प्रीलिम्स फैक्ट्स: 23 जनवरी, 2020 | 23 Jan 2020

वोल्लेमी पाइन ग्रोव

Wollemi Pine Grove

ऑस्ट्रेलिया में प्रागैतिहासिक काल के वोल्लेमी पाइन ग्रोव (Wollemi Pine Grove) को दावानल से बचाया गया है। ये वृक्ष सिडनी के उत्तर-पश्चिम में वोल्लेमी नेशनल पार्क में मौजूद हैं।

Tree

मुख्य बिंदु:

  • माना जाता है कि जुरासिक काल के दौरान भी वोल्लेमी पाइन का अस्तित्व था और इसका सबसे पुराना जीवाश्म 90 मिलियन वर्ष पुराना है।
  • वोल्लेमी पाइन जिसे वर्ष 1994 से पहले विलुप्त माना जाता था किंतु पर्यावरण संरक्षण मिशन के तहत संदूषण को रोकने के लिये इसे मानव पहुँच से दूर रखा गया था।
  • वोल्लेमी पाइन (वोल्लेमिया नोबिलिस-Wollemia Nobilis) को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature-IUCN) की लाल सूची में अति संकटग्रस्त (Critically Endangered) की श्रेणी में रखा गया है।

वोल्लेमी नेशनल पार्क (Wollemi National Park):

Wollemi-pines

  • वोल्लेमी नेशनल पार्क आस्ट्रेलिया में सिडनी के उत्तर-पश्चिम में स्थित है।
  • वोल्लेमी नेशनल पार्क विश्व का एकमात्र स्थान है जहाँ ये जंगली पेड़ (वोल्लेमी पाइन) पाए जाते हैं। वर्तमान में वोल्लेमी पाइन के 200 से भी कम पेड़ बचे हैं।
  • वोल्लेमी नेशनल पार्क, ग्रेटर ब्लू माउंटेंस एरिया (Greater Blue Mountains Area) का एक हिस्सा है जिसे यूनेस्को ने विश्व विरासत स्थल घोषित किया है।

मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा का राज्य दिवस

Statehood Day of Manipur, Meghalaya and Tripura

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 21 जनवरी को मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा राज्य के राज्य दिवस पर इन राज्यों की परंपराओं और संस्कृतियों की प्रशंसा की।

  • गौरतलब है कि 21 जनवरी, 1972 को ये तीनों राज्य उत्तर-पूर्वी क्षेत्र अधिनियम (पुनर्गठन), 1971 के तहत पूर्ण राज्य बने।

Road-map

मुख्य बिंदु:

  • 15 अगस्त, 1947 से पहले शांतिपूर्ण वार्ताओं के ज़रिये लगभग सभी राज्यों जो भारत की सीमाओं से लगे हुए थे, को भारतीय संघ में लाने का प्रयास किया गया।
  • अधिकांश राज्यों के शासकों ने ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेसन’ नामक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किये जिसका मतलब था कि उन राज्यों ने भारतीय संघ का हिस्सा बनने के लिये अपनी सहमति दे दी है।

भारत में मणिपुर का विलय

  • भारत की आज़ादी से कुछ दिन पहले मणिपुर के महाराजा बोधचंद्र सिंह ने मणिपुर की आंतरिक स्वायत्तता को बनाए रखने के आश्वासन पर भारत सरकार के साथ ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेसन’ पर हस्ताक्षर किये।
  • जून 1948 में जनमत के दबाव में आकर महाराजा बोधचंद्र सिंह ने मणिपुर में चुनाव कराए और मणिपुर राज्य को संवैधानिक राजतंत्र में बदल दिया गया। इस प्रकार मणिपुर सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर चुनाव कराने वाला भारत का पहला भाग था।
  • सितंबर 1949 में भारत सरकार ने मणिपुर की विधानसभा से परामर्श किये बिना महाराजा से एक विलय समझौते पर हस्ताक्षर करवाने में सफलता प्राप्त की।

भारत में त्रिपुरा का विलय

  • 15 नवंबर, 1949 को भारतीय संघ में विलय होने से पहले त्रिपुरा एक रियासत थी।
  • त्रिपुरा रियासत के अंतिम राजा बीर बिक्रम का भारत की आज़ादी से ठीक पहले 17 मई, 1947 को निधन हो गया।
  • उनके निधन के बाद उनके नाबालिग बेटे किर्री बिक्रम मान्निक्य (Kirri Bikram Mannikya) ने त्रिपुरा रियासत की गद्दी संभाली किंतु वह नाबालिग होने के कारण शासन नहीं कर सका, इसलिये उनकी विधवा रानी कंचन प्रभा ने त्रिपुरा के राज-प्रतिनिधि का पद संभाला।
  • रानी कंचन प्रभा ने त्रिपुरा रियासत के भारतीय संघ के साथ विलय में अहम भूमिका निभाई।

भारत में मेघालय का विलय

  • वर्ष 1947 में गारो एवं खासी क्षेत्र के शासकों ने भारतीय संघ में प्रवेश किया।
  • मेघालय, भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में स्थित एक छोटा पहाड़ी राज्य है जो 2 अप्रैल, 1970 को असम राज्य के भीतर एक स्वायत्त राज्य के रूप में अस्तित्व में आया।
  • मेघालय राज्य में संयुक्त रुप से खासी एवं जयंतिया हिल्स और गारो हिल्स ज़िले शामिल थे।

