नोबेल शांति पुरस्कार 2025 | 13 Oct 2025
चर्चा में क्यों?
नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने वेनेज़ुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने के लिये उनके अथक प्रयासों और तानाशाही से लोकतंत्र में न्यायसंगत एवं शांतिपूर्ण संक्रमण हेतु उनके अटूट संघर्ष के लिये मारिया कोरिना मचाडो को वर्ष 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया है।
नोबेल शांति पुरस्कार 2025 की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- पुरस्कार विजेता: मारिया कोरिना मचाडो वेनेज़ुएला की एक राजनीतिज्ञ और लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्त्ता हैं, जिन्हें सत्तावाद के खिलाफ उनके साहसी रुख के लिये ‘आयरन लेडी ऑफ वेनेज़ुएला’ के रूप में जाना जाता है।
- वर्ष 1999 के बाद से, वेनेज़ुएला का शासन तानाशाही की ओर बढ़ता गया है, जो पहले एक अपेक्षाकृत स्थिर लोकतंत्र था। नागरिक गरीबी और सीमित स्वतंत्रताओं का सामना कर रहे हैं, जबकि विपक्ष निरंतर खतरों से जूझ रहा है।
- मारिया कोरिना मचाडो का योगदान: उन्होंने वर्ष 1992 में सड़क पर रहने वाले बच्चों की सहायता के लिये एटेनिया फाउंडेशन की स्थापना की और चुनावों की निगरानी करने तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान को बढ़ावा देने के लिये सुमाते (Súmate) की सह-स्थापना की।
- हिंसक प्रतिरोध के बजाय शांतिपूर्ण नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देते हुए ‘गोली की बजाय मतपत्र’ का समर्थन करके नागरिकों और विपक्षी समूहों को संगठित किया।
- खतरों के बावजूद वेनेज़ुएला में रहते हुए भी वह सत्तावादी शासन के खिलाफ मज़बूती से खड़ी रहीं और लोकतंत्र समर्थक आंदोलन को एकजुट करने के लिये कार्य किये।
- वैश्विक महत्त्व: मारिया कोरिना मचाडो को वर्ष 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया जाना इस बात पर प्रकाश डालता है कि लोकतंत्र देशों के भीतर और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शांति की नींव है।
क्या आप जानते हैं?
- भारत में दो नोबेल शांति पुरस्कार विजेता हैं: मदर टेरेसा (1979) और कैलाश सत्यार्थी (2014)।
- मदर टेरेसा: पीड़ित मानवता की सहायता के लिये उनके कार्य हेतु सम्मानित।
- कैलाश सत्यार्थी: बच्चों के दमन के खिलाफ और सभी बच्चों के शिक्षा के अधिकार के लिये उनके कार्य हेतु मलाला यूसुफज़ई के साथ वर्ष 2014 का नोबेल शांति पुरस्कार साझा किया गया।
- उन्होंने बचपन बचाओ आंदोलन की स्थापना की।
- नोबेल शांति पुरस्कार: वर्ष 1901 से नोबेल शांति पुरस्कार उन व्यक्तियों या संगठनों को दिया जाता रहा है जो राष्ट्रों के बीच भाईचारे को बढ़ावा देते हैं, स्थायी सेनाओं को कम करते हैं या शांति को आगे बढ़ाते हैं।
- शुरुआत में इसने शांति आंदोलन के अग्रदूतों को मान्यता दी, बाद में राजनेताओं, राजनयिकों और मानवीय कार्यों को भी इसमें शामिल किया गया।
- द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से हथियार नियंत्रण, शांति वार्ता, लोकतंत्र और मानवाधिकारों तथा अधिक शांतिपूर्ण विश्व के निर्माण पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है।
- 21वीं सदी में जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय खतरों से निपटने के प्रयासों पर भी विचार किया जाता है।
पढ़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: साहित्य में नोबेल पुरस्कार 2025
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. वर्ष 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कौन है?
मारिया कोरिना मचाडो को वेनेज़ुएला में लोकतंत्र और शांतिपूर्ण परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिये।
2. किन भारतीयों को नोबेल शांति पुरस्कार मिला है?
मदर टेरेसा (1979) और कैलाश सत्यार्थी (2014)।
3. नोबेल शांति पुरस्कार की मुख्य श्रेणियाँ क्या हैं?
नोबेल शांति पुरस्कार उन व्यक्तियों या संगठनों को दिया जाता है जो शांति को बढ़ावा देते हैं, संघर्षों का समाधान करते हैं, लोकतंत्र और मानवाधिकारों को आगे बढ़ाते हैं या वैश्विक स्थिरता तथा मानवीय कार्यों में योगदान देते हैं।