में कार्य किया। वर्ष 1938 में जन्मे जॉनी बक्शी ने हार-जीत (1990) और पापा कहते हैं (1996) जैसी फिल्मों में अभिनय भी किया किया था, हालाँकि अभिनय के क्षेत्र में उन्हें इतनी सफलता नहीं मिल सकी जितनी उन्हें एक फिल्मी निर्माता के तौर पर मिली।