प्रीलिम्स फैक्ट्स: 31 मार्च, 2020 | 31 Mar 2020

अर्थ ऑवर-2020

Earth Hour-2020

विश्व भर में प्रतिवर्ष मार्च के अंतिम सप्ताह में मनाये जाने वाले अर्थ ऑवर (Earth Hour) को इस वर्ष 28 मार्च, 2020 को मनाया गया।

Earth-Hour

थीम:

  • इस वर्ष के अर्थ ऑवर का थीम ‘जलवायु परिवर्तन एवं सतत् विकास’ (Climate Change and Sustainable Development) है।

उद्देश्य:

  • इस कार्यक्रम का प्राथमिक उद्देश्य लोगों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति जागरूक करना तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु ऊर्जा संरक्षण के लिये गैर-जरूरी प्रकाश के उपयोग से बचने के लिये प्रोत्साहित करना है।

आयोजित किया जाता है?

  • इसे विश्व वन्यजीव कोष (World Wildlife Fund- WWF) द्वारा आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम को पहली बार वर्ष 2007 में सिडनी (ऑस्ट्रेलिया) में मनाया गया था।

मुख्य बिंदु:

  • अर्थ आवर एक अंतर्राष्ट्रीय पहल है जिसके तहत लोगों, सरकारी कार्यालयों एवं शहरी केंद्रों को पर्यावरण संरक्षण हेतु एक प्रतीक के रूप में घंटे भर (स्थानीय समयानुसार रात 8:30 से रात 9:30 तक) के लिये गैर-आवश्यक रोशनी बंद करने की आवश्यकता होती है।
  • वैश्विक महामारी COVID-19 के मद्देनज़र दुनिया भर के राष्ट्रों द्वारा लाकडाउन किये जाने के कारण इस वर्ष अर्थ आवर से संबंधित सभी कार्यक्रम डिजिटल तरीके से आयोजित किये गए।
  • वर्ष 2019 में वैश्विक स्तर पर 180 देशों की भागीदारी के साथ अर्थ आवर अब एक अग्रणी पर्यावरण संरक्षण आंदोलन बन गया है।

पोर्टेबल यूवी सैनिटाइज़र

Portable UV sanitiser

हाल ही में आईआईटी बॉम्बे के इंडस्ट्रियल डिज़ाइन सेंटर (IDC) ने एक पोर्टेबल यूवी सैनिटाइज़र (UV Sanitiser) विकसित किया है जो वॉलेट, पर्स एवं अन्य छोटी वस्तुओं को जीवाणुरहित बना सकता है।

Portable-UV-sanitiser

मुख्य बिंदु:

  • इस पोर्टेबल यूवी सैनिटाइज़र को स्टेनलेस स्टील के कंटेनरों एवं एल्यूमीनियम जाल का उपयोग करके बनाया गया है।
  • अभी यह प्रूफ-आफ-कॉन्सेप्ट (Proof-of-Concept) चरण में है और इसे यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (US National Library of Medicine) द्वारा ‘PubMed’ पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के आधार पर तैयार किया गया है।
    • यह अध्ययन इस वर्ष जनवरी 2020 में प्रकाशित हुआ था जो बताता है कि कैसे पराबैंगनी सी लाइट (Ultraviolet- C Light) सार्स कोरोनोवायरस, क्रीमियन-कांगो हेमोर्रजिक फीवर वायरस (Crimean-Congo Hemorrhagic Fever Virus) और निपाह वायरस (Nipah Virus) को निष्क्रिय कर सकती है।

क्रीमियन-कांगो हेमोर्रजिक फीवर वायरस

(Crimean-Congo Hemorrhagic Fever Virus- CCHF Virus):

  • क्रीमियन-कांगो हेमोर्रजिक फीवर (CCHF) एक विषाणुजानित रोग है।
  • CCHF के शुरूआती लक्षणों में बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, उल्टी, दस्त एवं त्वचा से रक्तस्राव शामिल हो सकते हैं।
  • यह वायरस अफ्रीकी देशों, बाल्कन देशों, मध्य पूर्व एवं एशिया में किसी विशेष समय एवं स्थान पर अचानक फैलता है।
  • वर्ष 2013 में ईरान, रूस, तुर्की एवं उज्बेकिस्तान में इस वायरस से कई लोग संक्रमित हुए थे किंतु पहली बार इस वायरस का पता 1940 के दशक में लगाया गया था।

ऑपरेशन नमस्ते

Operation Namaste

28 मार्च, 2020 को भारतीय सेना ने COVID-19 महामारी के खिलाफ भारत सरकार की मदद करने के लिये एंटी COVID-19 अभियान ऑपरेशन नमस्ते (Operation Namaste) लाॅन्च किया।

मुख्य बिंदु:

