प्रीलिम्स फैक्ट्स: 20 जून, 2020 | 20 Jun 2020

सत्यभामा

SATYABHAMA

केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री (Union Minister of Coal & Mines) ने 15 जून, 2020 को आत्मनिर्भर भारत अभियान के उद्देश्य को पूरा करने के लिये खान मंत्रालय (Ministry of Mines) की ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रोग्राम स्कीम’ (Science and Technology Programme Scheme) के तहत सत्यभामा (SATYABHAMA) पोर्टल लॉन्च किया।  

प्रमुख बिंदु:

  • सत्यभामा (SATYABHAMA) का पूर्ण रूप ‘Science And Technology Yojana for Aatmanirbhar Bharat in Mining Advancement’ (खनन उन्नति में आत्मनिर्भर भारत के लिये विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी योजना) है।  
  • इस पोर्टल का डिज़ाइन, विकास एवं कार्यान्वयन माइंस इंफॉर्मेटिक्स डिविज़न (Mines Informatics Division) के राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (National Informatics Centre- NIC) द्वारा किया गया है।
  • वर्तमान प्रणाली के विपरीत जहाँ खनन कार्यों से संबंधित अनुसंधान प्रस्ताव वैज्ञानिकों/शोधकर्त्ताओं द्वारा भौतिक रूप से प्रस्तुत किया जाता है वहीं सत्यभामा पोर्टल खनन परियोजनाओं की निगरानी एवं अनुदान के उपयोग के साथ-साथ परियोजना प्रस्तावों के ऑनलाइन प्रस्तुति में सक्षम बनाएगा।
  • इस पोर्टल में शोधकर्त्ता इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में परियोजनाओं की प्रगति रिपोर्ट एवं अंतिम तकनीकी रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर सकते हैं। 
  • इसके अलावा इस पोर्टल पर एक यूजर मैनुअल भी उपलब्ध है जहाँ खनन परियोजना प्रस्तावों की प्रस्तुति के लिये कदमवार प्रक्रियाओं को रेखांकित किया गया है। 
  • इस पोर्टल को नीति आयोग के एनजीओ दर्पण पोर्टल (NGO Darpan Portal) से समेकित किया गया है।

एनजीओ दर्पण पोर्टल (NGO Darpan Portal):

  • एनजीओ दर्पण पोर्टल की शुरुआत पूर्ववर्ती योजना आयोग द्वारा की गई थी जिसे 1 जनवरी, 2015 को बदलकर नीति आयोग (NITI Aayog) कर दिया गया था।
  • नीति आयोग इस पोर्टल पर साइन-अप करने के लिये सभी स्वैच्छिक संगठनों (VOs)/गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) को आमंत्रित करता है।
  • यह पोर्टल स्वैच्छिक संगठनों (VOs)/गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) को स्पष्ट तरीके से नामांकन करने में सक्षम बनाता है और इस प्रकार स्वैच्छिक संगठनों (VOs)/गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) तथा क्षेत्रों एवं राज्यों के बारे में सूचना संग्रह की सुविधा प्रदान करता है।

उर्जित पटेल

Urjit Patel 

भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल (Urjit Patel) को 19 जून, 2020 को ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी’ (National Institute of Public Finance and Policy- NIPFP) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

प्रमुख बिंदु:

  • उर्जित पटेल पूर्व नौकरशाह विजय केलकर की जगह लेंगे जिन्होंने लगभग 6 वर्ष तक NIPFP की अध्यक्षता की है।
  • उर्जित पटेल 22 जून, 2020 को NIPFP की अध्यक्षता ग्रहण करेंगे और इनका कार्यकाल चार वर्ष का होगा।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी

(National Institute of Public Finance and Policy- NIPFP):

  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (NIPFP) भारत का एक प्रमुख आर्थिक थिंक टैंक है। 
  • NIPFP वित्त मंत्रालय (भारत सरकार), पूर्ववर्ती योजना आयोग एवं कई राज्य सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से वर्ष 1976 में स्थापित एक स्वायत्त निकाय है।
  • यह एक स्वतंत्र गैर-सरकारी संस्था है और यह सरकारों की सार्वजनिक नीति में अनुसंधान को बढ़ावा देता है तथा केंद्र एवं राज्यों सरकार को सलाह देता है।
  • NIPFP की गवर्निंग काउंसिल में राजस्व सचिव, आर्थिक मामलों के सचिव और केंद्रीय वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार के अलावा नीति आयोग, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया और तीन राज्य सरकारों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं।

