क्यूआर-कोड आधारित कॉइन वेंडिंग मशीन | 01 Mar 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) क्यूआर-कोड आधारित कॉइन वेंडिंग मशीन (QR-code Based Coin Vending Machine- QCVM) के कामकाज़ का आकलन करने हेतु एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने पर विचार कर रहा है।

  • पायलट प्रोजेक्ट को शुरुआत में देश भर के 12 शहरों में 19 स्थानों पर शुरू करने की योजना है। मशीनों तक सहज पहुँच को ध्यान मे रखते हुए इन्हें विशेष रूप से रेलवे स्टेशन, शॉपिंग मॉल एवं मार्केटप्लेस जैसे सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित किया जाएगा।

QCVM: 

  • कैशलेस कॉइन डिस्पेंसर जिसे QCVM कहा जाता है, एकीकृत भुगतान इंटरफेस का उपयोग कर ग्राहक के बैंक खाते के माध्यम से सिक्का प्रदान करेगा।
  • ग्राहकों के लिये आवश्यक मात्रा और मूल्य वर्ग में सिक्के निकालने का विकल्प उपलब्ध होगा।
  • यह सिक्कों तक पहुँच’ को आसान बनाएगा।
  • QCVM एक नकद-आधारित मानक कॉइन वेंडिंग मशीन के विपरीत बैंक नोट्स प्रदान करने और उनके प्रमाणीकरण की आवश्यकता को समाप्त कर देगा।

QCVM की आवश्यकता: 

  • पहले की मशीनों में कुछ त्रुटियाँ/समस्याएँ थीं जिनसे सिक्के प्राप्त करने के लिये कुछ नकली नोटों का प्रयोग किया जाता था। 
  • सिक्कों की मांग बहुत अधिक है, लेकिन इसका ठीक से वितरण नहीं हो पा रहा है।  
    • RBI के नवीनतम बुलेटिन के अनुसार, रुपए के सिक्कों के मुद्राचलन का कुल मूल्य 30 दिसंबर, 2022 तक 28,857 करोड़ रुपए था, जो कि एक वर्ष पहले की अवधि से 7.2% अधिक है।  
    • इस परिप्रेक्ष्य में भारत में सिक्के 50 पैसे, एक रुपए, दो रुपए, पाँच रुपए, दस रुपए और बीस रुपए मूल्यवर्ग में जारी किये जाते हैं। 50 पैसे तक के सिक्के छोटे सिक्के कहलाते हैं, जबकि एक रुपए और उससे अधिक के सिक्के रुपए के सिक्के कहलाते हैं। 
  • अतः जहाँ इनकी मांग है, वहाँ सिक्के उपलब्ध कराकर सिक्कों की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा सकता है। 
  • वर्तमान में सिक्के प्राप्त करने के लिये व्यक्ति को बैंक शाखा में जाना पड़ता है और सिक्कों के बदले मुद्रा नोटों को देना होता है। 
  • लेकिन QCVM के संदर्भ में UPI क्यूआर-कोड का प्रयोग कर सिक्कों को निकाला जा सकता है और यह राशि सिक्कों को निकालने वाले व्यक्ति के बैंक खाते से डेबिट हो जाएगी। 

स्रोत: द हिंदू