प्रीलिम्स फैक्ट्स: 26 फरवरी, 2020 | 26 Feb 2020

कलसा-बंडूरी नाला प्रोजेक्ट

Kalasa-Banduri Nala Project

महादयी नदी बेसिन पर कलसा-बंडूरी नाला प्रोजेक्ट (Kalasa-Banduri Nala Project) की मौजूदा लागत अंतर-राज्य नदी जल विवाद के कारण लगभग 94 करोड़ रुपए (2000 में) से बढ़कर 1,677.30 करोड़ रुपए (2020 में) हो गई है।

उद्देश्य:

  • इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य कर्नाटक के तीन ज़िलों (बेलगावी, धारवाड़ और गडग) में पेयजल आपूर्ति में सुधार करना है।

Congratulation

मुख्य बिंदु:

  • 1990 के दशक में कर्नाटक सरकार ने राज्य की सीमा के अंदर महादयी नदी से नहरों और बाँधों की शृंखला द्वारा 7.56 TMC (Thousand Million Cubic Feet) पानी मलप्रभा बाँध में लाने के लिये कलसा-बंडूरी नाला प्रोजेक्ट प्रारंभ किया था।
  • मलप्रभा नदी कृष्णा की सहायक नदी है। कलसा और बंडूरी इस परियोजना में प्रस्तावित दो नहरों के नाम हैं। मलप्रभा नदी धारवाड़, बेलगाम और गडग ज़िलों को पेयजल की आपूर्ति करती है।
  • वर्ष 1989 में जब कलसा-बंडूरी नाला प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी तब गोवा राज्य ने इस पर आपत्ति जताई थी।
  • महादयी जल विवाद न्यायाधिकरण की स्थापना वर्ष 2010 में हुई थी। गोवा, कर्नाटक और महाराष्ट्र इस न्यायाधिकरण के पक्षकार हैं।

एसईआरबी महिला उत्कृष्टता पुरस्कार- 2020

SERB Women Excellence Award- 2020

सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (Central Drug Research Institute- CDRI), लखनऊ की एक वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नीति कुमार को एसईआरबी महिला उत्कृष्टता पुरस्कार- 2020 (SERB Women Excellence Award- 2020) के लिये चुना गया है।

मुख्य बिंदु:

  • 28 फरवरी, 2020 को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day- NSD) समारोह के दौरान भारत के राष्ट्रपति द्वारा यह पुरस्कार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस

  • भारत में प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है।

थीम:

  • इस वर्ष के लिये राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम ‘विज्ञान के क्षेत्र में महिलाएँ’ (Women in Science) है।

उद्देश्य:

  • इसका मूल उद्देश्य छात्रों को विज्ञान के प्रति आकर्षित एवं प्रेरित करना तथा लोगों को विज्ञान व वैज्ञानिक उपलब्धियों से अवगत कराना है।
  • 28 फरवरी को रमन प्रभाव (Raman Effect) की खोज के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। इस खोज की घोषणा 28 फरवरी को भारतीय वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकट रमन (Sir CV Raman) ने की थी।

रमन प्रभाव (Raman Effect):

  • रमन प्रभाव के अनुसार, प्रकाश की प्रकृति और स्वभाव में तब परिवर्तन होता है जब वह किसी पारदर्शी माध्यम से गुज़रता है। यह माध्यम ठोस, द्रव और गैसीय, कुछ भी हो सकता है। यह घटना तब घटती है जब माध्यम के अणु प्रकाश ऊर्जा के कणों को प्रकीर्णित कर देते हैं।
  • रमन प्रभाव के लिये सी.वी. रमन को वर्ष 1930 में भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • यह पुरस्कार 40 वर्ष से कम आयु की उन महिला वैज्ञानिकों को दिया जाता है जिन्हें किसी एक या अधिक राष्ट्रीय अकादमियों जैसे- युवा वैज्ञानिक मेडल, युवा एसोसिएट आदि से सम्मानित किया जा चुका हो।

अनुदान:

  • इसके तहत महिला शोधकर्त्ताओं को केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (Science and Engineering Research Board- SERB) द्वारा 3 वर्षों के लिये 5 लाख रुपए प्रतिवर्ष का अनुसंधान अनुदान दिया जाएगा।

अनुसंधान कार्य:

  • डॉ. नीति कुमार का अनुसंधान समूह मलेरिया के निवारण के लिये वैकल्पिक दवा लक्ष्यों की खोज हेतु मानव मलेरिया परजीवी में प्रोटीन गुणवत्ता नियंत्रण मशीनरी को समझने का प्रयास कर रहा है।
  • डॉ. नीति कुमार पहले भी कई सम्मान व पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं। इसमें इनोवेटिव यंग बायोटेक्नोलॉजिस्ट अवार्ड, इंडियन नेशनल साइंस अकादमी द्वारा यंग साइंटिस्ट (2010) के लिये आईएनएसए मेडल, रामलिंगस्वामी फेलोशिप (2013-2018), ईएमबीओ पोस्ट-डॉक्टरल फेलोशिप (2010-2012), अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट फेलोशिप (2010), मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ऑफ बायोकेमिस्ट्री (2009) में मैक्स प्लैंक पोस्ट-डॉक्टरल फेलोशिप व 6वें फ्रेमवर्क प्रोग्राम के तहत यूरोपीय संघ द्वारा मैरी क्यूरी अर्ली रिसर्च फेलोशिप (2005-2006) शामिल हैं।

मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिज़र्व

Mukundara Hills Tiger Reserve

मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिज़र्व (Mukundara Hills Tiger Reserve) राजस्थान के हड़ौती क्षेत्र में स्थित है।

Rajasthan

मुख्य बिंदु:

  • मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिज़र्व राजस्थान के चार ज़िलों- कोटा, बूंदी, चित्तौड़गढ़ और झालावाड़ में फैला हुआ है।
  • यह टाइगर रिज़र्व 759 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इसमें 417 वर्ग किलोमीटर का एक मुख्य क्षेत्र और 342 वर्ग किलोमीटर का एक बफर ज़ोन शामिल है।
  • इसे वर्ष 1955 में संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया था। यहाँ के वन में पेड़ बहुत मोटे और घने हैं।
  • यह टाइगर रिज़र्व चार नदियों रमज़ान, आहू, काली और चंबल से घिरा हुआ है और यह दो समानांतर पहाड़ों मुकुंदरा एवं गगरोला के बीच स्थित है। यह चंबल नदी की सहायक नदियों के अपवाह क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
  • रणथंभौर और सरिस्का टाइगर रिज़र्व के बाद मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिज़र्व राजस्थान का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिज़र्व है।
  • राजस्थान सरकार ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority) के सहयोग से वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत वर्ष 2013 में इसे टाइगर रिज़र्व घोषित किया था।