Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 03 मई, 2023 | 03 May 2023

स्टारबेरी-सेंस का सफल परीक्षण लॉन्च

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation- ISRO/इसरो) ने हाल ही में PSLV ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल (POEM) पर लगे स्टारबेरी-सेंस (StarBerrySense) नामक कम लागत वाले स्टार सेंसर को लॉन्च किया, जिसने अपने पहले अंतरिक्ष परीक्षण के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया है। स्टारबेरी-सेंस एक कम लागत वाला सेंसर है जिसे किसी अंतरिक्षयान के दृश्य क्षेत्र में तारों की पहचान करके उसके उन्मुखीकरण की त्वरित गणना करने हेतु डिज़ाइन किया गया है। भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (Indian Institute of Astrophysics- IIA) में स्पेस पेलोड्स ग्रुप द्वारा विकसित StarBerrySense रास्पबेरी पाई मिनीकंप्यूटर के तहत बनाया गया है, जो लागत प्रभावी एवं निर्माण में सरल है। POEM इसरो की एक अद्वितीय पहल है जो वैज्ञानिक प्रयोगों हेतु PSLV के चौथे चरण का उपयोग कक्षीय मंच के रूप में करता है। स्टारबेरी-सेंस परीक्षण के प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चलता है कि यह अंतरिक्ष में कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए अपेक्षित रूप से कार्य कर रहा है, जो निर्दिष्ट दिशा का सटीक आकलन करने में सक्षम इमेजिंग उपकरण तथा ऑनबोर्ड सॉफ्टवेर के साथ काम कर रहा है।

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युगांडा ने LGBTQ विरोधी विधेयक पारित किया

युगांडा की संसद ने विश्व के सबसे सख्त LGBTQ विरोधी विधेयकों में से एक पारित कर दिया है जिसमें अंतर्राष्ट्रीय आलोचना के बावजूद सबसे कठोर उपायों को बरकरार रखा गया है। इस कानून में तथाकथित "गंभीर समलैंगिकता" के लिये मौत की सज़ा और समलैंगिकता को बढ़ावा देने के लिये 20 वर्षों की सज़ा के प्रावधान शामिल हैं। मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं का कहना है कि इस कानून के अनुसार LGBTQ नागरिक समुदायों की वकालत करना भी अपराध माना जा सकता है। विधेयक में समलैंगिक लोगों के "पुनर्वास" के उपाय भी शामिल हैं। इस कानून में संशोधन किया गया ताकि लोगों को समलैंगिक गतिविधि के विषय में तभी सूचित करने की आवश्यकता है जब इसमें कोई अल्पव्यस्क शामिल हो, केवल LGBTQ समुदाय के सदस्य के रूप में पहचान किया जाना अवैध नहीं है। हालाँकि कार्यकर्त्ताओं ने इस संशोधन को "बेकार" कहकर खारिज कर दिया है। इस विधेयक को अब राष्ट्रपति की मंज़ूरी मिलना शेष है।

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राष्ट्रीय विनिर्माण नवाचार सर्वेक्षण

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित राष्ट्रीय विनिर्माण नवाचार सर्वेक्षण (NMIS) वर्ष 2021-22 के अनुसार, कर्नाटक भारत में सबसे नवीन राज्य के रूप में उभरा है। सर्वेक्षण में पाया गया कि तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु में नवोन्मेषी व्यवसायों की हिस्सेदारी सबसे अधिक थी, जबकि ओडिशा, बिहार और झारखंड की हिस्सेदारी सबसे कम थी। सर्वेक्षण ने विनिर्माण व्यवसायों में नवाचार प्रक्रियाओं, परिणामों एवं बाधाओं की जाँच की तथा नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का भी अध्ययन किया जो इन व्यवसायों में नवाचार परिणामों को प्रभावित करता है। अध्ययन से पता चला है कि सर्वेक्षण में शामिल लगभग तीन-चौथाई व्यवसायों ने वित्तीय वर्ष 2017-2020 की सर्वेक्षण अवधि के दौरान कोई नवीन उत्पाद या व्यवसाय प्रक्रिया हेतु नवाचार नहीं किया। नवाचार के लिये सबसे बड़ी बाधाएँ आंतरिक धन की कमी, उच्च नवाचार लागत और बाहरी स्रोतों से वित्तपोषण की कमी थी।

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बिहान मेला

बिहान मेला ओडिशा में कोंध जनजाति द्वारा मनाया जाने वाला बीज उत्सव है। किसानों द्वारा खरीफ फसलों, जिसमें धान, बाजरा, मक्का और ज्वार की संकर तथा देशी किस्में शामिल हैं, की कटाई के साथ ही इस उत्सव की तैयारी शुरू हो जाती है। महिलाएँ इस त्योहार का संचालन करती हैं एवं सावधानी पूर्वक स्वदेशी किस्मों के बीजों को इकट्ठा कर उन्हें मिट्टी के बर्तनों में जमा करती हैं। इसके बाद दिसंबर में एक निर्दिष्ट दिन वे इन बर्तनों को लाल और सफेद रूपांकनों से सजाकर एक बाँस की टोकरी में रखती हैं तथा इसे सिर पर रखकर उस गाँव में ले जाती हैं जहाँ मेले का आयोजन किया जाना है। इस दौरान ढोल और अन्य पारंपरिक वाद्य यंत्र बजाते हुए पुरुष भी शामिल होते हैं।

हरित क्रांति के बाद क्षेत्र के किसानों ने देशी फसलों और किस्मों को उगाना छोड़ दिया है जो स्वाभाविक रूप से कीटों के लिये प्रतिरोधी हैं तथा क्षेत्र की जलवायु के लिये अनुकूल हैं, इस प्रकार किसानों को मिश्रित फसल जैसी खेती के अपने पारंपरिक तरीकों पर लौटने में मदद करने हेतु बीज उत्सव की शुरुआत की गई थी। स्वदेशी बीजों तक पहुँच को आसान बनाने के लिये एक बीज बैंक की भी स्थापना की गई है जो एक साधारण सिद्धांत पर काम करता है: कोंध जनजातीय गाँवों से स्वदेशी बीजों को इकट्ठा और संरक्षित करना तथा उन्हें किसानों को उधार स्वरूप उपलब्ध कराना। यह बैंक सभी कोंध किसानों को सेवा प्रदान करता है। कोंध (अनुसूचित जनजाति) ओडिशा राज्य का सबसे बड़ा जनजातीय समूह है। यह समूह प्रकृति के साथ सद्भाव पर केंद्रित अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, साहसी मार्शल परंपराओं और स्वदेशी मूल्यों के लिये जाना जाता है। कोंध लोग कुई भाषा (Kui Language) बोलते हैं, यह उड़िया लिपि में लिखी जाती है।