ऑपरेशन संकल्प | 21 Jun 2022

भारतीय नौसेना का स्टील्थ फ्रिगेट, आईएनएस तलवार वर्तमान में भारत के समुद्री हितों की सुरक्षा के उद्देश्य से खाड़ी क्षेत्र में भारतीय नौसेना की उपस्थिति के लगातार तीसरे वर्ष में ऑपरेशन-संकल्प के लिये तैनात है। 

ऑपरेशन संकल्प 

  • परिचय: 
    • भारतीय नौसेना ने भारतीय जहाजों की सुरक्षा  सुनिश्चित करने के उपाय के रूप में फारस की खाड़ी और ओमान की खाड़ी में 'ऑपरेशन संकल्प' शुरू किया है। 
  • पृष्ठभूमि: 
    • जून 2019 को ओमान की खाड़ी में व्यापारी जहाज़ों पर हुए हमले के बाद खाड़ी क्षेत्र में खराब होती सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, भारतीय नौसेना ने होर्मुज जलसंधि से गुजरने वाले भारतीय ध्वज धारक पोतों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिये 19 जून, 2019 को खाड़ी क्षेत्र में ऑपरेशन संकल्प नामक समुद्री सुरक्षा कार्य शुरू किये। 

Strait-of-Hormuz

  • परिनियोजन: 
    • इस ऑपरेशन के लिये अब तक तेईस युद्धपोतों को तैनात किया गया है और खाड़ी क्षेत्र में हर दिन औसतन 16 भारतीय ध्वज वाले व्यापारिक जहाज़ो को सुरक्षित मार्ग प्रदान किया जा रहा है। 
    • भारतीय नौसेना का स्टील्थ फ्रिगेट, INS तलवार वर्तमान में खाड़ी क्षेत्र में तैनात है। 
  • महत्त्व: 
    • भारत अपनी तेल मांँग के लगभग 85% आयात पर निर्भर है। वर्ष 2019-2020 में, लगभग 66 बिलियन अमेरिकी डाॅलर मूल्य के भारत के तेल आयात का लगभग 62% खाड़ी क्षेत्र से आयात किया गया था। 
    • फारस की खाड़ी में मौजूदा सुरक्षा स्थिति के कारण, इस क्षेत्र से गुजरने वाले भारतीय ध्वज वाले व्यापारिक जहाजों को सुरक्षा प्रदान करना आवश्यक है। 

आईएनएस तलवार: 

  • INS तलवार (F40) भारतीय नौसेना के तलवार श्रेणी के युद्धपोतों का प्रमुख जहाज़ है। 
  • रूस में निर्मित इस जहाज़ को जून 2003 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। 
  • विशेषताएँ: 
    • एंटी-एयर ऑपरेशन 
    • जहाज रोधी/भूमि पर हमला करने वाली मिसाइलें 
    • पनडुब्बी रोधी युद्ध 

फारस की खाड़ी: 

  • इसे अरब की खाड़ी भी कहा जाता है, यह हिंद महासागर का एक उथला सीमांत समुद्र है जो अरब प्रायद्वीप और दक्षिण-पश्चिमी ईरान के बीच स्थित है।  
  • इसकी लंबाई लगभग 990 किमी. है और होर्मुज जलसंधि्य में इसकी चौड़ाई अधिकतम लगभग 340 किमी. से लेकर न्यूनतम 55 किमी. तक होती है।  
  • इस क्षेत्र में दुनिया के अनुमानित सिद्ध तेल भंडार का लगभग दो-तिहाई और दुनिया के अनुमानित सिद्ध प्राकृतिक गैस भंडार का एक-तिहाई हिस्सा है। 
  • काफी मात्रा में समुद्री व्यापार खाड़ी से होकर गुजरता है, जिसके कारण ईरान, कुवैत, सऊदी अरब, बहरीन, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य स्थानों पर स्थित बड़े समुद्री टर्मिनलों से दुनिया के सभी हिस्सों में तेल ले जाने वाले बड़े टैंकरों का यातायात होता है। 

ओमान की खाड़ी 

  • ओमान की खाड़ी, अरब सागर की उत्तर-पश्चिमी भाग अरब प्रायद्वीप (ओमान) के पूर्वी भाग और ईरान के बीच स्थित है। 
  • यह 560 किमी लंबी है और होर्मुज जलसंधि के माध्यम से फारस की खाड़ी से जुड़ती है। 
  • यह फारस की खाड़ी के आसपास के तेल उत्पादक क्षेत्र के लिये एक शिपिंग मार्ग है। 
  • यह अरब सागर और हिंद महासागर से फारस की खाड़ी में एकमात्र प्रवेश द्वार प्रदान करता है। इस प्रकार, दुनिया के प्रमुख तेल निर्यातकों और आयातकों का इसकी सुरक्षा में संयुक्त हित है। 

 स्रोत: पी.आई.बी.