प्रीलिम्स फैक्ट्स: 24 जून, 2020 | 24 Jun 2020

यूनिसेफ किड पावर

UNICEF Kid Power

6वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) के अवसर पर यूनिसेफ किड पावर (UNICEF Kid Power) ने बच्चों के लिये 13 योगासनों को सूचीबद्ध किया है।

प्रमुख बिंदु:

  • यूनिसेफ किड पावर (UNICEF Kid Power), यूनिसेफ यूएसए (UNICEF USA) की  एक परोपकारी पहल है जो बच्चों को अपनी रोज़मर्रा की गतिविधियों को वास्तविक दुनिया के प्रभावों से जोड़कर जीवन जीने की शक्ति प्रदान करती है।
  • इसे वर्ष 2015 में शुरू किया गया था। यूनिसेफ किड पावर ने कैलिफोर्निया स्थित प्रौद्योगिकी फर्म ‘कैलोरी क्लाउड एवं डिज़ाइन स्टूडियो एम्युनिशन’ (Calorie Cloud And Design Studio Ammunition) की मदद से बच्चों के लिये किड पॉवर बैंड (Kid Power Band) विकसित किया है।
  • ये बैंड बच्चों के एक फिटनेस ट्रैकर ब्रेसलेट के रूप में काम करते हैं जो स्मार्टफोन में एक एप के माध्यम से जुड़े रहते हैं। इस एप के द्वारा उपयोगकर्त्ताओं को एक मिशन पूरा करने के लिये दिया जाता है। जहाँ यह एप उपयोगकर्त्ता के कुल चरणों एवं अवार्ड पॉइंट्स को गिनता है।
  • इन अवार्ड पॉइंट्स के आधार पर ही यूनिसेफ किड पॉवर अपने सहयोगियों से अनुदान प्राप्त करता है जिसे यूनिसेफ द्वारा दुनिया भर में गंभीर कुपोषित बच्चों के लिये उपचारात्मक भोजन (Ready-to-Use Therapeutic Food- RUTF) के पैकेट वितरित करने हेतु उपयोग किया जाता है।  

युक्ति 2.0

YUKTI 2.0

केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री ने 23 जून, 2020 को उच्च शिक्षण संस्थानों में व्यावसायिक क्षमता एवं इनक्यूबेटेड स्टार्टअप से संबंधित सूचनाओं को व्यवस्थित करने में सहायता प्रदान करने के लिये युक्ति 2.0 (YUKTI 2.0) पहल की शुरुआत की।

प्रमुख बिंदु:

  • इससे पहले केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री ने 12 अप्रैल, 2020 को युक्ति (YUKTI- Young India combating COVID with Knowledge, Technology and Innovation) वेब पोर्टल का शुभारंभ किया था। इस पोर्टल का उद्देश्य बहुत ही समग्र एवं व्यापक तरीके से COVID-19 से संबंधित चुनौतियों के विभिन्न आयामों को कवर करना है।
  • युक्ति 2.0 (YUKTI 2.0) पोर्टल के माध्यम से मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों, शिक्षकों एवं शोधकर्त्ताओं को अपनी प्रौद्योगिकियों एवं नवाचारों को आगे बढ़ाने के लिये आवश्यक ज़रूरतों को पूरा करने के लिये उचित सहायता मिल रही है या नहीं। 

तुरंत कस्टम्स के तहत पेपरलेस एक्सपोर्ट्स 

Paperless Exports under Turant Customs

हाल ही में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (Central Board of Indirect Taxes and Customs- CBIC) द्वारा तुरंत कस्टम्स (Turant Customs) कार्यक्रम के तहत पेपरलेस एक्सपोर्ट्स की सुविधा प्रदान की गई।

प्रमुख बिंदु: 

