ओजू जलविद्युत परियोजना | 25 Sep 2025

स्रोत: IE

केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी ज़िले में ओजू जलविद्युत परियोजना को पर्यावरणीय मंज़ूरी दे दी है, जिससे चीन सीमा के निकट भारत की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं में से एक के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

  • ओजू जलविद्युत परियोजना 2,220 मेगावाट की नदी-प्रवाह (रन्-ऑफ-रिवर) जलविद्युत परियोजना है।
  • इसका उद्देश्य सुबनसिरी बेसिन की विशाल जलविद्युत क्षमता का दोहन करना है, जिससे भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में महत्त्वपूर्ण योगदान मिलेगा।
  • महत्त्व: यह जलविद्युत विकास के लिये पूर्वोत्तर में बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम है।
    • यह परियोजना सुबनसिरी बेसिन में सबसे बड़ी है, जो नियारे, नाबा, नालो, डेंगसेर, ऊपरी और निचले सुबनसिरी जैसी परियोजनाओं से ऊपर स्थित है, जिससे यह बेसिन-व्यापी ऊर्जा नियोजन के लिये महत्त्वपूर्ण हो जाती है।
    • अंतर्राष्ट्रीय सीमा से इसकी निकटता ऊर्जा सुरक्षा की दृष्टि से भी इसके महत्त्व को बढ़ाती है।
  • सुबनसिरी नदी
    • सुबनसिरी नदी, जिसे गोल्ड नदी के नाम से भी जाना जाता है, यह एक ट्रांस-हिमालयन नदी है।
    • यह तिब्बती हिमालय के माउंट पोरोम (5059 मीटर) के पश्चिमी भाग से उत्पन्न होती है।
    • यह अरुणाचल प्रदेश में मिरी हिल्स के माध्यम से भारत में प्रवेश करती है।
    • ब्रह्मपुत्र नदी के दाएँ उत्तर तट की सबसे लंबी उपनदी के रूप में, सुबनसिरी नदी असम के माजुली द्वीप पर ब्रह्मपुत्र से मिलती है, जो एशिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप है। 

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