पंजाब के तीन ऐतिहासिक सिख स्थल पवित्र शहर के रूप में घोषित | 25 Nov 2025
पंजाब ने एक प्रस्ताव पारित करके अमृतसर वाल्ड सिटी, आनंदपुर साहिब और तलवंडी साबो को ‘पवित्र शहर’ घोषित किया है। यह निर्णय गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत वर्षगाॅंठ के अवसर पर सांस्कृतिक और शासनिक महत्त्व से एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
- निर्णय के तहत निर्धारित पवित्र क्षेत्रों में शराब, माँस, तंबाकू और अन्य मादक पदार्थों की बिक्री तथा उपभोग पर प्रतिबंध लगाया गया है। ये स्थल सिख इतिहास में धार्मिक महत्त्व रखते हैं और पाँच तख्तों में से तीन यहीं में स्थित हैं।
- तख्त: जिसका अर्थ है सिंहासन, सिखों के लिये सांसारिक आध्यात्मिक केंद्र सीट है। पाँच सिख तख्त हैं- तीन पंजाब में, एक महाराष्ट्र में और एक बिहार में।
- अकाल तख्त (अमृतसर, पंजाब): वर्ष 1606 में गुरु हरगोबिंद द्वारा स्थापित। यह सिख सर्वोच्च अधिकार का केंद्र है और मीरी (सांसारिक शक्ति) तथा पीरी (आध्यात्मिक शक्ति) के संगम का प्रतीक है।
- तख्त श्री केशगढ़ साहिब (आनंदपुर साहिब, पंजाब): वह स्थान जहाँ वर्ष 1699 में खालसा बनाया गया था।
- तख्त श्री दमदमा साहिब (तलवंडी साबो, पंजाब): जहाँ गुरु गोबिंद सिंह ने सिख धर्मग्रंथ को अंतिम रूप दिया था।
- तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब (पटना, बिहार): गुरु गोबिंद सिंह का जन्मस्थान।
- तख्त सचखंड श्री हजूर साहिब (नांदेड़, महाराष्ट्र): वर्ष 1708 में गुरु गोबिंद सिंह के अंतिम दिन और उनके अंत्येष्टि स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।
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