प्रीलिम्स फैक्ट्स: 11 अक्तूबर, 2019 | 11 Oct 2019

अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस

(International Day of the Girl Child)

हर साल 11 अक्तूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। इस बार यानी वर्ष 2019 में 7वाँ अंतराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है।

नोट: अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्तूबर को जबकि राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी को मनाया जाता है।

International Girl Day

विषय वस्तु/थीम:

  • वर्ष 2019 के लिये अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस की थीम "Girl Force: Unscripted and Unstoppable" है जबकि राष्ट्रीय बालिका दिवस की थीम “उज्जवल कल के लिये लड़कियों का सशक्तीकरण” ('Empowering Girls for a Brighter Tomorrow') थी।
  • वर्ष 2018 में अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस की थीम “With Her: A Skilled GirlForce” थी।

उद्देश्य:

  • बालिकाओं के अधिकारों का संरक्षण करना
  • उनके समक्ष आने वाली चुनौतियों एवं कठिनाईयों की पहचान करना
  • समाज में जागरूकता लाकर बालिकाओं को बालकों के समान अधिकार दिलाना

प्रथम अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस

  • पहली बार अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस का आयोजन वर्ष 2012 में किया गया था। प्रथम अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस की थीम “बाल विवाह की समाप्ति” (Ending Child Marriage) थी।

बालिकाओं से संबंधित भारत सरकार की प्रमुख पहलें:

  • बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ
  • सुकन्या समृद्धि योजना
  • किशोरियों के सशक्तीकरण के लिये राजीव गांधी योजना (सबला), आदि

PII-ICRC वार्षिक अवार्ड्स

हाल ही में प्रेस इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (PII) और इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस (ICRC) के 13वें संस्करण में किसी मानवीय विषय पर सर्वश्रेष्ठ लेख और सर्वश्रेष्ठ तस्वीर के लिये वार्षिक पुरस्कारों की घोषणा की गई।

PII-ICRC

थीम:

  • इस पुरस्कारों की घोषणा मानवीय मुद्दों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव (Impact of Climate Change on Humanitarian Issues) थीम के तहत की गई है।

विजेता लेखक

  • प्रथम पुरस्कार- उर्वशी सरकार: ‘Our houses are vanishing. Nobody cares’ लेख के लिये।
  • द्वितीय पुरस्कार- दिशा शेट्टी: ‘Bengali-speaking students in Kannada-medium Bengaluru school reveal journey of climate change refugees from disappearing islands’ के लिये।
  • तृतीय पुरस्कार- अनूप शर्मा: ‘Living like Nomads’ के लिये।

विजेता फोटोग्राफर

  • प्रथम पुरस्कार- जी.शिवप्रसाद (मातृभूमि के फोटोग्राफर): ‘Close to the heart’ नामक तस्वीर के लिये; रिजो जोसफ (मलयाला मनोरमा के प्रमुख फोटोग्राफर): ‘Running for life’ के लिये।
  • द्वितीय पुरस्कार- रिंकू राज (मलयाला मनोरमा के वरिष्ठ फोटोग्राफर): ‘Rough sea, tough life’ के लिये।
  • तृतीय पुरस्कार- बिबिन ज़ेवियर: 'It was life’ के लिये।

स्पेशल पुरस्कार

  • चेन्नई के स्वतंत्र पुरस्कार जेंसी सैमुअल को लेख ‘Unpredictable seas push fishers away from home’ के लिये।
  • दिल्ली के स्वतंत्र पत्रकार निखिल घाणेकर को ‘When the hills go thirsty’ के लिये।
  • सर्वश्रेष्ठ फोटोग्राफ के श्रेणी में लोकमत, पुणे के वरिष्ठ फोटोग्राफर प्रशांत के. को ‘Mining the aquifer’ नाम तस्वीर के लिये।

सरस आजीविका मेला

(SARAS Aajeevika Mela)

नयी दिल्‍ली के इंडिया गेट पर 10 से 23 अक्तूबर, 2019 तक सरस आजीविका मेले का आयोजन किया जा रहा है।

SARAS AAJEEVIKA MELA

संबंधित मंत्रालय:

  • यह मेला केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development) के दीन दयाल दयाल उपाध्‍याय योजना की एक पहल है जिसका उद्देश्‍य ग्रामीण महिला स्‍वयं सहायता समूहों को अपने कौशल का प्रदर्शन करने, उत्‍पादों को बेचने और थोक खरीदारों के साथ सीधे संपर्क बनाने का अवसर प्रदान करना है।

आयोजनकर्त्ता:

  • लोक कार्यक्रम और ग्रामीण प्रौद्योगिकी विकास परिषद (Council for Advancement of People’s Action and Rural Technology-CAPART)।
  • CAPART ग्रामीण विकास मंत्रालय की विपणन शाखा है।

लाभ:

मेले के माध्‍यम से स्‍वयं सहायता समूहों की महिला सदस्‍यों को शहरी ग्राहकों की मांग और रुचि को समझने के लिये राष्‍ट्रीय स्‍तर पर मौका मिलेगा।


सुरक्षित मातृत्व आश्वासन योजना

(Surakshit Matritva Aashwasan-SUMAN)

10 अक्तूबर, 2019 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने ‘सुरक्षित मातृत्व आश्वासन’ (Surakshit Matritva Aashwasan-SUMAN) योजना की शुरुआत की।

SUMAN

  • इस योजना की घोषणा स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय के केंद्रीय परिषद के 13वें सम्‍मेलन की शुरुआत के दौरान की गई।

संबंधित मंत्रालय: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare)।

उद्देश्य

  • देश में मातृत्व मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना।
  • अस्‍पताल में मातृ और शिशु मृत्‍यु की रोकथाम, भुगतान रहित तथा सम्‍मानजनक और गुणवत्‍तापूर्ण चिकित्‍सा सुविधा उपलब्‍ध कराना।

अन्य संबंधित योजना

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA): प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत प्रत्येक माह की निश्चित नवीं तारीख को सभी गर्भवती महिलाओं को व्यापक और गुणवत्तायुक्त प्रसव पूर्व देखभाल प्रदान करना सुनिश्चित किया गया है।

  • इस अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उनकी गर्भावस्था के दूसरी और तीसरी तिमाही की अवधि (गर्भावस्था के 4 महीने के बाद) के दौरान प्रसव पूर्व देखभाल सेवाओं का न्यूनतम पैकेज प्रदान किया जाता है।

गर्भवती महिलाओं को वित्तीय सहायता– प्रधानमंत्री द्वारा इस योजना की घोषणा वर्ष 2016 में प्रसूति मृत्यु दर में कमी लाने के प्रयास के रूप में की गई थी।

  • इस योजना के तहत 6, 000 रुपए की वित्तीय सहायता गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में प्रसव के बाद महिला के बैंक खाते में प्रदान की जाती है।

मातृत्व अवकाश में वृद्धि– कामकाजी महिलाओं के लिये मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया है।