Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 02 मार्च, 2022 | 02 Mar 2022

राष्ट्रीय पोलियो टीकाकरण अभियान, 2022

हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय पोलियो टीकाकरण अभियान की शुरुआत (26 फरवरी, 2022 से) की गई है। सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत बच्चों को पहले से कहीं अधिक बीमारियों से बचाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। हाल के दिनों में कई नए टीके पेश किये गए हैं जैसे- न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन (PCV), मीजल्स-रूबेला वैक्सीन (MR), और रोटावायरस वैक्सीन। सरकार ने बच्चों की अतिरिक्त सुरक्षा हेतु टीकाकरण कार्यक्रम में “इंजेक्टेबल इनएक्टिवेटेड पोलियो वैक्सीन” को भी शामिल किया है। वर्ष 1988 में विश्व स्वास्थ्य सभा के प्रस्ताव के बाद वित्तीय वर्ष 1994-95 में भारत में पल्स पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया गया था। इसे ओरल पोलियो वैक्सीन के तहत 100 प्रतिशत कवरेज प्राप्त करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। सघन मिशन इंद्रधनुष 2.0 पल्स पोलियो कार्यक्रम (2019-20) के 25 वर्षों को चिह्नित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया एक राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान था। इसमें 27 राज्यों के कुल 272 ज़िलों में पूर्ण टीकाकरण कवरेज का लक्ष्य रखा गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य वर्ष 2022 तक कम-से-कम 90% अखिल भारतीय टीकाकरण कवरेज के लक्ष्य को हासिल करना है।

भाषा प्रमाणपत्र सेल्फी अभियान 

हाल ही में शिक्षा मंत्रालय द्वारा ‘भाषा प्रमाणपत्र सेल्फी’ अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान को बहुभाषावाद को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक विविधता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है ताकि ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को बढ़ावा दिया जा सके। इस पहल का उद्देश्य ‘भाषा संगम’ (Bhasha Sangam) मोबाइल एप को बढ़ावा देना है जिसे MyGov India और शिक्षा मंत्रालय द्वारा विकसित किया गया है। इस एप का उपयोग कर लोग लगभग 22 अनुसूचित भारतीय भाषाओं में दैनिक उपयोग के 100 से अधिक वाक्य सीख सकते हैं। इस पहल का उद्देश्य यह भी सुनिश्चित करना है कि देश के लोग कई भारतीय भाषाओं में बुनियादी संवाद कौशल प्राप्त करें। बुनियादी संवाद कौशल सीखने वाले 75 लाख लोगों को इस पहल के उद्देश्य को प्राप्त करने के लक्ष्य के रूप में निर्धारित किया गया है। वर्ष 2015 में विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लोगों के बीच जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिये ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ पहल को शुरू किया गया था ताकि विभिन्न संस्कृतियों के लोगों में आपसी समझ और बंधन को बढ़ाया जा सके, जिससे भारत की एकता एवं अखंडता मज़बूत होगी। यह शिक्षा मंत्रालय की एक पहल है।

इमनाती चक्रवात  

हाल ही में मेडागास्कर में एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात ‘इमनाती’ ने कहर बरपाया। इसने मनाकारा के दक्षिण-पूर्वी ज़िले के ठीक उत्तर में लैंडफॉल (Landfall) की स्थिति देखी गई। उष्णकटिबंधीय चक्रवात कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच उत्पन्न होने वाले चक्रवात हैं। इनकी उत्पत्ति उष्णकटिबंधीय सागरीय भागों पर तब होती है जब तापमान 27ºC से अधिक हो। कोरिओलिस बल की उपस्थिति, उर्ध्वाधर पवनों की गति में अंतर कम होना, कमज़ोर निम्न दाब क्षेत्र तथा समुद्र तल पर ऊपरी अपसरण इन चक्रवातों की उत्पत्ति व विकास के लिये अनुकूल स्थितियाँ पैदा करते हैं। अत्यधिक वाष्पीकरण के कारण आर्द्र हवाओं के ऊपर उठने से इनका निर्माण होता है। इन चक्रवातों को ऊर्जा, संघनन की गुप्त उष्मा से मिलती है। इसीलिये इन चक्रवातों का मुख्य प्रभाव तटीय भागों में ही होता है क्योंकि स्थल भाग पर आने पर इनकी ऊर्जा के स्रोत, संघनन की गुप्त उष्मा का ह्रास होता चला जाता है। इस प्रकार के तूफानों को उत्तरी अटलांटिक और पूर्वी प्रशांत में हरिकेन (Hurricanes) तथा दक्षिण-पूर्व एशिया एवं चीन में टाइफून (Typhoons) कहा जाता है। दक्षिण-पश्चिम प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र में इसे उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Tropical Cyclones) एवं उत्तर-पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में विली-विलीज़ ( Willy-Willies) कहा जाता है।