राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) | 09 Jun 2025

स्रोत: पी.आई.बी

रक्षा राज्य मंत्री ने पूरे देश में राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) के 3 लाख कैडेटों की संख्या बढ़ाने की घोषणा की है।

राष्ट्रीय कैडेट कोर

  • परिचय: NCC रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वैच्छिक त्रि-सेवा संगठन (सेना, नौसेना और वायु सेना) है, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है तथा इसकी स्थापना NCC अधिनियम, 1948 के तहत की गई है।
    • यह विश्व का सबसे बड़ा वर्दीधारी युवा संगठन है जिसके देशभर में 15 लाख से अधिक कैडेट हैं।
  • ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: कैडेट प्रशिक्षण की अवधारणा जर्मनी में 1666 में शुरू हुई। भारत में, इसकी शुरुआत प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारतीय रक्षा अधिनियम, 1917 के तहत स्थापित विश्वविद्यालय कोर से हुई
  • भारत में इसकी शुरुआत प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारतीय रक्षा अधिनियम, 1917 के तहत स्थापित विश्वविद्यालय कोर से हुई।
    • वर्ष 1920 के भारतीय प्रादेशिक अधिनियम के बाद, विश्वविद्यालय कोर को विश्वविद्यालय प्रशिक्षण कोर (UTC) के रूप में पुनर्गठित किया गया और बाद में वर्ष 1942 में इसका नाम बदलकर विश्वविद्यालय अधिकारी प्रशिक्षण कोर (UOTC) कर दिया गया।
    • द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसके सीमित प्रभाव के कारण एच.एन. कुंज़रू समिति की रिपोर्ट (1946) में एकीकृत युवा निकाय की सिफारिश की गई, जिसके परिणामस्वरूप NCC अधिनियम, 1948 बना। लैंगिक समावेशन को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 1949 में गर्ल्स डिवीज़न को जोड़ा गया।
  • उद्देश्य: इसका उद्देश्य युवाओं को अनुशासित, देशभक्त और ज़िम्मेदार नागरिक बनाना है।
  • युद्ध एवं सुधार में भूमिका: वर्ष 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों के दौरान NCC कैडेटों ने महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों की रक्षा, रसद पहुँचाने तथा बचाव एवं यातायात नियंत्रण में सहायता करके रक्षा प्रयासों में सहयोग किया।
    • वर्ष 1971 के बाद NCC ने युद्ध प्रशिक्षण पर अपना ध्यान कम करते हुए नेतृत्व, समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण की ओर अपना ध्यान केंद्रित किया।
  • संरचना एवं प्रशिक्षण: महानिदेशक (लेफ्टिनेंट जनरल का पद) के नेतृत्व में।
    • पूरे भारत के हाई स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों से नामांकन।
    • कैडेटों को बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण और प्रमाण-पत्र (A, B, C) प्राप्त होते हैं, जो सैन्य भर्ती के लिये पात्रता बढ़ाते हैं।

और पढ़ें: राष्ट्रीय कैडेट कोर