प्रीलिम्स फैक्ट्स: 15 मार्च, 2019 | 15 Mar 2019

क्रेडिट रेटिंग एजेंसियाँ (Credit Rating Agencies)

भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर की अध्यक्षता में वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की उप-समिति ने क्रेडिट रेटिंग की गुणवत्ता से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने के तरीकों पर चर्चा की।

  • भारत में सेबी (Security Exchange Board of India-SEBI), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (क्रेडिट रेटिंग एजेंसीज़) विनियम, 1999 के तहत क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को परिचालित करता है।
  • वर्त्तमान में 7 क्रेडिट रेटिंग एजेंसियाँ CRISIL, ICRA, CARE, INFOMERICS, BRICKWORK, इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च और ACUITE रैंकिंग एंड रिसर्च लिमिटेड सेबी के अंतर्गत पंजीकृत हैं।
  • गौरतलब है कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड की स्थापना भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के अनुसार 12 अप्रैल, 1992 को हुई थी और इसका मुख्यालय मुंबई में है।
  • सेबी के मुख्य कार्य हैं-
  1. प्रतिभूतियों (Securities) में निवेश करने वाले निवेशकों के हितों का संरक्षण करना।
  2. प्रतिभूति बाज़ार (Securities Market) के विकास का उन्नयन तथा उसे विनियमित करना और उससे संबंधित या उसके अनुषांगिक विषयों का प्रावधान करना।

भारत ऊर्जा प्रारूपण फोरम  (India Energy Modelling Forum)

  • हाल ही में नीति आयोग और संयुक्‍त राज्‍य अंतर्राष्‍ट्रीय विकास एजेंसी ने भारत ऊर्जा प्रारूपण फोरम (IEMF) की पहली कार्यशाला आयोजित की।
  • पैसिफिक नॉर्थ-वेस्‍ट नेशनल लैबोरेटरी (PNNL) के सहयोग से इस दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था।
  • यह फोरम भारत के ऊर्जा भविष्‍य के संबंध में विचारों के आदान-प्रदान, परिदृश्‍य परिचर्चा व योजना निर्माण के लिये एक मंच उपलब्‍ध कराता है।
  • कार्यशाला में आठ विशेषज्ञ-सत्र आयोजित किये गए। इन सत्रों में भारत-केंद्रित ऊर्जा प्रारूपण पर चर्चा हुई।
  • पैनल विशेषज्ञों ने इस कार्यशाला में ग्रामीण-शहरी विभेद को कम करने पर विशेष ज़ोर दिया।
  • फोरम का लक्ष्‍य भारत सरकार तथा नीति निर्माताओं व विशेषज्ञों के बीच आपसी सहयोग और समन्‍वय को बेहतर बनाना तथा भारतीय संस्‍थानों के क्षमता निर्माण और शोध के लिये भविष्‍य के क्षेत्र की पहचान करना है।