स्वदेशी 700 मेगावाट PHWRs हेतु परिचालन लाइसेंस | 08 Jul 2025
स्रोत: TH
परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (Atomic Energy Regulatory Board- AERB) ने गुजरात के काकरापार परमाणु विद्युत स्टेशन (KAPS) में दो स्वदेशी रूप से विकसित (KAPS-3 और KAPS-4) 700 मेगावाट (मेगावाट विद्युत) दाबित भारी जल रिऐक्टर (PHWRs) के संचालन हेतु लाइसेंस प्रदान किया।
- AERB ने 15 वर्षों की कठोर बहु-स्तरीय सुरक्षा समीक्षा के बाद भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (NPCIL) को संचालन के लिये 5 वर्ष का लाइसेंस प्रदान किया।
- इससे NPCIL की 700 मेगावाट क्षमता के 10 और PHWRs बनाने की योजना को प्रोत्साहन मिलेगा।
- NPCIL भारत में सभी परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का स्वामित्व और संचालन करता है, PFBR प्रकारों को छोड़कर (इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र के स्वामित्व में)।
- भारत वर्तमान में 220 मेगावाट के 15 PHWRs, 540 मेगावाट के 2 PHWRs, तथा राजस्थान के रावतभाटा में 700 मेगावाट का एक रिएक्टर संचालित करता है।
- PHWR एक प्रकार का परमाणु रिएक्टर है जो भारी जल (ड्यूटेरियम ऑक्साइड, D₂O) को शीतलक एवं मंदक दोनों के रूप में उपयोग करता है, जहाँ प्राकृतिक या हल्का समृद्ध यूरेनियम ईंधन के रूप में कार्य करता है।
- AERB भारत का राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण है जो देश में परमाणु ऊर्जा और विकिरण प्रौद्योगिकियों के सुरक्षित उपयोग को सुनिश्चित करने हेतु उत्तरदायी है।
- परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 के तहत 1983 में स्थापित AERB परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) के तहत एक स्वतंत्र निकाय के रूप में कार्य करता है।
- भारत की परमाणु ऊर्जा क्षमता वर्तमान में 8.18 गीगावाट (2024) है , जिसका लक्ष्य वर्ष 2031-32 तक 22.48 गीगावाट और वर्ष 2047 तक 100 गीगावाट निर्धारित किया गया है।
और पढ़ें: भारत का परमाणु कार्यक्रम