Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 02 मई, 2022 | 02 May 2022

अंतर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञान दिवस

विश्व भर में प्रतिवर्ष दो बार ‘अंतर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञान दिवस’ का आयोजन किया जाता है। पहला 2 मई को, जबकि दूसरा 26 सितंबर को। इस दिवस के अवसर पर विभिन्न संग्रहालयों और खगोलीय संस्थानों द्वारा खगोल विज्ञान के संबंध में जागरूकता फैलाने के लिये सेमिनार, कार्यशालाओं और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। वर्ष 1973 में उत्तरी कैलिफोर्निया के खगोलीय संघ के अध्यक्ष ‘डौग बर्जर’ ने पहले खगोल विज्ञान दिवस का आयोजन किया था। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य आम जनमानस को खगोल विज्ञान के महत्त्व और संपूर्ण ब्रह्मांड के संबंध में जागरूक करना है तथा उन्हें इसके प्रति रुचि विकसित करने में मदद करना है। खगोल विज्ञान का अध्ययन बीते लगभग 5,000 वर्षों से प्रचलित है और इसे संबद्ध विज्ञान शाखाओं में सबसे पुराना माना जाता है। वर्ष 1608 में टेलीस्कोप के आविष्कार के बाद ब्रह्मांड के रहस्य को जानने में खलोग विज्ञान का महत्त्व और भी अधिक बढ़ गया। समय के साथ-साथ बीते कुछ दशकों में प्रौद्योगिकी ने महत्त्वपूर्ण वृद्धि की है एवं कई सिद्धांत एवं अवलोकन प्रस्तुत किये गए हैं, जिससे खगोल विज्ञान और अधिक प्रगति कर रहा है।

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस

प्रत्येक वर्ष विश्व भर में 3 मई को ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस’ मनाया जाता है। विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का उद्देश्य प्रेस और मीडिया की आज़ादी के महत्त्व के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है। एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रेस को लोकतंत्र का 'चौथा स्तंभ' माना जाता है। सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने और प्रशासन तक आम लोगों की आवाज़ को पहुँचाने में प्रेस/मीडिया की काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। ऐसे में मीडिया की स्वतंत्रता इसके लिये कुशलतापूर्वक कार्य करने हेतु अत्यंत आवश्यक मानी जाती है। यूनेस्को की जनरल काॅन्फ्रेंस की सिफारिश के बाद दिसंबर 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की घोषणा की थी। ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस’ (3 मई) ‘विंडहोक’ (Windhoek) घोषणा की वर्षगांँठ को चिह्नित करता है। वर्ष 1991 की ‘विंडहोक  घोषणा’ एक मुक्त, स्वतंत्र और बहुलवादी प्रेस के विकास से संबंधित है। इस वर्ष विश्व प्रेस दिवस की थीम ‘इनफाॅॅर्मेशन एज़ ए पब्लिक गुड’ है। यह विषय प्रेस द्वारा प्रचारित महत्त्वपूर्ण सूचना को लोकहित के रूप में देखने पर ज़ोर देती है।

एकीकृत सड़क दुर्घटना डाटाबेस प्रोजेक्ट

हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा एक केंद्रीय दुर्घटना डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली (Central Accident Database Management System) शुरू की गई है जो भारत में इस तरह की दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से सड़क दुर्घटनाओं के कारणों का विश्लेषण एवं सुरक्षा उपायों को विकसित करने में मददगार साबित होगी। इस प्रणाली का नाम एकीकृत सड़क दुर्घटना डाटाबेस प्रोजेक्ट (Integrated Road Accident Database-IRAD) है। यह सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की एक पहल है जिसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-मद्रास (IIT-M) द्वारा विकसित किया गया है। इस प्रणाली को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है। इस  परियोजना की कुल लागत 258 करोड़ रुपए है तथा यह विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित है। प्रणाली को फरवरी 2022 में 6 राज्यों के 59 ज़िलों में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है, ये हैं- मध्य प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु। हाल ही में इस प्रोजेक्ट को चंडीगढ़ में भी लॉन्च किया गया है।

अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस

प्रत्येक वर्ष विश्व के कई हिस्सों में 1 मई को ‘मई दिवस’ (May Day) अथवा ‘अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस नए समाज के निर्माण में श्रमिक और उनके योगदान के रूप में मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी है जो अंतर्राष्ट्रीय श्रम मानकों को स्थापित करने की दिशा में काम करती है। भारत में 1 मई, 1923 को पहली बार चेन्नई (तत्कालीन मद्रास) में मज़दूर दिवस का आयोजन किया गया। यह पहल सर्वप्रथम हिंदुस्तान की ‘लेबर किसान पार्टी’ के प्रमुख सिंगारावेलु द्वारा की गई थी। लेबर किसान पार्टी के प्रमुख मलयपुरम सिंगारावेलु चेट्टियार ने इस अवसर पर दो बैठकों का आयोजन किया। इन बैठकों में सिंगारावेलु ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया था कि ब्रिटिश सरकार को भारत में मई दिवस या मज़दूर दिवस पर राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा करनी चाहिये। मज़दूर दिवस या मई दिवस को भारत में 'कामगार दिन’, कामगार दिवस और अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस के रूप में भी जाना जाता है। भारतीय संविधान श्रम अधिकारों की सुरक्षा के लिये कई सुरक्षा उपाय प्रदान करता है। ये सुरक्षा उपाय मौलिक अधिकारों और राज्य की नीति के निदेशक सिद्धांत के रूप में हैं।