  • ‘तुरंत कस्टम्स’ के तहत केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने एक सुरक्षित क्यूआर कोड आधारित शिपिंग बिल का अनावरण किया जिसे सीमा शुल्क विभाग द्वारा निर्यात की अनुमति देने के बाद निर्यातकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से भेजा जाएगा।
  • इससे निर्यात के प्रमाण के लिये निर्यातकों को सीमा शुल्क अधिकारियों से संपर्क करने की आवश्यकता समाप्त हो गयी है। इसके माध्यम से शिपिंग बिल को जमा करने से लेकर निर्यात-अनुमति के अंतिम आदेश तक सीमा शुल्क निर्यात प्रक्रिया पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक आधारित भी हो गई है। 
  • यह पेपरलेस एक्सपोर्ट्स पहल CBIC द्वारा अपने ‘तुरंतकस्टम्स’ कार्यक्रम के तहत फेसलेस, पेपरलेस एवं कॉन्टैक्टलेस कस्टम्स (Faceless, Paperless and Contactless Customs) की ओर एक अहम कदम है।
    • यह सुधार आयातकों, निर्यातकों एवं अन्य हितधारकों के लिये समय एवं लागत को कम करने के लिये डिजिटल प्रौद्योगिकी के उन्नत उपयोग पर आधारित हैं।
  • निर्यात के लिये पेपरलेस दस्तावेज़ का शुभारंभ 15 अप्रैल, 2020 को आयात के लिये शुरू की पहल की ही अगली कड़ी है।
    • शिपिंग बिल को इलेक्ट्रॉनिक रूप में भेजने से इन दस्तावेज़ों को कागज में प्रस्तुत करने की वर्तमान आवश्यकता दूर हो जाएगी जिससे ग्रीन कस्टम्स को बढ़ावा मिलेगा।
  • CBIC ने बताया कि ‘तुरंत कस्टम्स’ जिसका मुख्य घटक फेसलेस असेसमेंट है, को विभिन्न चरणों में 1 जनवरी, 2021 तक पूरे देश में लागू किया जाएगा।

उत्पादों से संबंधित मूल देश का सूचीकरण

Country of Origin Listings Related to Products

भारत सरकार ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (Union Ministry of Commerce and Industry) के तहत ‘गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस’ (Government e-Marketplace- GeM) पर विक्रेताओं के लिये यह अनिवार्य कर दिया है कि  GeM पर सभी नए उत्पादों को पंजीकृत करने के समय वे उत्पाद से संबंधित मूल देश के बारे में जानकारी अवश्य दें।

प्रमुख बिंदु:

  • उल्लेखनीय है कि GeM में किया गया यह परिवर्तन ‘मेक-इन-इंडिया’ तथा ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की नीतियों के अनुरूप है।
  • GeM प्लेटफॉर्म पर खरीदार अब विभिन्न उत्पादों में स्थानीय सामग्री का कितना प्रतिशत उपयोग किया गया है, को देख सकते हैं।
  • वे स्थानीय सामग्री पर अपनी प्राथमिकताओं से मेल खाने वाले उत्पादों को देखने के लिये GeM प्लेटफॉर्म पर एक नए मेक-इन-इंडिया फिल्टर का भी प्रयोग कर सकते हैं।
  • खरीदार केवल उन्हीं उत्पादों को खरीद सकता है जिसने कम-से-कम 50% वाली स्थानीय सामग्री के मानदंड को पूरा किया हो। 
    • बोलियों के संदर्भ में खरीदार अब Class-1 स्थानीय आपूर्तिकर्त्ताओं (स्थानीय सामग्री > 50%) के लिये किसी भी बोली को आरक्षित कर सकते हैं।
    • 200 करोड़ रुपए से नीचे की बोलियों के लिये केवल Class-1 तथा Class-2 स्थानीय आपूर्तिकर्त्ता (स्थानीय सामग्री क्रमशः > 50% एवं > 20%) ही बोली लगाने के पात्र हैं जिसमें Class-1 आपूर्तिकर्त्ता को खरीद वरीयता दी जाएगी।
  • सरकारी उपयोगकर्त्ताओं द्वारा GeM के माध्यम से खरीद को सामान्य वित्तीय नियम, 2017 (General Financial Rules, 2017) में एक नई नियम संख्या 149 को जोड़कर केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा अधिकृत एवं अनिवार्य कर दिया गया है।