  • इस ऑपरेशन के तहत सैनिकों को निर्देश दिया गया जहाँ उनकी कोई परिचालन भूमिका नहीं है वे लॉकडाउन का पालन करें एवं फिट रहें और उन्हें आश्वासन दिया गया कि उनके परिवारों का अच्छी तरह से ख्याल रखा जाएगा।
    • ऑपरेशन नमस्ते अभियान के हिस्से के रूप में सेना ने प्रत्येक कमांड के लिये अलग- अलग हेल्पलाइन नंबर जारी किये हैं। इसके अलावा सैनिकों के परिवारों के लिये आपातकालीन स्थिति में नज़दीकी आर्मी कैंप में चिकित्सा सुविधाएँ भी स्थापित की गई हैं।
  • इसके अंतर्गत कोरोनोवायरस प्रभावित देशों से वापस लाए गए 1463 लोगों के लिये मानेसर, जैसलमेर, जोधपुर, चेन्नई, हिंडन एवं मुंबई में अब तक छह क्वारंटाइन सुविधाएँ स्थापित की गई हैं।
    • भारतीय सेना कोलकाता, विशाखापत्तनम, कोच्चि, डंडीगल, बेंगलुरु, कानपुर, जैसलमेर, जोरहाट एवं गोरखपुर में ऐसी और सुविधाएँ स्थापित कर रहे हैं जो आवश्यकता पड़ने पर 72 घंटों के भीतर तैयार हो सकती हैं।
  • देश भर के 28 सशस्त्र बल अस्पतालों को COVID अस्पताल के रूप में चिह्नित किया गया है। इन अस्पतालों में सशस्त्र बल के रोगियों के साथ-साथ राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा स्थानांतरित किये जाने वाले आम रोगी भी शामिल किये जायेंगे।
    • थल सेना, नौसेना और वायु सेना के पाँच अस्पतालों में आरटी-पीसीआर पद्धति (RT-PCR Methodology) का उपयोग करके कोरोनोवायरस परीक्षण किया जा रहा है तथा अन्य अस्पतालों को भी शीघ्र ही विभिन्न संसाधनों से सुसज्जित कर दिया जायेगा।
    • 62 छावनी बोर्डों को अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में बेड की पहचान करने तथा किसी भी परिस्थिति में COVID-19 से संबंधित सुविधाएँ प्रदान करने के निर्देश दिये गए हैं।

गौरतलब है कि इस ऑपरेशन के तहत गोवा में फेस मास्क की आपूर्ति करने के लिये हाल ही में भारतीय नौसेना के इल्युशिन (आईएल) 38 एसडी का उपयोग किया गया था।


केकियांग सूचकांक

Keqiang Index

COVID-19 महामारी के परिदृश्य में चीन के जीडीपी से संबंधित आँकड़े जो विशेषतः केकियांग सूचकांक (Keqiang Index) द्वारा दर्शाए जाते हैं, चर्चा के केंद्र बिंदु में हैं।

मुख्य बिंदु:

  • तीन संकेतकों का उपयोग करके चीनी अर्थव्यवस्था का मूल्यांकन करने के लिये द इकोनामिस्ट (The Economist) द्वारा विकसित किया गया ‘ली केकियांग सूचकांक’ (Li Keqiang Index) या केकियांग सूचकांक (Keqiang Index) एक आर्थिक माप सूचकांक है।

द इकोनामिस्ट (The Economist):

  • द इकोनॉमिस्ट पत्रिका-प्रारूप में छपने वाला एक अंतर्राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र है जो विश्व समाचार, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और राजनीति पर केंद्रित है।
  • इंग्लैंड में स्थित इस समाचार पत्र का स्वामित्त्व इकोनॉमिस्ट ग्रुप (Economist Group) के पास है जिसके उत्तरी अमेरिका, यूरोप, एशिया एवं मध्य-पूर्व के प्रमुख शहरों में संपादकीय कार्यालय हैं।
  • इस सूचकांक में निम्नलिखित तीन विश्वसनीय संकेतकों का उपयोग किया जाता है:
    1. रेलवे कार्गो की क्षमता
    2. बिजली की खपत
    3. बैंकों द्वारा वितरित किया गया ऋण
  • ली केकियांग ने वर्ष 2007 में पूर्वोत्तर चीन के एक तटीय प्रांत लिओनिंग (Liaoning) की आर्थिक वृद्धि मापने के लिये तीन संकेतकों रेलवे कार्गो क्षमता, बिजली की खपत और बैंकों द्वारा वितरित ऋण का इस्तेमाल किया था।
    • ली केकियांग (Li Keqiang) वर्तमान में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (People’s Republic of China) के प्रमुख हैं। ली केकियांग जीडीपी की आधिकारिक आँकड़ों की तुलना में केकियांग सूचकांक को बेहतर आर्थिक संकेतक मानते हैं।
  • ली केकियांग (Li Keqiang) के अनुसार, इन तीन आँकड़ों के आधार पर चीन के आर्थिक विकास की गति को अधिक सटीकता के साथ मापा जा सकता है।