प्रीलिम्स फैक्ट्स: 18 फरवरी, 2019 | 18 Feb 2019

म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन 2019 (Munich Security Conference– MSC)

15-17 फरवरी, 2019 तक 55वें म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन किया गया। गौरतलब है कि यह आयोजन जर्मनी के म्यूनिख शहर में किया जाता है।

  • MSC के अध्यक्ष, वोल्फगैंग इस्चिंगर की अध्यक्षता में राजनीति, व्यापार, शिक्षा और नागरिक समाज के 600 से अधिक उच्च स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय निर्णायकर्त्ताओं ने वर्तमान संकटों और भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की।
  • म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन 2019 में पहली बार ‘जॉन मैक्केन शोध प्रबंध पुरस्कार’ प्रदान किया गया।
  • अंतराष्ट्रीय संबंधों को मज़बूत करने में स्वर्गीय जॉन मैक्केन के महत्त्वपूर्ण योगदान का सम्मान करते हुए इस पुरस्कार की स्थापना राजनीतिक विज्ञान के क्षेत्र में असाधारण शैक्षणिक उपलब्धियों को मान्यता देने के लिये की गई।
  • अबीगेल पोस्ट एवं अलराइक फ्रेंक एस पुरस्कार से नवाजे गए।

काला हिरण (Black buck)

काला हिरण (Black buck) पंजाब के फाजिल्का ज़िले में स्थित अबोहर वन्यजीव अभयारण्य (AWS) में अपने अस्तित्व के लिये संघर्ष कर रहा है। ध्यातव्य है कि IUCN की रेड डेटा बुक में इसे ‘लीस्ट कंसर्न’ (Least Concern) सूची में रखा गया है।

  • काला हिरण कृष्णमृग बहुसिंगा की प्रजाति है, यह प्रजाति भारतीय उपमहाद्वीप में पाई जाती है। काला हिरण बहुसिंगा प्रजाति की इकलौती जीवित जाति है।
  • इसका वैज्ञानिक नाम ‘Antilope Cervicapra’ है, जिसे ‘भारतीय मृग’ (Indian Antelope) के नाम से भी जाना जाता है। ये आमतौर पर भारत, पाकिस्तान और नेपाल में पाए जाते हैं।
  • भारत में काले हिरण आमतौर पर राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में पाए जाते हैं।
  • काला हिरण राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और आंध्र प्रदेश का राज्य-पशु है और यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I में शामिल है।
  • यह मुख्य रूप से अपने गहरे रंग तथा राजसी सर्पिल सींग (Majestic Spiral Horns) के लिये जाना जाता है। प्रारंभ में यह हिमालय के दक्षिण में लगभग पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता था।
  • किंतु 20वीं सदी के दौरान इसकी जनसंख्या में काफी कमी आई, बांग्लादेश एवं पाकिस्तान की भूमि से ये विलुप्त हो गए तथा अब ये भारत और नेपाल के तराई क्षेत्रों तक सीमित रह गए हैं।
  • यह घास के मैदानों एवं खुले जंगलों के साथ-साथ कृषिगत क्षेत्रों के बाहरी ज़ोन में पाया जाता है।
  • जल पर अति निर्भरता होने के कारण इनका क्षेत्रगत विस्तार सीमित हो जाता है। ये मुख्य रूप से स्थिर अथवा गतिरहित (Sedentary) जीव होते हैं, किंतु गर्मियों में पानी की तलाश में लंबी दूरियाँ तय करते रहते हैं।

टैगोर सांस्कृतिक सद्भावना पुरस्कार

हाल ही में भारत के राष्ट्रपति ने टैगोर सांस्कृतिक सद्भावना पुरस्कार प्रदान किया है। गौरतलब है कि संस्कृति मंत्रालय ने वर्ष 2014, 2015 और 2016 के लिये टैगोर सांस्कृतिक सद्भावना पुरस्कार देने की घोषणा पिछले वर्ष की थी।

  • यह पुरस्कार क्रमशः मणिपुर नृत्य के महान कलाकार श्री राजकुमार सिंहाजित सिंह, छायानट (बांग्लादेश का सांस्कृतिक संगठन) और भारत के महान मूर्तिकार श्री राम वनजी सुतार को दिया गया है।
  • यह निर्णय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में निर्णायक मंडल द्वारा लिया गया था जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री रंजन गोगोई, श्री एन. गोपालास्वामी और डॉ. विनय सहस्रबुद्धे शामिल थे।

पृष्ठभूमि

  • इस वार्षिक पुरस्कार की स्थापना भारत सरकार द्वारा गुरुदेव रबिन्द्रनाथ टैगोर की 150वीं जयंती के अवसर पर वर्ष 2011 में की गई थी। पहला टैगोर पुरस्कार वर्ष 2012 में भारत के महान सितारवादक पंडित रविशंकर को और दूसरा पुरस्कार वर्ष 2013 में श्री जुबीन मेहता को प्रदान किया गया।
  • पुरस्कार में एक करोड़ रुपए की धनराशि, प्रशस्तिपत्र, पट्टिका और पारंपरिक दस्तकारी/हथकरघा से बना उत्कृष्ट उपहार प्रदान किया जाता है।
  • यह पुरस्कार राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, आस्था या लिंग से इतर व्यक्ति को दिया जाता है।