प्रीलिम्स फैक्ट्स: 19 अक्तूबर, 2019 | 19 Oct 2019

अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह सैन्य अभ्यास 2019

Danx-19

अंडमान और निकोबार कमांड (Andaman and Nicobar Command- ANC) ने अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह सैन्य अभ्यास 2019 (Defence of Andaman & Nicobar Islands Exercise 2019- DANX 19) का आयोजन किया।

Danx-19

प्रमुख तथ्य:

  • वर्ष 2019 में इस संयुक्त सैन्य अभ्यास के दूसरे संस्करण का आयोजन 14-18 अक्तूबर, 2019 के मध्य किया गया।
  • इस संयुक्त सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना और तटरक्षक बल के सैनिकों ने भाग लिया।
  • इस सैन्य अभ्यास के पहले संस्करण का आयोजन वर्ष 2017 में किया गया था।

उद्देश्य:

  • अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह की क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करना।

अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह:

  • यह भारत का एक केंद्रशासित प्रदेश है जो बंगाल की खाड़ी में स्थित है।
  • अंडमान और निकोबार इस द्वीपसमूह के दो सबसे बड़े द्वीप हैं जिन्हें 10° अक्षांश रेखा विभाजित करती है।
  • अंडमान के द्वीप पर महा अंडमानी, ओंगे, जारवा और सेंटीनलीज़ जैसी नीग्रो जनजातियाँ निवास करती हैं, जबकि निकोबार द्वीप पर निकोबारी तथा शोम्पेन नामक मंगोलायड जनजातियाँ रहती हैं।
  • इसकी राजधानी पोर्ट ब्‍लेयर है।

सहारन सिल्वर चींटी

Saharan Silver Ant

उत्तरी सहारा मरुस्थल में पाई जाने वाली सहारन सिल्वर चींटी (Saharan Silver Ant) विश्व की सबसे तेज़ गति से चलने वाली चींटी है।

Saharan Silver Ant

वैज्ञानिक नाम:

  • इसका वैज्ञानिक नाम कैटाग्लिफिस बॉम्बाइकिना (Cataglyphis Bombycina) है।

प्रमुख तथ्य:

  • यह चींटी सहारा मरुस्थल की तीव्र गर्मी में कीड़े-मकोड़ों का शिकार करती है।
  • यह चींटी तेज़ गति से भागते समय कई बार अपने छह पैर उठाकर हवा में थोड़ी दूर तक उड़ भी सकती है।
  • इन चीटियों के सिर पर चमकीले बाल होते हैं जिससे तेज़ धूप से ये अपनी सुरक्षा करती हैं। यह चींटी 60 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी सामान्य अवस्था में रहते हुए शिकार कर सकती है।

सहारा मरुस्थल:

  • सहारा मरुस्थल विश्व का सबसे बड़ा और गर्म मरुस्थल है, यह अफ्रीका के उत्तरी भाग में स्थित है।
  • सहारा शब्द अरबी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ मरुस्थल होता है।
  • यह क्षेत्र विश्व के सबसे कम वर्षा वाले क्षेत्रों में से एक है। यहाँ पर दैनिक तापांतर भी बहुत अधिक है अर्थात् जहाँ दिन बहुत गर्म होता है वहीं इस क्षेत्र में रात का तापमान दिन की अपेक्षा अत्यधिक कम हो जाता है।
  • सहारा मरुस्थल में 20 से अधिक झीलें हैं, जिनमें से अधिकांश खारे पानी की झीलें हैं। इस मरुस्थल में चाड झील (Lake Chad) एकमात्र मीठे पानी की झील है।

दिल्ली शृंखला समुद्री शक्ति सेमिनार

Dilli Series Seapower Seminar

एझिमाला (केरल) स्थित भारतीय नौसेना अकादमी में दिल्ली शृंखला समुद्री शक्ति सेमिनार के छठे संस्करण का समापन 18 अक्तूबर, 2019 को किया गया।

Nalanda

सेमिनार के मुख्य विषय:

  • राष्ट्रों को आकार देने में समुद्री शक्ति की भूमिका (Role of Sea Power in Shaping of Nations)।
  • वैश्विक राजनीति में समुद्री शक्ति की केंद्रीयता (Centrality of Sea Power to Global Politics)।
  • भू-राजनीति को हिंद महासागरीय क्षेत्र में भारत की समुद्री रणनीति के साथ संबद्ध करना (Linking Geopolitics with India’s Maritime Strategy in the IOR)।
  • समुद्री शक्ति का जन्म हुआ अथवा सृजन किया गया? (Are Sea Powers Born or Made?)।
  • चीन की वैश्विक महत्त्वाकांक्षा: समुद्री क्षेत्र आयाम की समझ (China’s Global Ambitions: Understanding the Maritime Dimension)।

प्रतिभागी:

  • इस कार्यक्रम में कई सेवारत एवं सेवानिवृत्त वरिष्ठ नौसेना अधिकारी, प्रख्यात शिक्षाविद, थिंक टैंक के प्रतिनिधि और रक्षा विश्लेषक शामिल हुए।

माउंट दिल्ली:

  • इस सेमिनार को एझीमाला स्थित माउंट दिल्ली में आयोजित किया गया इसलिये इस सेमिनार को 'दिल्ली' श्रृंखला कहा गया, यह इस क्षेत्र के समुद्री इतिहास के विकास का गवाह रहा है।

महत्त्व:

  • इस सेमिनार के अनुभव युवा अधिकारियों और कैडेटों को प्रोत्साहित करेंगे।

प्रियंका दास

Priyanka Das Rajkakati

अंटार्कटिका में वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यक्रम होमवार्ड बाउंड (Homeward Bound) के पांँचवें संस्करण के लिये भारत मूल की प्रियंका दास (Priyanka Das Rajkakati) को चुना गया है।

Priyanka Das

होमवार्ड बाउंड क्या है?

  • यह एक वैश्विक पहल है जिसमें अंटार्कटिका के लिये वैज्ञानिक अनुसंधान अभियान हेतु प्रशिक्षण दिया जाता है।
  • नवंबर 2020 में अंटार्कटिका अभियान हेतु STEMM (Science, Technology, Engineering, Mathematics and Medicine) पृष्ठभूमि से संबंधित महिलाओं का चयन करके उन्हें एक वर्ष का प्रशिक्षण दिया जाएगा। भारतीय मूल की प्रियंका दास को भी इसी सत्र में प्रशिक्षित किया जाएगा।

प्रियंका दास के बारे में:

  • प्रियंका दास मूलरूप से असम की हैं और उन्होंने नई दिल्ली स्थित सेंट स्टीफन कॉलेज से भौतिकी में स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है।
  • सेंट स्टीफंस से स्नातक स्तर की शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने फ्रांँस के एकोल पॉलीटेक्निक (École Polytechnique) से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में परास्नातक किया।
  • उन्होंने तीन वर्ष पहले भारतीय नागरिकता छोड़ दी है और वर्तमान में फ्रांँस के पासपोर्ट पर फ्रांँस में ही रह रही हैं।