वर्ष 1972 में व्यापक बदलाव:

  • वर्ष 1972 में पूर्वोत्तर भारत के राजनीतिक मानचित्र में व्यापक परिवर्तन आया।
  • इस तरह दो केंद्रशासित प्रदेश मणिपुर और त्रिपुरा एवं उपराज्य मेघालय को राज्य का दर्जा मिला।

प्‍लैटिपस

Platypus

हाल ही में बायोलॉजिकल कंज़र्वेशन पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन के कारण आस्ट्रेलिया में विनाशकारी सूखे की वजह से प्‍लैटिपस (Platypus) विलुप्त होने के कगार पर है।

Platypus

मुख्य बिंदु:

  • प्लैटिपस पूर्वी ऑस्ट्रेलिया और तस्मानिया में पाया जाता है। यह एक स्तनधारी जीव है जो बच्चे को जन्म देने के बजाय अंडे देता है।
  • प्लैटिपस, ओरनिथोरिनचिडे (Ornithorhynchidae) परिवार की एकमात्र जीवित प्रजाति है। हालाँकि जीवाश्म रिकॉर्ड में अन्य संबंधित प्रजातियों का जिक्र किया गया है।
  • यह मोनोट्रेम (Monotreme) की पाँच विलुप्त प्रजातियों में से एक है। मोनोट्रेम जीवित स्तनधारियों के तीन मुख्य समूहों में से एक है इसके दो अन्य समूह हैं- प्लेसेंटल्स (यूथेरिया-Eutheria) और मार्सुपियल्स (मेटाथेरिया-Metatheria)
  • यह एक ज़हरीला स्तनधारी जीव है तथा इसमें इलेक्ट्रोलोकेशन की शक्ति होती है, अर्थात् ये किसी जीव का शिकार उसके पेशी संकुचन द्वारा उत्पन्न विद्युत तरंगों का पता लगाकर करते हैं।
  • इसे अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature-IUCN) की लाल सूची में निकट संकटग्रस्त (Near Threatened) की श्रेणी में रखा गया है।

व्हाइटफ्लाइ

Whitefly

तमिलनाडु के कुछ क्षेत्रों में व्हाइटफ्लाइ (Whitefly) की वजह से नारियल की फसल को नुकसान हो रहा है।

White-fly

मुख्य बिंदु:

  • व्हाइटफ्लाइ (इसे ग्लासहाउस व्हाइटफ्लाइ या ग्रीनहाउस व्हाइटफ्लाइ भी कहा जाता है) एक कीट है जो विश्व के समशीतोष्ण क्षेत्रों में निवास करता है। इसका वैज्ञानिक नाम ट्रायलेरोड्स वेपरारिओरम (Trialeurodes vaporariorum) है।
  • एक वयस्क व्हाइटफ्लाइ की लंबाई 1-2 मिमी. होती है इसके शरीर का रंग हल्का पीला और चार सफेद पंख होते हैं।
  • व्हाइटफ्लाइ, हेमिप्टेरन्स(Hemipterans) हैं जो आम तौर पर पौधे की पत्तियों के नीचे के हिस्से को खाते हैं।
  • गौरतलब है कि भारत में कुल नारियल उत्पादन का लगभग 11% तमिलनाडु के पोलाची क्षेत्र में होता है।

शेखर

Shekhar

राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (National Botanical Research Institute-NBRI) के वैज्ञानिकों ने गुलदाउदी (Chrysanthemum) की एक नई किस्म 'शेखर' (Shekhar) विकसित की है।

Shekhar

मुख्य बिंदु:

  • गुलदाउदी की इस किस्म में दिसंबर के अंत से फरवरी के मध्य तक फूल आते हैं। इसके फूलों का आकार गुंबद की तरह होता है।
  • इस पौधे की लंबाई 60 सेंटीमीटर और व्यास 9-9.5 सेंटीमीटर तक होता है।
  • इस नई किस्म को गामा विकिरण द्वारा उत्परिवर्तन प्रेरण (Mutation Induction) प्रक्रिया से विकसित किया गया है।
  • गुलदाउदी की अन्य प्रमुख देर से खिलने वाली किस्मों में सीएसआईआर-75, आशाकरन, पूजा, वसंतिका, माघी, गौरी और गुलाल शामिल हैं। इन किस्मों में मध्य दिसंबर से फरवरी तक फूल आते हैं।
  • कुंदन, जयंती, हिमांशु और पुखराज सामान्य मौसम के गुलदाउदी की किस्में हैं। इनमें आमतौर पर नवंबर व दिसंबर के बीच फूल आते हैं।
  • इसी तरह गुलदाउदी की कुछ किस्मों (विजय, विजय किरण और एनबीआरआई-कौल) में फूल अक्तूबर के महीने में आते हैं।
  • गुलदाउदी की मुख्य विशेषता यह है कि इसे एक मौसम में दो बार लगाया जा सकता है।
  • गुलदाउदी एक उष्णकटिबंधीय पौधा है किंतु इसे मूल रूप से यूरेशियन क्षेत्र में उगाया गया था।