रेडियो टेलीस्कोप | 27 Jun 2023

टेलीस्कोप खगोलविदों के लिये एक अपरिहार्य उपकरण हैं जो आकाशीय पिंडों का निरीक्षण एवं अध्ययन करने में उनकी सहायता करता है।

  • रेडियो टेलीस्कोप विभिन्न प्रकार के टेलीस्कोपों में से एक है जो रेडियो तरंगों की खोज कर ब्रह्मांड के अनसुलझे रहस्यों से पर्दा उठाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

रेडियो टेलीस्कोप:

  • परिचय:
    • रेडियो टेलीस्कोप एक उपकरण है जो आकाश में खगोलीय पिंडों से रेडियो तरंगों का पता लगाता है तथा उनका विश्लेषण करता है।
    • रेडियो तरंगें एक प्रकार की विद्युत चुम्बकीय विकिरण हैं जिनकी तरंग दैर्ध्य लगभग 1 मिलीमीटर से 10 मीटर तक होती है।
      • वे दृश्य प्रकाश को अवरुद्ध करने वाले धूल और गैस के बादलों को भेद सकते हैं, इसलिये रेडियो दूरबीन ब्रह्मांड में अदृश्य संरचनाओं और घटनाओं को प्रकट कर सकते हैं।
  • विशेषताएँ:
    • वे अपने बड़े आकार के कारण आमतौर पर कक्षा के स्थान पर आधार में स्थित होते हैं।
    • इसमें दो मुख्य घटक होते हैं: एक बड़ा एंटीना और एक संवेदनशील रिसीवर।
      • एंटीना आमतौर पर एक परवलयिक डिश होती है जो आने वाली रेडियो तरंगों को एक केंद्र बिंदु पर प्रतिबिंबित और केंद्रित करती है।
      • रिसीवर रेडियो संकेतों को प्रवर्धित और विद्युत संकेतों में परिवर्तित करता है जिन्हें कंप्यूटर द्वारा रिकॉर्ड और विश्लेषित किया जा सकता है।
  • महत्त्व:
    • यह दिन और रात दोनों में कार्य कर सकता है, ऑप्टिकल दूरबीनों के विपरीत, जिन्हें स्पष्ट और अंधेरे आसमान की आवश्यकता होती है।
    • यह उन वस्तुओं का निरीक्षण कर सकता है जो ऑप्टिकल दूरबीनों द्वारा देखे जाने पर बहुत धुँधली दिखाई देती हैं या बहुत दूर हैं, जैसे कि कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड (CMB) विकिरण, पल्सर, क्वासर और ब्लैक होल
    • यह विभिन्न परमाणुओं और अणुओं की वर्णक्रमीय रेखाओं का पता लगाकर अंतर-तारकीय गैस और धूल के बादलों की रासायनिक संरचना तथा भौतिक स्थितियों का अध्ययन कर सकता है।
    • यह रेडियो तरंगों के ध्रुवीकरण का पता लगाकर तारों और आकाशगंगाओं के चुंबकीय क्षेत्र तथा घूर्णन दर को माप सकता है।

नोट:

  • पल्सर (Pulsating Radio Sources) एक अत्यधिक चुंबकीय घूर्णन करने वाला न्यूट्रॉन तारा है जो अपने चुंबकीय ध्रुवों से विद्युत चुंबकीय विकिरण उत्सर्जित करता है।
    • अधिकांश न्यूट्रॉन तारे पल्सर के रूप में देखे जाते हैं।
  • क्वासर (Quasar), दूर स्थित आकाशगंगा (Galaxy) का सबसे चमकदार पिंड है, जिससे रेडियो आवृत्ति पर धारा (Jet) का उत्सर्जन होता है।
    • क्वासर (Quasar) ब्रह्मांड की सबसे चमकीली वस्तुओं में से एक है, इसकी रोशनी इसके आसपास की आकाशगंगा के सभी तारों की तुलना में अधिक होती है। इसकी धारा और हवाएँ उस आकाशगंगा को आकार देने में भी मदद करती हैं जिसमें यह स्थित है।
  • रेडियो टेलीस्कोप के उदाहरण:

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न

प्रश्न. निम्नलिखित पर विचार कीजिये (2008):

कथन (A): रेडियो तरंगें चुंबकीय क्षेत्र में झुकती हैं।

कारण (R): रेडियो तरंगें विद्युत चुंबकीय प्रकृति की होती हैं। (2008)

निम्नलिखित में से कौन-सा सही है?

(a) A और R दोनों व्यक्तिगत रूप से सही हैं और R, A की सही व्याख्या करता है।
(b) A और R दोनों व्यक्तिगत रूप से सही हैं परंतु R, A की सही व्याख्या नहीं करता है।
(c) A सही है परंतु R गलत है।
(d) A गलत है परंतु R सही है।

उत्तर: (a)

प्रश्न. आयनमंडल नामक पृथ्वी के वायुमंडल में एक परत रेडियो संचार की सुविधा प्रदान करती है। क्यों? (2011)

  1. ओज़ोन की उपस्थिति पृथ्वी पर रेडियो तरंगों के प्रतिबिंब का कारण बनती है।
  2. रेडियो तरंगों में बहुत लंबी तरंग दैर्ध्य होती है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन- सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1और न ही 2

उत्तर: (d)

स्रोत: द हिंदू