उल्लेखनीय है कि उर्जित पटेल ने 5 सितंबर, 2016 को भारतीय रिज़र्व बैंक के 24वें गवर्नर के रूप में पदभार ग्रहण किया था और कार्यकाल पूरा होने के लगभग 10 महीने पहले ही 10 दिसंबर, 2018 को अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था।   


सिविल सेवा बोर्ड

Civil Services Board

हाल ही में पंजाब सरकार ने IAS अधिकारियों को एक निश्चित कार्यकाल प्रदान करने के लिये सिविल सेवा बोर्ड (Civil Services Board- CSB) को सूचित किया है।

प्रमुख बिंदु:

  • सिविल सेवा बोर्ड, प्रवेश स्तर की भर्ती और संयुक्त सचिव स्तर से कम रैंक वाली नौकरी में पदोन्नति के लिये ज़िम्मेदार है। 
  • 2 जून की पंजाब सरकार की अधिसूचना के अनुसार, CSB की अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे और इसके सदस्यों में कार्मिक सचिव के साथ या तो वित्तीय आयुक्त (राजस्व) या गृह सचिव ( वरिष्ठता के आधार पर) शामिल होंगे।
  • सिविल सेवा बोर्ड राज्य कैडर के अधिकारियों के लिये कम-से-कम दो वर्ष का निश्चित कार्यकाल प्रदान करने हेतु केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करने का प्रावधान करता है।
  • इस निश्चित कार्यकाल से पहले उनका स्थानांतरण नहीं किया जा सकता है और यदि कोई उनके स्थानांतरण की सिफारिश करता है तो बोर्ड उसकी जाँच करेगा और इससे संबंधित निर्णय लेने का अंतिम अधिकार मुख्यमंत्री के पास है। 

गौरतलब है कि पंजाब में पिछली सरकार ने आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति एवं स्थानांतरण पर राज्य के विशेषाधिकार से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन करने से इंकार कर दिया था और इसके पीछे तर्क दिया था कि यदि उनका कार्यकाल तय होता है तो यह न केवल कार्यात्मक एवं प्रशासनिक समस्याएँ पैदा करेगा बल्कि राज्य सरकार के प्राधिकारों एवं अधिकार क्षेत्र को भी खत्म कर देगा।


नेर्विलिया सिंगापोरेंसिस

Nervilia Singaporensis

सिंगापुर में आर्किड (Orchid) मूल की एक नई प्रजाति नेर्विलिया सिंगापोरेंसिस (Nervilia Singaporensis) को बुकिट तिमाह नेचर रिज़र्व (Bukit Timah Nature Reserve) में खोजा गया।

Nervilia-Singaporensis

प्रमुख बिंदु:

  • नेर्विलिया वर्ग की प्रजातियों को सिंगापुर में स्थानीय रूप से विलुप्त मान लिया गया था। इस वर्ग की प्रजाति को अंतिम बार वर्ष 1889 में देखा गया था। 
  • नेर्विलिया सिंगापोरेंसिस (Nervilia Singaporensis) एक अद्वितीय फूल के आकार का होता है जो एक नुकीले सिरे एवं फूलों की तरह तिरछा होता है जो कभी खुलता नहीं हैं। इसका मतलब यह है कि इसे पुनुरुत्पादन करने के लिये आत्म-परागण (Self-Pollinate) करना पड़ता है।
  • यह प्रजाति 9 सेमी. तक बढ़ती है। यह प्रजाति राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर बहुत कम दिखाई देती है क्योंकि यह कम मात्रा में बीज उत्पन्न करता है जिससे इसका प्रसारित होना मुश्किल हो जाता है।
  • नेर्विलिया सिंगापोरेंसिस (Nervilia Singaporensis) की खोज से पहले सिंगापुर में ज़िन्गिबेर सिंगापुरेंसे (Zingiber Singapurense), हेंगुआना रूबिनेआ (Hanguana Rubinea), हेंगुआना त्रिंगुलता (Hanguana Triangulata) और स्प्लेशनोब्रयुम टेमासेकेंसिस (Splachnobryum Temasekensis) सहित चार स्थानिक पौधे थे।

बुकिट तिमाह नेचर रिज़र्व (Bukit Timah Nature Reserve):

  • बुकिट तिमाह नेचर रिज़र्व सिंगापुर में 1.64 वर्ग किलोमीटर में फैला एक प्रकृति रिज़र्व है जो सिंगापुर की सबसे ऊंची पहाड़ी ‘बुकिट तिमाह हिल’ (Bukit Timah Hill) की ढलान पर स्थित है।