प्रीलिम्स फैक्ट्स : 17 जनवरी, 2019 | 17 Jan 2019

‘सक्षम 2019’ (Saksham 2019)

Saksham 2019


16 जनवरी, 2019 को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (Ministry of Petroleum and Natural Gas) के तत्त्वावधान में पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (Petroleum Conservation Research Association-PCRA) के वार्षिक जनकेंद्रित अभियान ‘सक्षम 2019’ की शुरुआत की गई।

  • इसके लिये PCRA तथा सार्वजनिक क्षेत्र की प्रसिद्ध तेल एवं गैस कंपनियों द्वारा एक माह तक चलने वाले कार्यक्रम ‘सक्षम 2019’ के दौरान विभिन्न संवादमूलक कार्यक्रमों और गतिविधियों की योजना बनाई गई है।
  • सक्षम का पूरा नाम संरक्षण क्षमता महोत्सव (Sanrakshan Kshamata Mahotsav) है।
  • इस अभियान की टैगलाइन – इंधन संरक्षण की ज़िम्मेदारी, जन गण की भागीदारी (Indhan Sanrakshan Ki Jimmedari, Jan Gan Ki Bhagidari) है।

PCRA

  • पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (PCRA) पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार के तत्त्वावधान में स्थापित एक पंजीकृत सोसायटी है।
  • गैर-लाभकारी संगठन के रूप में PCRA एक राष्ट्रीय सरकारी संस्था है जो अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में उर्जा दक्षता को प्रोत्साहन देने में कार्यरत है।
  • यह तेल की आवश्यकता के संदर्भ में देश की अत्यधिक निर्भरता को कम करने हेतु पेट्रोलियम संरक्षण की नीतियाँ एवं रणनीतियाँ प्रस्तावित करने में सरकार की सहायता करता है।

वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2019 (World University Ranking 2019)


हाल ही में लंदन स्थित वैश्विक संगठन टाइम्स हायर एजुकेशन ने इमर्जिंग इकोनॉमीज़ यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2019 (Emerging Economies University Rankings 2019) जारी की।

  • टाइम्स हायर एजुकेशन (Times Higher Education) द्वारा जारी इस रैंकिंग में 43 देशों के 450 विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया है।
  • इस रैंकिंग में भारत के 49 संस्थानों को स्थान मिला है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष इस रैंकिंग में भारत के 42 संस्थानों को स्थान मिला था।

शीर्ष 100 में शामिल भारतीय संस्थान

संस्थान का नाम रैंकिंग
IISC बंगलूरू 14
IIT बॉम्बे 27
IIT रुड़की 35
IIT कानपुर 46
IIT खड़गपुर 55
IIT इंदौर 61
JSS एकेडमी ऑफ़ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च 64
IIT दिल्ली 66
IIT मद्रास 75
सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी, पुणे 93
  • इस सूची में चीन के 75 संस्थान शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि शीर्ष 5 में से 4 स्थानों पर चीन के संस्थानों को स्थान मिला है।

‘सांझी-मुझ में कलाकार’ (SANJHI –MUJH MEIN KALAKAR)


“सांझी-मुझ में कलाकार” संगीत नाटक अकादमी (Sangeet Natak Akademi-SNA) का एक वेब अभियान है जिसके दूसरे चरण की शुरुआत SNA द्वारा की जाएगी।

  • यह अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (Intangible Cultural Heritage-ICH) तथा सीधे जन भागीदारी द्वारा विविध सांस्कृतिक विरासतों को विकसित और प्रोत्साहित करने की दिशा में एक पहल है।
  • यह एक विशिष्ट प्रतिभा खोज कार्यक्रम है जिसमें भागीदार संगीत, नृत्य, नाटक, कठपुतली, लोक और जनजातीय कलाओं,  पाक कौशल, चित्रकला और मूर्ति कला जैसे क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।
  • इस अभियान के पहले चरण की शुरुआत नवंबर 2018 में की गई थी।

संगीत नाटक अकादमी (Sangeet Natak Akademi)

  • संगीत नाटक अकादमी भारत गणराज्य द्वारा स्थापित, नृत्य और नाटक की प्रथम राष्ट्रीय एकेडमी है। 
  • यह भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्था है।
  • इसका गठन भारत सरकार के तत्कालीन शिक्षा मंत्रालय के 31 मई, 1952 के प्रस्ताव के ज़रिये किया गया था और भारत के गज़ट में इसे जून 1952 में अधिसूचित किया गया था। इसके पहले अध्यक्ष डॉ. पी. वी. राजमन्नार थे।
  • यह अमूर्त सांस्कृतिक विरासत और विभिन्न यूनेस्को (UNESCO) सम्मेलनों से संबंधित मामलों को समन्वित करने के लिये भारत की सांस्कृतिक विविधता, विभिन्न सांस्कृतिक परंपराओं और अभिव्यक्तियों का प्रचार एवं प्रसार करती है।

गांधी शांति पुरस्कार (Gandhi Peace Prize)


सरकार ने चार वर्षों 2015, 2016, 2017 और 2018 के गांधी शांति पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा कर दी है।

  • वर्ष 2015,2016,2017 और 2018 के लिये गांधी शांति पुरस्कार से निम्नलिखित को सम्मानित किया गया है-
वर्ष सम्मानित संस्था/व्यक्ति कार्य
2015 विवेकानंद केंद्र, कन्याकुमारी ग्रामीण विकास, शिक्षा तथा प्राकृतिक संसाधनों का विकास
2016 अक्षयपात्र फाउंडेशन तथा सुलभ इंटरनेशनल अक्षयपात्र को भारत के लाखों बच्चों को मध्यान्ह भोजन उपलब्ध कराने तथा सुलभ इंटरनेशनल को सिर पर मैला ढोने वालों की मुक्ति के लिये
2017 एकल अभियान ट्रस्ट आदिवासी व ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा का प्रसार, ग्रामीण सशक्तीकरण, लैंगिक और सामाजिक समानता
2018 योहेई ससाकावा (YoheiSasakawa), विश्व स्वास्थ्य संगठन के सद्भावना दूत भारत और दुनिया भर में कुष्ठ रोग उन्मूलन में उनके योगदान के लिये
  • वर्ष 2014 में यह पुरस्कार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation-ISRO) को दिया गया था।

पृष्ठभूमि

  • महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में वर्ष 1995 में भारत सरकार द्वारा इस वार्षिक पुरस्कार की शुरुआत की गई थी।
  • इस पुरस्कार के तहत 1 करोड़ रुपए की राशि, प्रशस्ति-पत्र, एक पट्टिका के साथ-साथ एक उत्कृष्ट पारंपरिक हस्तकला/हथकरघा की वस्तु दी जाती है।
  • यह पुरस्कार अहिंसा और अन्य गांधीवादी तरीकों से सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक परिवर्तन में योगदान करने वाले लोगों और संस्थानों को दिया जाता है।